पत्रकार की हत्या पर फूटा लोगों का गुस्सा, परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चन्द्र दूबे के बयान पर पत्रकार रतन सिंह के परिजन भड़क गए हैं। रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने DCP के दावे को झूठा करार दिया है।
बलिया: टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह की हत्या को लेकर आज जिले में आम लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। मीडिया से जुड़े लोगों व आम लोगों ने तकरीबन तीन घण्टे तक धरना व प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया। पत्रकार के पिता विनोद सिंह ने पुलिस पर मामले की लीपापोती का आरोप लगाया है। तो चचेरे भाई ने कहा है कि उसके भाई को शस्त्र लाइसेंस मिल गया होता तो उसकी जान नहीं जाती। संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल ने पत्रकार की पत्नी को सरकारी नौकरी व सरकारी सहायता एक करोड़ रुपये दिलाने का भरोसा दिलाया है तथा कहा है कि घटना की निष्पक्ष जांच होगी।
DCP के बयान पर भड़के मृतक के परिजन
पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चन्द्र दूबे के बयान पर पत्रकार रतन सिंह के परिजन भड़क गए हैं। रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने पुलिस उप महानिरीक्षक के दावे को झूठा करार दिया है। पुलिस उप महानिरीक्षक दूबे ने कहा था कि यह आपसी विवाद में हत्या हुई है। उन्होंने बताया था कि जमीनी विवाद में एक पक्ष ने भूसा रखा था तो दूसरे पक्ष ने उसी जमीन पर पुवाल लाकर रख दिया। इसी विवाद के बाद गोली चली और पत्रकार रतन सिंह की मौत हो गई। पत्रकार रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने पुलिस उप महानिरीक्षक के दावे को गलत ठहराते हुए कहा कि पुलिस पूरी तरह से झूठ बोल रही है। यह आपसी रंजिश में हत्या नहीं है।
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उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने स्थानीय पुलिस पर कई आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि लोकल पुलिस बड़े अधिकारियों को सही जानकारी नहीं दे रही है। पिता विनोद सिंह निलंबित थाना प्रभारी शशिमौलि पांडेय की गिरफ्तारी पर अड़े रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या की साजिश में तत्कालीन फेफना थानाध्यक्ष शशिमौलि पांडेय की भूमिका संदिग्ध रही है। पत्रकार रतन सिंह के चचेरे भाई अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि उनके भाई ने शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खँगारौत ने उसे स्वीकृत नही किया । उन्होंने कहा कि यदि उनके भाई को लाइसेंस प्राप्त हो गया होता तो सम्भव था कि उसकी जान बच गई होती।
राज्यमंत्री ने कहा मामले की होगी निष्पक्ष जांच
संसदीय कार्य राज्य मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल आज पूर्वान्ह जिला अस्पताल पहुंच गए। पत्रकारों ने इस घटना को लेकर कड़ा आक्रोश जताया तथा पत्रकार की पत्नी को सरकारी नौकरी व एक करोड़ रुपये की सहायता की मांग की। राज्य मंत्री शुक्ल ने पत्रकार की पत्नी को सरकारी नौकरी व सरकारी सहायता एक करोड़ रुपये दिलाने का भरोसा दिलाया है तथा कहा है कि घटना की निष्पक्ष जांच होगी। राज्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि रतन सिंह की हत्या से हम सभी दुखी हैं। मुख्यमंत्री ने दस लाख रूपए की सहायता की घोषणा की है। रतन सिंह के परिवार के लिए अन्य व्यवस्था भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रतन सिंह के परिवार के साथ खड़ी है।
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पीड़ित परिवार में एक नौकरी न्यायोचित मांग है। इसके लिए मुख्यमंत्री से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि फेफना के इंस्पेक्टर के साथ ही पुलिस की भूमिका की जांच की जाएगी। प्रदेश सरकार अपराध व अपराधियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। एक पत्रकार की निर्मम हत्या हुई है। सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। मेरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात हुई है। वहीं जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद पत्रकार रतन सिंह का पार्थिव शरीर फेफना पहुँचा। फेफना-रसड़ा मार्ग पर मीडिया कर्मियों व ग्रामीणों ने चक्का जाम कर दिया। इस दौरान सभा में वक्ताओं ने पत्रकार की हत्या को पुलिस की लापरवाही का परिणाम बताया।
पुलिस ने 6 लोगों को किया गिरफ्तार
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बलिया श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की तरफ से पत्रकार के परिजनों को एक करोड़ रुपये की सरकारी सहायता व मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई। तकरीबन तीन घण्टे बाद प्रभारी जिलाधिकारी राम आसरे पहुंचे तथा उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ने रतन सिंह के परिजनों को दस लाख रुपये आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। कृषक दुर्घटना बीमा के तहत 5 लाख की और मदद की जाएगी।
उन्होंने आश्वासन दिया कि पत्रकार रतन सिंह की पत्नी को एक महीना के अंदर स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नौकरी दी जाएगी। इस बीच टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह की हत्या के मामले में फेफना के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह के पिता विनोद सिंह की शिकायत पर कल रात फेफना थाना में भारतीय दंड विधान की बलवा व हत्या के आरोप की धारा में दस व्यक्तियों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।
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पुलिस ने छह आरोपियों सुशील सिंह, सुनील सिंह, अरविंद सिंह, वीर बहादुर सिंह, दिनेश सिंह व विनय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। विनोद सिंह ने शिकायत की है कि उनके पुत्र को गांव का ही सोनू सिंह कल रात 8 बजे घर से बुलाकर ले गया तथा उसके घर पर पहले से ही मौजूद लोग लाठी, डंडा, रिवाल्वर से लैस रहे। इन लोगों ने रतन की हत्या कर दी। इस मामले में फेफना थाना प्रभारी शशि मौलि पांडेय को निलंबित कर दिया गया है तथा राजीव मिश्रा को नया प्रभारी बनाया गया है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी है।
रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर