Banda Kashiram Colony Case: आवंटन में गलत रिपोर्ट लगाने पर एसडीएम सहित दो डूडा कर्मियों पर मुक़दमा

Banda Kashiram Colony Case: काशीराम कॉलोनी की एक महिला ने सास की मौत के बाद उसके बेटे को वरासत के तौर पर कॉलोनी का आवंटन दिए जाने को लेकर गलत रिपोर्ट लगाने पर मुक़दमा कराया है।

Report :  Anwar Raza
Update:2022-09-05 07:55 IST

Banda Kashiram Colony Case

Banda Kashiram Colony Case: उत्तर प्रदेश के बाँदा में आईएएस अधिकारी समेत डूडा विभाग के बाबू और स्टेनो के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज होने का मामला सामने आया है। जहाँ काशीराम कॉलोनी की एक महिला ने सास की मौत के बाद उसके बेटे को वरासत के तौर पर कॉलोनी का आवंटन दिए जाने को लेकर गलत रिपोर्ट लगाने पर बाँदा शहर कोतवाली में मुक़दमा पंजीकृत कराया है।

महिला ने जनपद के उच्च अधिकारियो, राज्यपाल, मुख्य सचिव और सतर्कता अधिष्ठान पत्र लिखकर न्याय की माँग करते हुए कॉलोनी का आवंटन दिलवाने व धोखाधड़ी करने वालो पर मुक़दमा पंजीकृत करने की माँग की थी जिसके बाद शासन-प्रशासन के निर्देश पर धारा 420,467,468,471 120B IPC के तहत ये मुक़दमा दर्ज किया गया है। वही डूडा अधिकारी राकेश जैन, इस मुक़दमे को गलत बताते हुए पुलिस जांच का हवाला देते हुए मामले से अपना पल्ला झाड़ते नजर आये।

क्या है मामला

मामला बाँदा शहर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत हरदौली नगर स्थित कांशीराम कॉलोनी का है जहाँ के ब्लाक - 35 के कमरा न - 552 की रहने वाली महिला शकुंतला को आवास आवंटित हुआ था। वहीं महिला की मौत के बाद उसके बेटे राजकुमार ने आवास में अपना दावा किया और जिला नगरीय विकास प्राधिकरण कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया, जिसके बाद राजस्व विभाग की तरफ से जांच की गई तो राजकुमार को पात्र पाया गया, मगर जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) कार्यालय के कर्मचारियों से राजस्व विभाग की जो रिपोर्ट मिली उसमें राजकुमार को दस्तावेजों में पात्र न लिख कर अपात्र लिख दिया गया, जिसके बाद राजकुमार की पत्नी रीना ने मामले की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी, यहां तक कि राज्यपाल, मुख्य सचिव और सतर्कता अधिष्ठान से भी उसने शिकायत की थी । इसके बाद शासन-प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम सुधीर कुमार, डूडा विभाग के बाबू शारदा और स्टेनो अखिलेश के खिलाफ धोखाधड़ी का मुक़दमा पंजीकृत किया गया है।

क्या कहना है पीड़िता का

पीड़िता रीना ने बताया कि मेरे द्धारा एसडीएम सुधीर कुमार, डूडा विभाग के बाबू शारदा और अखिलेश के खिलाफ शहर कोतवाली बाँदा में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है। मेरी सास का आवंटन कांशीराम कॉलोनी में था जहां मैं रहती थी, मेरे पति दिल्ली में मजदूरी करते हैं उनकी तबीयत खराब हो गई थी जिसपर जनवरी 2021 मैं 5 महीने के लिए दिल्ली चली गयी थी, जब 5 महीने बाद जून मैं वापस लौटी तो देखा मेरी कॉलोनी में कोई दूसरा रहने लगा था, जिसने मुझे धमकी देकर भगा दिया, उसने किसी अधिकारी का नाम लिया, मुझे उस अधिकारी का नाम नहीं पता है। इसके बाद मैंने उस व्यक्ति के खिलाफ सिविल लाइन पुलिस चौकी में शिकायत की तो मुझे वहाँ से भी भगा गया गया। जिसके बाद मैं डूडा विभाग गई तो वहाँ कहा गया कि हम जांच करते हैं, सारे दस्तावेज मांगे, इसके बाद भी अपात्र कर दिया, मुझसे डूडा विभाग के शारदा बाबू ने 50 हजार रुपये मांगे थे पर मैं पैसे देने के काबिल नहीं थी। अखिलेश शारदा बाबू की हां में हां मिला रहे थे पर मैंने पैसा नहीं दिया। इसके बाद मैंने मुक़दमा कर दिया और अब डूडा विभाग मुझे कॉलोनी दे रहा हैं लेकिन अब मुझे कॉलोनी नहीं चाहिए, मैं एक साल का बच्चा लेकर इतने दिनों से परेशान हो रही हूं, अब मुझे न्याय चाहिए, मुझ जैसी गरीब कितनी औरतें हैं जो ऐसे लोगो की वजह से परेशान होती हैं उनको भी न्याय मिलना चाहिए और मुझे भी न्याय मिले और उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होना चाहिए और मुझे मेरी कालोनी वापस मिलनी चाहिए। पीड़िता ने कहा की मुझे न्याय की उम्मीद है, हम लड़ेंगे हाईकोर्ट तक लड़ेंगे, हमारे पास पैसा तो नहीं है पर हम कर्ज लेकर मुकदमा लड़ेंगे।

डूडा के अफसर नकार रहे मुकदमा

वही इस बारे में डूडा विभाग के बाबू शारदा ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारते हुए अपने आप को निर्दोष बताया है। वहीं जब इस पूरे मामले पर डूडा विभाग के अधिकारी राकेश जैन जानकारी माँगी गयी तो वह गोलमोल बात करते हुए नजर आये, उनका कहना था की एसडीएम व किसी और पर कोई मुक़दमा दर्ज ही नहीं हुआ है, उनका कहना था की जांच के बाद मेरे द्वारा शहर कोतवाली में मुक़दमे के लिए तहरीर दी गयी थी। अब अगर हम इस मामले की बात करे तो हमारे डूडा अधिकारी की बात पूरी तरह से गलत है क्यूंकि कोतवाली में दर्ज मुक़दमे में पीड़िता रीना की तहरीर लगी है, मुक़दमे में आरोपियों की सूची में साफ़ साफ़ लिखा है की एक अधिकारी सहित दो कर्मचारियों के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज किया गया है, पर डूडा अधिकारी इस मुक़दमे को अब भी नकार कर पुलिस जांच का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं।

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