Balrampur News: निजी अस्पताल में प्रसूता की मौत पर परिजनों ने किया सड़क जाम, अस्पताल सीज, संचालक सहित 4 पर मुकदमा
Balrampur News: मृतका के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा। मौत की खबर सुनते ही डॉक्टर समेत हॉस्पिटल के सभी कर्मचारी फरार हो गए। प्रसूता की मौत से आक्रोशित परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया।
Balrampur News: जिले के सादुल्ला नगर बाजार में स्थित एक अस्पताल एवं जच्चा-बच्चा वार्ड में एक प्रसूता की मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा। मौत की खबर सुनते ही डॉक्टर समेत हॉस्पिटल के सभी कर्मचारी फरार हो गए। प्रसूता की मौत से आक्रोशित परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। परिजनों ने जांच कराने की मांग पर अड़ गए। मौके पहुंचे अधिकारियों ने अस्पताल को सीज कर अस्पताल संचालक सहित 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
डॉक्टर ने कर दिया गलत ऑपरेशन - परिजन
मिली जानकारी के अनुसार बलरामपुर के सादुल्ला नगर बाजार निवासी अनिल जायसवाल की 27 वर्षीय पत्नी श्रीमती रीना कुमारी की डिलीवरी के लिए रोशन हास्पिटल व जच्चा बच्चा केन्द्र स्थिति सादुल्ला नगर में लाया गया था। जहां पर मौजूद चिकित्सकों ने चेक करने के बाद कहा कि बच्चे की हालत सही नहीं है। हास्पिटल में भर्ती कराना पड़ेगा। इसके लिए तत्काल 20 हजार रुपए जमा करना पड़ेगा। जिसके बाद परिजन अनिल ने 20 हजार रूपए जैसे तैसे व्यवस्था करके पत्नी रीना को भर्ती कराया। जिसके बाद मौजूद चिकित्सकों ने रीना का आपरेशन कर दिया। परिजन के मुताबिक हास्पिटल में जो मौजूद चिकित्सक थे हास्पिटल के संचालक फीस तो मोटी लिए। लेकिन उनके चिकित्सक के पास न मानक के अनुरूप न डिग्री है और न ही अनुभव।जिस कारण उसके पत्नी का गलत आपरेशन कर दिया। पीड़ित ने बताया कि इसकी जानकारी तब हुई जब उन लोगों को दूसरे डाक्टरों ने यह जानकारी दी।
सीएमओ ने सीज कर दिया अस्पताल
पीड़ित ने बताया कि गलत ऑपरेशन से उसके पत्नी का तेज रक्त स्राव होने लगा, जिससे पत्नी की हालत गंभीर हो गई। जिसके बाद रोशन अस्पताल के अप्रशिक्षित डॉक्टरों ने पीड़िता को गोंडा के लिए रेफर कर दिया, लेकिन गोंडा पहुंचे तो पीड़िता की मौत हो गई। परिजनों ने सादुल्लाह नगर थाना में अस्पताल संचालक और डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। और सडक जाम कर धरने पर बैठ गये। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को जानकारी उच्च अधिकारियों को दी। मौके पर पहुंचे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जयप्रकाश, एसडीएम, पुलिस क्षेत्राधिकारी, सीएचसी अधीक्षक ने अस्पताल में भर्ती तीन अन्य मरीजों को सामुदायिक केंद्र सादुल्लाह नगर भेजकर सिफ्ट कराया और रोशन अस्पताल सीज कर दिया। साथ ही अस्पताल संचालक समेत चार अन्य लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओ में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
वहीं नगर के संभ्रांतों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन के मिली भगत से ही ऐसे अस्पतालों का संचालन होता है। नहीं तो क्या कारण है कि सरकार प्रसव पीड़िता को समस्त सुविधाओ के साथ डिलीवरी कराने के लिए नियमित प्रोत्साहन पहले बच्चे पर 5,000 हजार और इससे ज्यादा बच्चों की डिलीवरी पर लगभग 15 सौ रुपए प्रोत्साहन राशि देती है बावजूद लोग मानक विपरीत अस्पताल व अप्रशिक्षित डाक्टरों के झांसे में आकर इलाज कराते हैं। जानकारों का कहना है कि पीड़ित जब परेशान होता है तो हर सरकारी अस्पताल में दलाल लगे होते हैं जो सरकारी डाक्टरों से साठ गांठ करके प्राइवेट और मानक के विपरित काम करने वाले अस्पतालों पर पहुचाते है और हैरान परेशान लोगों से मोटी रकम लेकर बेहतर इलाज का झांसा देकर भर्ती कर लेते हैं और फिर वही झोलाछाप लोग इलाज करते हैं।