Balrampur News: ‘तुलसीदास की रचना जीवन को देती है प्रेरणा’, मनाई गई गोस्वामी की जयंती
Balrampur News: जिले के एमएल केपीजी कॉलेज के हिंदी विभाग के तत्वाधान में युग प्रवर्तक कवि भक्त शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती कवि रचनाओं के बीच मनाई गई।
Balrampur News: जिले के एमएल केपीजी कॉलेज के हिंदी विभाग के तत्वाधान में युग प्रवर्तक कवि भक्त शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती कवि रचनाओं के बीच मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो. जेपी पांडेय ने की।
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जीवन जीना सिखाती है रामचरितमानस
हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. प्रकाश चंद्र गिरि ने गोस्वामी तुलसीदास के जीवन के संबंध में विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तुलसीदास जी की रचना रामचरितमानस हमें आदर्श मानव जीवन जीने की सतत मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने बताया कि तुलसीदास की यह 526वीं जयंती है। उन्होंने बताया कि भारत के पूर्व राजनयिक और भारतीय समाज के साथ संस्कृति पर गहरी नज़र रखने वाले पवन कुमार वर्मा ने अपनी किताब ‘द ग्रेटेस्ट ओड टु लॉर्ड रामः तुलसीदास रामचरित मानस’ में लिखा है कि तुलसीदास ने रामचरितमानस की पांडुलिपि की एक कॉपी अकबर के दरबार में नवरत्नों में से एक और वित्त मंत्री टोडरमल को दे दी थी, ताकि सुरक्षित रहे। इससे काशी के पंडे इस बात से नाराज़ थे कि तुलसीदास राम को देवभाषा संस्कृत से अलग क्यों कर रहे हैं। तुलसीदास का जीवन सफ़र एक अनाथ और आम रामबोला से गोस्वामी तुलसीदास बनने का है।
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पत्नी ने बहुत प्रेम करते थे तुलसीदास
तुलसीदास की जीवनी पर ‘मानस का हंस’ उपन्यास लिखने वाले अमृतलाल नागर ने लिखा है, जनश्रुतियों के अनुसार, तुलसीदास अपनी बीवी को मायके तक नहीं जाने देते थे। ‘तन तरफत तुव मिलन बिन’ दोहे के बारे में कहा जाता है कि तुलसी ने अपनी पत्नी के लिए लिखा था। मुझे लगता है कि तुलसी ने काम ही से जूझ-जूझ कर राम बनाया है। ‘मृगनयनी के नयन सर को अस लागि न जाहि’ उक्ति भी गवाही देती है। नासमझ जवानी में काशी निवासी विद्यार्थी तुलसी का किसी ऐसे दौर से गुज़रना अनहोनी बात भी नहीं है।
इन वक्ताओं ने किए विचार प्रकट
इस अवसर पर विभाग से सभी प्राध्यापकों ने गोस्वामी जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अपने श्रद्धा भावना को गोस्वामी के प्रति प्रकट किया। डॉ विमल प्रकाश वर्मा, डॉ सुधांशु श्रीवास्तव, मनीषा तिवारी, अनिल कुमार पांडेय आदि ने भी गोस्वामी जी के कृति एवं चरित्र प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि गोस्वामी तुलदीदास की कृतियां आज पूरे दुनिया में पढ़ी जाती हैं और आदर्श मानव जीवन जीने की प्रेरणा देती है। इस अवसर पर अन्य विभाग के प्राध्यापक डॉ दिनेश मौर्या, डॉ ऋषिरंजन पांडेय, डा जितेंद्र भट्ट, डॉ सुनील मिश्रा के साथ महाविद्यालय के विद्यार्थी भी उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सराहनीय योगदान दिया। रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों के वाचन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।