चौंकाने वाले आंकड़े: दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित है आजमगढ़ की आबोहवा

आजमगढ़ की आबोहवा दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित है। जिले के 9 स्थानों पर की गई मानीटरिंग के दौरान चौकाने वाले आंकड़े उभरकर सामने आए। यह मानीटरिंग 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान की ओर से किया गया और गुरुवार को इसकी रिपोर्ट शहर के होटल गरूण में क्लाइमेट एजेंडा, ग्रामीण पुर्ननिर्माण संस्थान और ताबीर संस्था के रवि शेखर, राजदेव चतुर्वेदी एवं तारिक शफीक ने प्रेस वार्ता करके संयुक्त रूप से जारी किया।

Update:2017-12-29 10:15 IST

आजमगढ़: आजमगढ़ की आबोहवा दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित है। जिले के 9 स्थानों पर की गई मानीटरिंग के दौरान चौकाने वाले आंकड़े उभरकर सामने आए। यह मानीटरिंग 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान की ओर से किया गया है। गुरुवार को इसकी रिपोर्ट शहर के होटल गरूण में क्लाइमेट एजेंडा, ग्रामीण पुर्ननिर्माण संस्थान और ताबीर संस्था के रवि शेखर, राजदेव चतुर्वेदी एवं तारिक शफीक ने प्रेस वार्ता करके संयुक्त रूप से जारी किया।

आजमगढ़ के वायु प्रदूषण के गंभीर हालात पर यह रिपोर्ट जारी करते हुए रवि शेखर ने बताया कि 9 अलग-अलग जगहों पर 9 और 10 दिसंबर 2017 को हवा में मौजूद प्रदूषण के कणों पीएम 10 और पीएम 2.5 को मापा गया। नरौली क्षेत्र में शाम के समय जो आंकड़े लिए गए वो बेहद चौकाने वाले रहे। यहां पीएम 10 कण अधिकतम 537 रहा जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों की तुलना में 11 गुना ज्यादा प्रदूषित है।

10 गुना ज्यादा जहरीली

वहीं पीएम 2.5 की मात्रा अधिकतम 324 रही जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार 10 गुना ज्यादा जहरीली है। रवि शेखर ने बताया कि जीयनपुर में पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा क्रमश: 491 और 291 पाई गई जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के वायु गुणवत्ता मानकों की तुलना में 8 गुणा और 10 गुणा प्रदूषित है।

सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र पहाड़पुर

रवि शेखर ने बताया कि तीसरे नंबर पर आजमगढ़ शहर में सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र पहाड़पुर रहा। जहां पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा अधिकतम 482 और 355 पाई गई जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 10 गुना और 12 गुना हानिकारक है। इसी तरह से शहर के हाफिजपुर चौराहे पर पीएम 10 व पीएम 2.5 की मात्रा क्रमश: 428 और 344, भंवरनाथ में 394 और316, सिधारी चौराहे पर 322 और 231, चौक चौराहे पर 291 तथा 171, आजमगढ़ रेलवे स्टेशन पर 273 व 146 और सिविल लाइन इलाके में 251 व 115 रहा।

गंभीर बीमारियों की वजह

जबकि भारत सरकार ने पीएम 10 की सामान्य मात्रा 100 और पीएम 2.5 की सामान्य मात्रा 60 तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पीएम 10 की सामान्य मात्रा 50 और पीएम 2.5 की सामान्य मात्रा 30 निर्धारित किया है। पीएम 10 और 2.5 के बारे में विस्तार से बताते हुए 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान के स्थानीय संगठनकर्ता राजदेव चतुर्वेदी ने बताया कि यह कण सीधे मानव स्वास्थ्य के नुकसान से जुड़े हुए हैं। पीएम 10 कण धूल कणों से निर्मित होता है जबकि पीएम 2.5 कण का निर्माण कोयला, डीजल, पेट्रोल और कूड़ा जलने से होता है। इसमें कई प्रकार के गैसों और सीसा, पारा, कैडमियम आदि भारी तत्वों की मौजूदगी रहती है। इसलिए डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने इसे हार्ट अटैक, कैंसर, अस्थमा, एलर्जी जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बताया है।

दिए निपटने के सुझाव

वातावरण में मौजूद इन कणों के कारण ही श्वास रोगी और अस्थमा के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश अभियान के स्थानीय सहयोगी तारीक शफीक ने ऐसे गंभीर हालत से निपटने के तरीके सुझाए और केन्द्र और राज्य सरकार से आग्रह किया कि इन सुझावों को अमल में लाए बगैर वायु प्रदूषण से निजात संभव नहीं है। 100 प्रतिशत उत्तर प्रदेश निरन्तर सौर ऊर्जा, स्वच्छ ईंधन, सार्वजनिक परिवहन की मजबूती, कचरा प्रबंधन और 100 प्रतिशत हरियाली की मांग कर रहा है। इन 5 उपायों को अपनाने के साथ-साथ, एक क्षेत्रीय स्वच्छ हवा नीति बताए जाने की आवश्यकता है, जिसके अन्तर्गत यह निर्दिष्टï हो कि वर्तमान स्वास्थ्य आपातकाल जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकार और नागरिकों की ओर से क्या-क्या पहल की जानी चाहिए। इस रिपोर्ट के माध्यम से यह भी मांग की गई कि आजमगढ़ में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा की ओर से वायु गुणवत्ता जांच के लिए कम से कम एक मशीन लगाई जाए, जिससे आजमगढ़ जिले के नागरिकों को यह पता चल सके कि वे कितनी प्रदूषित हवा में सांस लेने को विवश हैं।

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