Ram Mandir Pran Pratishtha : भव्य अवतार में नजर आए रामलला, पहना हीरे जड़ा सोने का मुकुट, जानिए इसकी खासियत
Ram Mandir Pran Pratishtha : आज अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। यहां प्रभु राम का बाल रूप अवतार भक्तों को दर्शन देगा। ये अवतार बहुत सुंदर तरीके से सजाया गया है।
Ram Mandir Pran Pratishtha : आज अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो गई है और भक्तों के रामलला अपने गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। 16 जनवरी से यहां पर अनुष्ठान का कम चल रहा था जो आज पूरा हो चुका है। प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद कई सारी तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई है। इन तस्वीरों में रामलला का सुंदर रूप देखने लायक है। प्रभु राम को अपने हाथों में सोने का धनुष, हीरे मोती के रत्न और सिर पर सोने का मुकुट पहने हुए देखा जा सकता है। वाल्मिकी रामायण में भगवान राम के मुकुट का वर्णन दिया गया है। भगवान ने जो मुकुट पहना है वो उन पर बहुत ही सुंदर दिखाई दे रहा है।
इस अवतार में नजर आए रामलला
जो तस्वीर सामने आई है उसमें रामलाल को पीले रंग के वस्त्रों में देखा जा सकता है। तस्वीरों में रामलला को बड़े-बड़े हार और कमरबंद पहने हुए देखा जा रहा है। हीरे जड़े हुए यह रत्न लाल और हरे रंग के हैं। तस्वीरों में प्रभु ने सोने का मुकुट पहना हुआ है जो बहुत ही सुंदर दिख रहा है।
कैसा है मुकुट
तस्वीरों में रामलला ने सोने के मुकुट को धारण किया हुआ है जिसमें हरे रंग के रत्न लगे हुए दिखाई दे रहे हैं। इस मुकुट के ऊपर हिस्से में पान के आकार के तीन पत्तियां बनी हुई है। इन आकृतियों के बीच एक बड़ा हरे रंग का रत्न लगा हुआ है। भगवान को कानों में पहनने के लिए भी सुंदर रत्न बनाए गए हैं।
ऐसी है प्रभु की मूर्ति
राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की जो प्रतिमा स्थापित की गई है वह 5 साल का बाल स्वरूप है। प्रतिमा में माथे पर तिलक लगाए भगवान राम का बहुत ही सौम्य अवतार नजर आ रहा है। आभूषण और वस्त्रों से सजे हुए प्रभु पर उनकी मुस्कान चार चांद लगा रही है। कानों में कुंडल पैरों में कड़े बहुत ही खूबसूरत दिखाई पड़ रहे हैं। मूर्ति के नीचे आभामंडल में चारों भाइयों की छोटी छोटी मूर्तियां हैं जिनकी पूजन की गई है।
राम लला की इस मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। ये 4.24 फीट ऊंची और तीन फीट चौड़ी है। ये कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति है, जिनके हाथ में तीर और धनुष है। इसेकृष्ण शैली में तैयार किया गया है।
इस मूर्ति को श्याम शिला से तैयार किया गया है। इस शिला की आयु हजारों साल होती है और इसका किसी भी चीज से नुकसान नहीं होता है। जल से इसे कोई नुकसान नहीं होगा और ना ही चंदन, रोली लगाने से भी मूर्ति पर कोई प्रभाव पड़ेगा।