Banda: खदान संचालकों ने मजदूरों की मजदूरी में किया घोटाला, पीड़ितों ने लगाई गुहार

Banda News: ट्रक वालों से यह लोग मजदूरी के नाम पर पांच सौ रुपए वसूलते है और लगभग 30 मजदूरों से दो सौ रुपए प्रति ट्रक देने का वादा कर दो महीने काम कराया और जब पैसे देने की बारी आई तो 50 रुपए प्रति ट्रक देने लगे।

Report :  Anwar Raza
Update:2024-03-03 15:58 IST

Banda News (Pic:Newstrack)



 


Banda News: उत्तर प्रदेश के गिरवा बांदा केन नदी की बरियारी मोरंग खदान में पिछले कई महीनों से गुण्डों और लठैतों का राज चल रहा है। क्या मजाल! कोई उफ कर दे ? कहने को तो इस खदान का पट्टेदार कानपुर का संजू गुप्ता है परन्तु इसकी कमान गुंडों के हवाले है जहां जीवन दायिनी केन नदी की कोख उजाड रहे हैं। नदी की मध्य जलधारा मे पोकलैण्ड मशीनों से दिन-रात नदी की छाती फाड रहे हैं। गांव वालों को आतंकित करने के लिये जब दिल चाहा राईफल और बंदूकों से फायरिंग करने लगते हैं। ताकि गुण्डागर्दी का जलवा कायम रहे।

इतना ही नहीं ट्रक वालों से यह लोग मजदूरी के नाम पर पांच सौ रुपए वसूलते है और लगभग 30 मजदूरों से दो सौ रुपए प्रति ट्रक देने का वादा कर दो महीने काम कराया और जब पैसे देने की बारी आई तो 50 रुपए प्रति ट्रक देने लगे। विवाद हुआ तो पुलिस का सहारा लेकर मजदूरों को दबा दिया जिसके बाद मजदूरों ने डीएम एसपी से न्याय की गुहार लगाई है।

शनिवार को बांदा डीएम और एसपी की चौखट मे अपना दुखडा सुनाने आये बरियारी गांव के रामबाबू, पवन कुमार, महेश, सहित करीब आधा सैकड़ा लोगो ने बताया कि हम लोग बरियारी बालू खदान में अड्डी के रख-रखाव का कार्य करते रहे हैं। खदान संचालक के कर्मचारी गोकरन सिंह परिहार, शैलेन्द्र सिंह और जितेन्द्र सिंह परिहार ने हमें 250 प्रति ट्रक देने को कहा था लेकिन अब 50 रूपये प्रति ट्रक देने की बात कह रहे हैं जबकि ट्रक वालों से 500 रूपये प्रति ट्रक लिया जाता है। दो महीने से ज्यादा हो गये, मजदूरी नहीं दे रहे। कहते हैं-50 रुपये प्रति ट्रक लेना हो तो ले लो, वरना कुछ भी नहीं देंगे। ज्यादा शोर मचाया तो यहीं मारकर नदी की रेत मे दफना देंगे। कोई कुछ नहीं कर पायेगा। विरोध करने पर खदान वालों ने पुलिस बुलाई और हमें धमकाकर शांत करा दिया गया।

डीएम और एसपी से शिकायत करने आये ग्रामीणों ने बताया कि जेसीबी और पोकलैण्ड मशीनों से खदान वालों ने नदी मे जगह-जगह गहरे गड्ढे कर दिये है। नदी की मध्यधारा से लेकर अगल-बगल 25 से लेकर 30 फिट की गहराई तक खनन किया जा रहा है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिये। रोकने, मना करने पर राईफल-बंदूके लेकर दौडते हैं। गांव वालों के विरोध करने पर खदान के गुण्डे शैलेन्द्र सिंह, गोवकरन, जितेन्द्र, शिवम सिंह और संतराम सिंह यह कहते हैं कि हम ऐसी धारा लगवायेंगे कि तुम जेल में ही सडते रहोगे।

तुम्हारी औकात कीड़े मकौड़े से ज्यादा नहीं है। गांव वालों ने बताया कि खदान में अक्सर भाजपा की झंडा लगी गाडियां आती रहती है। ग्रामीणों का कहना है कि हमारी मजदूरी दिलाई जाये और खदान वाले गुण्डों से हमें निजात दिलाई जाये। इनकी गुण्डागर्दी से गांव की महिलायें नदी की तरफ जाने से डरती हैं। हम गांव वाले अपनी ही नदी का कोई इस्तेमाल सदुपयोग नहीं कर पा रहे हैं। नदी और आसपास खदान के गुण्डों की राइफलें लहराती रहती हैं।

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