बड़ी खबर: खत्म हुआ सुन्नी वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों से 'बाबरी मस्जिद' का नाम

Update: 2020-02-25 12:00 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार की तरफ से अयोध्या के रौनाही में दी गई पांच एकड़ जमीन लेने का फैसला ले लिया है। बोर्ड ने उस जमीन पर ट्रस्ट बनाकर मस्जिद के साथ कई दूसरी चीजों के निर्माण की बात कही है। सोमवार को हुई इस बैठक में बाबरी मस्जिद को अपने सरकारी अभिलेखों से हटाने का भी महत्वपूर्ण फैसला लिया गया।

26 फैजाबाद वक्फ को सरकारी अभिलेखों से हटाया गया

सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़ुफर फारूकी ने बताया कि सोमवार को बोर्ड की बैठक के बाद 26 फैजाबाद वक्फ को अपने सरकारी अभिलेखों से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि मिडिएशन कमेटी में कोई हल न निकलने के बाद से सुन्नी बोर्ड कहता आ रहा था कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा सम्मान करेगा और बोर्ड आज भी अपने उसी स्टैंड पर कायम है।

गौरतलब है कि 26 फैजाबाद नाम के इस वक्फ को बोर्ड में 76 साल पहले यानी वर्ष 1944 में दर्ज किया गया था। 1944 में तत्कालीन सरकार के वक्फ सर्वे कमिश्नर ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में 26 फैजाबाद नाम की वक्फ को दर्ज कराया था।

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सुन्नी वक्फ बोर्ड ने फैसले से पहले इस पूरे मामले को अपने विधि विशेषज्ञों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का गहन अध्ययन कराया और फिर कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने के बाद इस फैसले पर अपना निर्णय लिया। साथ ही बोर्ड ने रौनाही में पांच एकड़ जमीन लेने पर सहमति बनने के बाद 26 फैजाबाद को अपने बही खाते से डिलीट किया और मंदिर-मस्जिद विवाद को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।

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