स्थानीय पर्यटकों, युवा जोड़ों ने अपने अंदाज में किया वर्ष 2024 का स्वागत, बौद्ध-जैन तीर्थस्थली पर उमड़े विदेश पर्यटक
Balrampur News: धम्मं भूमि पर अलग-अलग जत्थों में थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम से तीर्थयात्री पहुंचे। इसी के साथ महाराष्ट्र के बौद्ध धर्मावलंबियों का समूह भी तथागत भगवान बुद्ध की कर्म स्थली पहुंचे।
Balrampur News: नववर्ष आगमन अवसर पर सोमवार (01 जनवरी) को देर शाम तक जश्न का दौर जारी रहा। आतिशबाजी भी हुई। लोगों ने 2023 को बाय-बाय तो 2024 का दिल खोलकर स्वागत किया। नए वर्ष के पहले दिन आज बुद्ध तपोस्थली बलरामपुर-श्रावस्ती भी देश-विदेश के पर्यटकों से चहकता नजर आया। कहीं हवन-पूजन तो कहीं सुंदर कांड पाठ का आयोजन हुआ। कहीं आधुनिक संगीत की धुनों पर युवा जमकर थिरकते नजर आए तो कहीं युवा युगल ने अपने हम मित्रों के साथ पार्टियों में जमकर लुफ्त उठाया।
शहर में रविवार रात से ही जश्न शुरू हो गया था। जैसे ही घड़ी की सुई 12 पर पहुंची, चहुंओर पटाखे छोड़े जाने लगे। नए साल का स्वागत किया गया। थाईलैंड की संस्था डेन महामंगकोल मेडिटेशन सेंटर में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ। मानव कल्याण व विश्व शांति की कामना की गई। वहीं, श्रीलंका मंदिर में अधिपति श्रद्धा लोक महाथेरो के मार्गदर्शन में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर बौद्ध भिक्षुओं को भोजन दान दिया गया। पर्यटकों की भारी भीड़ के कारण सुरक्षा की दृष्टि से पर्यटक पुलिस पूरे तीर्थ क्षेत्र में मुस्तैद रही।
बौद्ध और जैन तीर्थस्थली पर उमड़े लोग
सोमवार सुबह से ही धूप खिली नजर आई। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बौद्ध एवं जैन तीर्थस्थली श्रावस्ती नए वर्ष के पहले दिन पर्यटकों से गुलजार रही। बौद्ध स्थली पर बलरामपुर-, श्रावस्ती, गोंडा, बहराइच व आसपास के जिलों के अलावा के देश-विदेश के पर्यटकों ने बौद्ध स्थली पहुंच कर नए वर्ष का स्वागत किया और लुप्त लिए। सोमवार को वर्ष का पहला दिन होने के कारण अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थली बलरामपुर -श्रावस्ती में स्थानीय लोगों की भारी भीड़ रही। गोंडा, बहराइच, बस्ती, बलरामपुर, बाराबंकी, सिद्धार्थनगर जनपदों के लोगों ने परिवार के साथ श्रावस्ती पहुंच कर बौद्ध मठ मंदिरों का दर्शन किया।
जेतवन बौद्ध विहार रहा गुलजार
पर्यटकों से जेतवन बौद्ध विहार गुलजार रहा। वहीं, बच्चे महेट के खुले क्षेत्र में खिली सुनहरी धूप में दिन भर धमाचौकड़ी करते रहे। भीषण ठंड व मौसम की खराबी के कारण पर्यटकों से खाली रहने वाला श्रावस्ती तीर्थ क्षेत्र वर्ष के पहले दिन अच्छे व खुले मौसम के कारण पर्यटकों से गुलजार रहा।सोमवार नव वर्ष का पहला दिन पड़ने के कारण अंतरराष्ट्रीय बौद्ध तीर्थस्थल श्रावस्ती के देशी विदेशी तीर्थयात्रियों के साथ-साथ स्थानीय छोटे स्कूली छात्रों का भी जमावड़ा रहा। इससे रमणीय पर्यटन स्थली श्रावस्ती अध्यात्म व पर्यटन दोनों का मिश्रित नजारा प्रस्तुत करती नजर आई। तीर्थ क्षेत्र में पूरे दिन बौद्ध मंत्रों के साथ-साथ बच्चों की खिलखिलाहट भी गूंजती रही।
थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम से पहुंचे तीर्थयात्री
वहीं, धम्मं भूमि पर अलग-अलग जत्थों में थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम से तीर्थयात्री पहुंचे। इसी के साथ महाराष्ट्र के बौद्ध धर्मावलंबियों का समूह भी तथागत भगवान बुद्ध की कर्म स्थली पहुंचे। सोमवार होने के कारण देशी-विदेशी तीर्थयात्रियों ने श्रावस्ती के मठ-मंदिरों का दर्शन जेतवन स्थित आनंद बोधि वृक्ष एवं गंध कुटी पर विशेष पूजा की। इन तीर्थयात्रियों ने डेन महामंगकोल मेडिटेशन सेंटर में ध्यान साधना में भी हिस्सा लिया।
स्कूली बच्चों की धमा-चौकड़ी
जेतवन में तीर्थ यात्रियों ने पूजा-अर्चना की। लगातार बौद्ध मंत्र गूंजते रहे। दूसरी तरफ, जेतवन में रमणीय पार्क में पिकनिक मनाने लोग पहुंचे। स्कूली बच्चों की उछल-कूद के बीच श्रावस्ती में तीर्थ क्षेत्र व पर्यटन स्थल मिश्रित नजारा दिखाई दिया। बड़ी संख्या में पहुंचे देशी-विदेशी तीर्थयात्रियों के साथ-साथ स्कूली बच्चों की भारी भीड़ के कारण श्रावस्ती में पूरे दिन चहल-पहल बनी रही। वहीं, मिश्रित युगल जोड़ों ने भी अपने अंदाज में नये वर्ष का अपने अंदाज में जोरदार स्वागत किया।