Balrampur News: भाजयुमो ने किया रन फॉर यूनिटी का आयोजन, खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा
Balrampur News: कार्यक्रम में लोकसभा संयोजक शंकर दयाल पांडेय ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल; भारतीय बैरिस्टर, राजनेता और भारतीय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले देश के प्रमुख नेताओं में से एक थे।
Balrampur News: बलरामपुर में सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस पर भाजयुमो की जिला इकाई द्वारा रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्पोर्ट्स स्टेडियम के विभिन्न खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया।
इस बार रन फॉर यूनिटी का आयोजन स्पोर्ट्स स्टेडियम से बड़ा परेड, माया होटल होते हुए पुनः स्टेडियम तक किया गया। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को सरदार बल्लभ भाई पटेल की जीवनी के बारे में विस्तार से बताया गया।
कार्यक्रम में लोकसभा संयोजक शंकर दयाल पांडेय ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल; भारतीय बैरिस्टर, राजनेता और भारतीय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले देश के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वर्ष 1947 के बाद भारतीय स्वतंत्रता के पहले तीन वर्षों के दौरान, उन्होंने उप प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, सूचना मंत्री और राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था।
2014 से मनाया जा रहा राष्ट्रीय एकता दिवस
तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने भारत को अखंड भारत बनाने में सरदार पटेल के योगदान को सम्मान देने के लिए उनके जन्मदिन को "राष्ट्रीय एकता दिवस" के रूप में मनाने का फैसला 2014 में किया था। इसलिए अब हर साल 31 अक्टूबर को भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जन्मदिन को "राष्ट्रीय एकता दिवस" के रूप में मनाया जाता है।
पटेल ऐसे बने सरदार
इस मौके पर बलरामपुर नगर पालिका अध्यक्ष धीरेन्द्र बहादुर सिंह धीरू ने कहा कि सन 1917 से 1924 तक पटेल ने अहमदाबाद के पहले भारतीय नगरपालिका आयुक्त के रूप में कार्य किया। 1924 से 1928 तक इसके निर्वाचित नगरपालिका अध्यक्ष रहे। उन्होंने कहा कि पटेल ने पहली बार 1918 में अपनी छाप छोड़ी, जब उन्होंने फसल के ख़राब हो जाने के बावजूद भी बॉम्बे सरकार के द्वारा पूरा कर वसूलने के निर्णय के खिलाफ कैराना, गुजरात के किसानों और ज़मींदारों की मदद से आन्दोलन चलाया था। साथ ही बारडोली अभियान में उनके कुशल नेतृत्व के कारण उन्हें “सरदार” की उपाधि दी गयी थी जिसका मतलब होता है "लीडर"।
भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया कि जब अंग्रेजों ने भारत को आजादी की घोषणा की उस समय देश 565 देशी रियासतों में बंटा था. ब्रिटिश शासकों ने इन रियासतों को स्वतंत्र शासन करने की छूट दे दी थी। इस प्रकार भारत की आजादी कई छोटी-छोटी रियासतों में बंटी हुई थी। सरदार पटेल ने देश के गृह मंत्री के रूप में इन सभी से भारतीय गणतंत्र में शामिल होने का आग्रह किया था और हैदराबाद, भोपाल, जूनागढ और कश्मीर को छोडक़र 562 रियासतों ने स्वेच्छा से भारतीय परिसंघ में शामिल होने की स्वीकृति दी थी,लेकिन सरदार पटेल के मजबूत इरादों की वजह से इन सभी ने अंतिम समय में भारत में शामिल होने के लिए हामी भर दी थी।हालाँकि हैदराबाद को भारत में शामिल करने के लिए पटेल साहब को "ऑपरेशन पोलो" चलाना पड़ा था। इस दौरान बलरामपुर सदर विधायक पलटुराम,ब्लॉक प्रमुख राकेश तिवारी,जिलाध्यक्ष भाजयुमो संदीप वर्मा,जिला महामंत्री भाजपा वरुण सिंह,जिला महामंत्री भाजयुमो अक्षय शुक्ला,अमन बंसल,सौरभ तुलस्यान,अजीत ओझा,अमर नाथ शुक्ला ने भी संबोधित किया।इस मौके पर भारी संख्या में भाजयुमो के विभिन्न पदाधिकारी,जिला क्रीड़ा अधिकारी सहित आमजन मानस उपस्थित रहें।