Balrampur News: बलरामपुर में छठ महापर्व के अंतिम दिन सुहागिन महिलाओं एवं श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को दिया अर्घ्य
Balrampur News: बलरामपुर जिला मुख्यालय के झारखंडी सरोवर तथा बलरामपुर चीनी मिल दुर्गा मंदिर के पावर डिविजन स्थित पोखरे समेत जनपद के सभी घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
Balrampur News: छठ महापर्व के चौथे एवं अंतिम दिन शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और आस्था के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। बलरामपुर जिला मुख्यालय के झारखंडी सरोवर तथा बलरामपुर चीनी मिल दुर्गा मंदिर के पावर डिविजन स्थित पोखरे समेत जनपद के सभी घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। संतान की दीर्घायु व अखंड सौभाग्य की कामना के साथ उगते सूर्य को फल, पुष्प, नैवेद्य, धूप व दीप का अर्घ्य अर्पित किया।
पूरी रात भक्त उगते सूर्य के इंतजार में कहीं अरघ लेई सूरजदेव, खुश होइहैं छठी मइया..., अब लीहीं सुरुजमल अरघिया आके करीं न दया तथा कहवां के सूरज के जनमवां कहवां होखे ला अजोर जैसे भक्ति मय गीत गूंजते रहे। घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। सीसीटीवी से निगरानी की गई। पुलिस कर्मी लगातार गश्त करते रहे। सुहागिनें शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और घाट पर ठेकुआ का प्रसाद ग्रहण कर व्रत का पारण किया। इसके लिए भोर से ही महिलाएं घाटों पर पहुंची और पानी में खड़े होकर पूजन-अर्चन किया। छठ मइया और भगवान सूर्य की महिमा के गीतों के बीच रंग-बिरंगी रोशनी से सजे-धजे गंगा और नहर के घाटों पर पानी की कल-कल करती लहरों पर झिलमिलाते व टिमटिमाते असंख्य दीपों ने अद्भुत और मनोहारी दृश्य उत्पन्न किया।
इस मौके पर समाजसेवी रविन्द्र गुप्ता कमलापुरी ने कहा कि सूर्य देव की उपासना तथा सुख समृद्धि व परिवारों के सुख शांति के लिए मनाया जाने वाला छठ महापर्व बिहार तथा उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के साथ साथ अब प्रदेश के अन्य जनपदों में भी मनाया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि जनपद बलरामपुर के कई हिस्सों में जहां पर पूर्वांचल अथवा बिहार के लोग निवास करते हैं, उन क्षेत्रों में भी छठ महापर्व मनाए जाने की परंपरा काफी दिनों से चली आ रही है। सुबह उगते सूरज को अर्घ्य दिया गया और इसी के साथ 4 दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व संपन्न हो गया।
कमलापुरी ने कहा कि सूर्य देव की उपासना तथा छठ माई की कृपा से जो भी मनोकामना लेकर व्रत किया जाता है वह अवश्य पूरा होता है। मीरा सिंह ने कहा कि इस व्रत का विधान है कि पहले दिन सायंकाल स्नान ध्यान करके मीठा भोजन कर उपासना की शुरुआत की जाती है। दूसरे दिन मीठा भोजन वह विशेष प्रकार के पकवान ठेकुआ आदि ग्रहण कर अल्पाहार कर उपासना की जाती है। तीसरे दिन निर्जल व्रत रखकर सायंकाल अस्ताचल गामी सूर्य अर्थात डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। निर्जल व्रत जारी रखते हुए चौथे दिन प्रातःउगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर व्रत धारी महिला पुरुष वहीं पर जल ग्रहण कर व मिष्ठान पर ग्रहण कर व्रत को समाप्त करती है।
गुड़िया गुप्ता कमलापुरी ने बताया कि व्रत में पूजन के दौरान तमाम प्रकार के ऋतु फल व गन्ना का विशेष महत्व है जिसे पूजन में प्रयोग किया जाता है व्रत समाप्त करने के बाद व्रत करने वाले लोग अपने आसपास लोगों को प्रसाद वितरण करते हैं।
बलरामपुर भगवतीगंज के आसपास ग्राम सभा के कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों ने छठ महापर्व अनुष्ठान करके अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए व्रत रखा सुबह बलरामपुर चीनी मिल दुर्गा मंदिर के पावर डिविजन स्थित पोखरे में काफी संख्या में महिलाओं ने पानी में खड़े होकर घंटों सूर्य उपासना की तथा सूर्य देव को अर्घ्य देकर अपने व्रत को संपन्न किया।
महिलाओं ने किया मइया का महिमा गान
घाटों पर महिलाओं की टोलियों ने भक्त मय गीत से छठ मइया की महिमा का बहुत सुन्दर ढंग से बखान किया। चीनी मिल दुर्गा मंदिर के पावर डिविजन स्थित पोखरे घाट पर घटवा के आरी-आरी रोपब केरवा, बोवब निबुआ. , घटवा के आरी- आरी रोपब केरवा, बोवब निबुआ..., कहवां की सूरज के जनमवां कहवां ही होखे ला अजोर ... गीत के जरिए छठ मइया की महिमा का वर्णन किया।
सुहागिन महिलाओं ने उदय होते हुए सूर्य का विधिवत पूजा करके अर्घ्य दिया। इसी के साथ निर्जला व्रत का पारण किया। लोगों में ठेकुआ का प्रसाद वितरित किया। इसके लिए महिलाएं एवं भक्त भोर से ही घाटों पर पहुंचे और गुरुवार रात पूजन के बाद से कठोर तप किया। वे जल में ही खड़ी रहीं। इस दौरान मीरा सिंह गुड़िया गुप्ता कमलापुरी, कोमल सिंह, सुमन केसरवानी, मधु अग्रवाल, कंचन गुप्ता, मोहिनी केसरवानी, रेनू गुप्ता, प्रतिभा श्रीवास्तव, जया केसरवानी, संजू अग्रवाल, संध्या केसरवानी, सुधा त्रिपाठी, महिला सिंह, सीमा सिह, अंशु जायसवाल सहित भारी संख्या में लोग छठ पूजा में उपस्थित रहे।