Bahraich News: सावधान! मिलावटी मिठाईयों की दुकानें सजनें लगीं, कार्यवाही के अभाव में मिलावटखोरों के पौ-बारह
Bahraich News: त्योहारों के मद्देनजर खान-पान की तमाम दुकानों में मानकविहीन तरीके से खाने के समान बाजरो में धड़ल्ले से बिक रहे हैं तो वहीं दीवाली का सीजन होने से मिलावटी मिठाई की दुकानें भी सजने लगी हैं।
Bahraich News: दिवाली का त्यौहार ज्यों -ज्यों नजदीक आ रहा है। त्यों -त्यों मिठाईयों की दुकानें सजने लगी है। ऐसे में संभले नहीं तो यह बाजार की मिठाईयां आपको तकलीफ भी पहुंचा सकती हैं। मुनाफे के लालच में मिलावटखोर खेल कर देते हैं। मिठाईयों का स्वाद बढ़ाने वाले खोवा में मिलावट कर दिया जाता है। इस समय जहां खोवा 350 रुपये किलो बिक रहा है तो कुछ जगहों पर 200 रुपये किलो में भी मिल जाएगा। ऐसे में दिवाली के रंग में भंग पड़ने से बचने के लिए इस्तेमाल से पहले खोवा की जांच जरूर कर लेनी चाहिए।
मिलावटी मिठाईयों की दुकानें सजनें लगीं
जिले के पयागपुर कस्बे के मुख्य मार्ग पर बाजारों में मानकविहीन व मिलावटी मिठाईयों की दुकानें लगना खाद्य सुरक्षा विभाग के ऊपर सवालिया निशान उठा रहे हैं। लोगों की मानें तो त्योहारों के मद्देनजर खान-पान की तमाम दुकानों में मानकविहीन तरीके से खाने के समान बाजरो में धड़ल्ले से बिक रहे हैं तो वहीं दीवाली का सीजन होने से मिलावटी मिठाई की दुकानें भी सजने लगी हैं। तहसील मुख्यालय के आसपास छोटे छोटे बाजारों में जाने पर वहां के स्थानीय लोगों ने बताया की यहां कई दुकानें हैं जो आपने आप ही कैमिकल मिलाकर दूध को फाड़ते है और मिठाई,पनीर आदि सामग्री बनाते है यही नहीं साफ सफाई का भी ध्यान नहीं देते हैं।
खाद्य सुरक्षा विभाग कर रहा केवल खानापूर्ति
पयागपुर थाना क्षेत्र अन्तर्गत पयागपुर बाजार में त्योहारों के अवसर पर बाहर के रहने वाले लोग टैंट लगाकर यह सब काम धड़ल्ले से करते हैं। वहीं के लोगों ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कई बार खाद्य सुरक्षा विभाग के जिम्मेदारो को जानकारी दी गई परन्तु महज खानापूर्ति करने के साथ ही सांठगांठ करके चले जाते हैं। जबकि छोटे छोटे बाजारों से ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मानकविहीन और मिलावटी खाद्य सामग्रियों का उपभोग अनजाने में कर रहे हैं।वहीं स्थानीय चर्चा की मानें तो सबसे अधिक मिलावटी और मानकविहीन मिठाई तथा अन्य खाद्य सामग्रियों का पयागपुर क्षेत्र के अगल बगल के ग्रामीण क्षेत्रों से सटे छोटे छोटे बाजारों मे अपना जाल बिछा चुके हैं और मिलावटखोरों का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है।
सूत्रों की मानें तो बहराइच जनपद के खाद्य सुरक्षा विभाग के जिम्मेदार रोज अपनी खानापूर्ति तो करते हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।इसी तरह से जिले के जरवल कस्बा, रिसिया, खुटेहना मोड़, चिलहरियां बाजार समेत छोटे छोटे कस्बों में मिलावट खोर सक्रिय हो चुके हैं।इसी तरह से जनपद क्षेत्र के आसपास कई छोटे बाजार है जहां मिलावटखोरों अपने खमाई का इजाफा करने में लगे हुए हैं।
शहर क्षेत्र में भी मानकविहीन केमिकल युक्त खाद्य सामग्रियों की भी विक्री जोरों पर है। उल्लेखनीय है कि त्योहारों पर इसकी मात्रा बढ़ जाती है और लोगों के सेहत से खिलवाड़ किया जाता है। जबकि शहर क्षेत्र में बिकने वाले फास्ट फूड के ठेलों पर भी साफ-सफाई को दरकिनार कर और मानकविहीन तरीकों से बेचते देखा जा सकता है।
खोवा में शकरकंद, आलू के अलावा दूध पाउडर की मिलावट
जानकार बताते हैं कि खोवा में उबले शकरकंद, आलू के अलावा दूध पाउडर की मिलावट की जाती है। इससे जो खोवा तैयार होता है, उसकी लागत काफी कम हो जाती है। खराब दूध पाउडर से भी खोवा बना लिया जाता है, इसका स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
बताते हैं कि दूध की कमी होने से खोवा दीपावली से काफी दिन पहले से बनाकर स्टॉक किया जाता है। स्टॉक किया यह खोवा सड़ न जाए, इसलिए इसमें फार्मोलिन मिलाया जाता है। बता दें कि फार्मोलिन का इस्तेमाल शवों को सडऩे से बचाने में भी किया जाता है।इस संबंध में सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय डॉ. अमर सिंह के दुरभाष पर बात किया गया तो उन्होंने फिल्ड में होने की बात कहकर फोन काट दिया गया।