बलिया: महिला ने की बुलंद आवाज, शिक्षा अधिकारी के खिलाफ उठाया यह कदम
प्रधानाध्यापिका ने लिखा है कि मेरे द्वारा कराए गए कार्यों का बिना भौतिक सत्यापन व रिकार्ड देखे कार्यालय में बैठकर उक्त शिक्षक के इशारे पर मुझे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया है।
बलिया। जिले के बेसिक शिक्षा महकमे में शिक्षक नेताओं की तूती बोलती है । शिक्षक नेताओं के इशारे पर विभागीय अधिकारी मातहतों को प्रताड़ित करने से गुरेज नही करते । जिले के एक कम्पोजिट कन्या प्राथमिक विद्यालय की महिला प्रधानाध्यापक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी पर एक शिक्षक नेता के इशारे पर प्रताड़ित व दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है । कम्पोजिट ग्रांट में अनियमितता के आरोप तथा अधिकारी के दुर्व्यवहार से आहत प्रधानाध्यापिका ने बीएसए को दो लाख के चेक के साथ शिकायती पत्र दिया है। कहा है कि यदि किसी प्रकार की अनियमितता हुई है तो मेरे स्वयं के खाते से दिए जा रहे दो लाख रुपये के चेक से उसकी रिकवरी कर लें अन्यथा मानहानि के साथ पैसा वापस करें।
क्या है मामला
जिले में बेसिक शिक्षा महकमे में सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा। जिले के बांसडीह में शीला सिंह कम्पोजिट कन्या प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं । उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर सनसनीखेज आरोप लगाया है । प्रधानाध्यापिका के अनुसार विद्यालय में विलय हुए विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक हरे राम सिंह एक शिक्षक नेता हैं । विभाग द्वारा वरिष्ठता क्रम में हमसे नीचे होने के कारण द्वेषवश प्रताड़ित करने के उद्देश्य से उच्च न्यायालय में वाद दाखिल किए हैं। उक्त शिक्षक का मुख्य कार्य नेतागिरी के प्रभाव से अधिकारियों की सांठ-गांठ से अध्यापकों को प्रताड़ित कराके दलाली करना है।
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नेताओं के साथ गपशप
बच्चों के पठन-पाठन में कोई रूचि नहीं है। पठन-पाठन की अवधि में विद्यालय पर शिक्षक नेताओं को बुलाकर दिन भर गपशप करते हैं तथा पान खाकर परिसर में बच्चों के सामने ही कहीं पर थूकते रहते हैं। हस्ताक्षर बनाकर बलिया बेसिक कार्यालय व बीआरसी पर बैठते हैं। समझाने पर धौंस जमाते हैं तथा हमेशा शैक्षणिक कार्य में बाधा उत्पन्न करते हैं। इनका कार्य सरकारी धन का अनियमित तरीके से स्वयं निकालकर गबन करना है। प्रधानाध्यापिका ने बकायदा तिथिवार रकम का विवरण देकर उक्त शिक्षक पर गबन का आरोप लगाया है।
कार्यवाही की मांग
प्रधानाध्यापिका ने लिखा है कि मेरे द्वारा कराए गए कार्यों का बिना भौतिक सत्यापन व रिकार्ड देखे कार्यालय में बैठकर उक्त शिक्षक के इशारे पर मुझे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया है। इससे मुझे मानसिक आघात पहुंचा है। उन्होंने लिखा है कि अबतक इस ग्रांट से कुल तीन वर्षों में दो लाख रुपये से ईमानदारी से कार्य कराने के बाद भी मुझे अपमानित किया गया है। लिहाजा अपने निजी खाते से दो लाख रुपये का चेक काटकर विभाग को दे रही हूं। यदि कोई अनियमितता सिद्ध होती है तो इसे रिकवरी करा लिया जाय। यदि ऐसा नहीं होता तो मानहानि के साथ मेरा पैसा वापस करा दिया जाय। साथ ही सरकारी धन का गबन करने वाले उक्त शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए रिकवरी की कार्यवाही की जाय।
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रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर
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