Banda News: बांदा के पुष्पेंद्र खलनायक बने ताइक्वांडो चैंपियन, गोल्ड मेडल से नवाजा गया
पुष्पेंद्र कुमार खलनायक ने ताईक्वांडो फाइट में बांदा जनपद का ही नहीं बल्कि बुंदेलखंड का नाम भी रोशन किया है और बिना फाइट के ही पुष्पेंद्र को गोल्ड मेडल दिया गया है।
Banda News: बांदा में एक गरीब परिवार के बेटे ने अपने मां-बाप का नाम रोशन करते हुए बुंदेलखंड का नाम भी रोशन किया है। हम बात कर रहे हैं बुंदेलखंड के बांदा के रहने वाले पुष्पेंद्र कुमार खलनायक की जिसने ताईक्वांडो फाइट में बांदा जनपद का ही नहीं बल्कि बुंदेलखंड का नाम भी रोशन किया है और बिना फाइट के ही पुष्पेंद्र को गोल्ड मेडल दिया गया है। साथ में पुष्पेंद्र के 2 छात्र भी फाइट करने के बाद गोल्ड मेडल के खिताब से नवाज़े गए हैं।
पुष्पेंद्र खलनायक को बचपन से ही फाइट करने का शौक था इसके चलते पुष्पेंद्र जब अक्षय कुमार की फिल्में देखता था तो उसी अंदाज में फाइट भी करने लगता था। उम्र बढ़ती गई और पुष्पेंद्र का जज्बा भी बढ़ता गया खलनायक ने भी ठान किया कि अब बांदा जनपद बुंदेलखंड के लिए और अपने माता-पिता का अपना सम्मान बढ़ाने के लिए मैं बड़े स्तर पर ताईक्वांडो फाइट लडूंगा जिसके बाद पुष्पेंद्र धीरे-धीरे अपने मुकाम को हासिल करता रहा और आज हम कह सकते हैं कि वह समय आ गया है कि पुष्पेंद्र अपना खुद का मुकाम हासिल कर लिया है।
पुष्पेंद्र एक साधारण परिवार से हैं। इनके पिता काफी समय पहले नहीं रहे जिसके बाद पुष्पेंद्र की मां ने गरीबी में अपने बच्चों को पाला पोसा और बड़ा किया। साथ ही साथ बच्चों की जरूरतों को पूरा करती रही। पुष्पेंद्र की मां ने बताया कि पिता के न रहने के बाद मैंने घर में सिलाई की दुकान खोल लोगों के कपड़े सिले हैं। सिलाई से जो भी पैसे आते थे। वह बेटे की तैयारी पर लगा देती थी और कभी भी कहीं बाहर फाइट करने जाने से मैंने अपने बेटे को नहीं रोका है और मुझे बड़ी खुशी हो रही है कि मेरे बेटे ने आज एक अच्छा मुकाम हासिल किया है।
आपको बता दें कि अभी इसी सप्ताह मुंबई में इंटरनेशनल चैंपियनशिप में 19 देशों की टीमों ने ताईक्वांडो फाइट मे प्रतिभाग किया था, जिसमें उत्तर प्रदेश के लगभग 20 लोग शामिल हुए थे, जिसमें बांदा जनपद की अगर बात की जाए तो बुंदेलखंड से पुष्पेंद्र और उसके 2 छात्र भी शामिल हुए थे। पुष्पेंद्र के 2 छात्रों ने फाइट लड़ी और गोल्ड मेडल जीते। पुष्पेंद्र जैसे ही रिंग मे उतरा और नाम एलाउंस हुआ तो वहां मौजूद कोई भी फाइटर पुष्पेंद्र खलनायक से लड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ जिसके बाद पुष्पेंद्र को रिंग में बिना फाइट किए गोल्ड मेडल से नवाजा गया है। जिससे बुंदेलखंड का गौरव बढा है।
बुंदेलखंड का नाम रोशन करने वाले पुष्पेंद्र ने बताया है कि आज हर व्यक्ति को सेल्फ डिफेंस आना चाहिए इसके लिए हमको शुरुआत से ही बच्चों को ऐसी आत्मरक्षा की शिक्षा देनी चाहिए जिससे हमारे बच्चे आत्म रक्षा कर खुद को मजबूत बना सके।