Independence day: आजादी के अमृत महोत्सव पर शहीदों के गांव सैदपुर में हर घर तिरंगा अभियान की धूम
Independence day: देश की राजधानी दिल्ली से महज 80 किमी दूर फौजियों और शहीदों के गांव के रूप में प्रख्यात सैदपुर गांव स्थित है। बुलंदशहर के सैदपुर गांव के हर घर के बाहर तिरंगा रंग गया है।
Independence day: देश की राजधानी दिल्ली से महज 80 किमी दूर फौजियों और शहीदों के गांव के रूप में प्रख्यात सैदपुर गांव स्थित है। बुलंदशहर के सैदपुर गांव के हर घर के बाहर तिरंगा रंग गया है। आपको बता दें सैदपुर गांव का आजादी से पहले से ही देश के प्रति बड़ा योगदान रहा है 1914 में हुए प्रथम विश्वयुद्ध में भी इस गांव के 29 जवानो ने प्राणों का बलिदान दे देश की खातिर शहादत दी थी। आज़ादी के बाद शहीदों की स्मृति में गांव में ये ही शहीद स्मारक बनाया गया था। जिस पर उन तमाम शहीदों के नाम भी स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हैं फ़कत इकलौता गांव हैं जहां सेना की भर्ती करने के लिए पूरा पैनल गांव में ही बैठा करता था, सैदपुर के हर परिवार का एक सदस्य देश की सेना में आज भी शामिल है देखिए बुलंदशहर से संदीप तायल की खास रिपोर्ट।
बता दें किसी ज़माने में इस गांव के हर एक घर से कोई ना कोई सेना में था परंतु काफी समय से भर्ती नहीं निकली है जिसके चलते गांव का पार्सेंटेज कम हो रहा है। गांव के लोगों का कहना है कि जब इस गांव के लोगों ने इतना बलिदान दिया है तो इस गांव को उस तरह की सुविधाएं भी तो मिलनी चाहिए। गांव के अंदर कोई भी सेना की कैंटीन नहीं है न ही स्पोर्ट्स ग्राउंड है। गांव के लोगों की मांग है कि गांव में स्पोर्ट्स कॉलेज व ग्राउंड बनाया जाए साथ ही कैंटीन और भर्ती जल्द से जल्द निकाली जाए ताकि गांव के युवा जो लंबे समय से भर्ती होने का इंतजार कर रहे हैं उनको आज़ादी के 75 साल पूरे होने पर सरकार की तरफ से तोहफे के रुप में नौकरियां मिल जाए।
ऐसी दरकार है क्योंकि गांव के युवा 3-4 साल से सेना में भर्ती की तैयारियां कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई भी भर्ती नही निकली है। सैदपुर गांव दिल्ली से 85 और बुलंदशहर मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर है बुलंदशहर की स्याना तहसील का गांव सैदपुर पूरे भारत में अपनी पहचान रखता है। हर घर तिरंगा अभियान के तहत बुलंदशहर के 946 गांव में से स्याना तहसील के सैदपुर गांव को चुना गया है जिसके हर घर पर तिरंगा रंगा गया है।