खेतों से भागा बसंत, बुंदेलखंड में सरसों समेत तमाम फसलों पर बरपा ओलों का कहर

Banda News: चित्रकूट जिले में मानिकपुर तहसील के गांवों में ओलावृष्टि का कहर बरपा है। किसानों में हाहाकार मचा है। भरतकूप से मानिकपुर के मारकुंडी तक फसलें ओलावृष्टि की भेंट चढ़ गई हैं। किसानों ने तबाही से जिला प्रशासन को अवगत कराया है।

Report :  Om Tiwari
Update:2024-02-14 16:05 IST

 बुंदेलखंड में सरसों समेत तमाम फसलों पर बरपा ओलों का कहर (Social Media)

Banda News: बुंदेलखंड के खेतों में फूली सरसों के बीच सोमवार तक बसंत मुस्कुराता प्रतीत हो रहा था। लेकिन, देर रात से मंगलवार सुबह तक बारिश के साथ ओलावृष्टि की मार से फसलों की तबाही के बीच बसंत को खेतों से रफूचक्कर होना पड़ा। बासंती बयार में झूमती पीली सरसों भर जमींदोज नहीं हुई, हजारों बीघे में लहलहाती गेहूं, चना, मसूर, अरहर, मटर और अलसी आदि फसलें भी खेत में गिरकर नष्ट हो गई हैं।

कहां कितना नुकसान हुआ, इसका सरकारी आंकड़ा आना बाकी है। मगर, 50 से 500 ग्राम तक के गिरे ओलों ने खेतों से लेकर छप्पर दार घरों तक में जैसी तबाही मचाई है उसने न केवल किसानों का वसंतोत्सव फीका कर दिया, बल्कि भविष्य को लेकर उन्हें चिंतित भी कर दिया है।

ओलों से मकानों के खपरैल और पेड़ों की डालियां टूटीं

झमाझम बारिश और तड़ातड़ ओलों की मार से बांदा, चित्रकूट और महोबा जिले के किसान हाहाकार कर उठे हैं। हजारों बीघा जमीन में बोई गई फसल ओलावृष्टि से जमींदोज हो गई हैं। सोमवार की रात करीब दो बजे और मंगलवार की सुबह आठ बजे भीषण ओलावृष्टि हुई है। रात में सूखे ओले पड़े तो मंगलवार की सुबह वर्षा के साथ 50 से 500 ग्राम तक के ओले गिरे। ओलों की मार से कच्चे मकानों के खपरैल और पेडों की डाल, पत्तियां तक टूटकर नीचे गिर गईं।

कालिंजर इलाके के तकरीबन 200 गांवों में भारी तबाही     

बांदा जिले में कालिंजर इलाके के आनंदपुर, नौहाई, देवहाई, धनेसुरपुरवा, गर्रेही, गाल्हा, छीछन छत भरा, सढ़ा, रामगंज, ढोल बजा, गोरेमऊ, कहला, पंचमपुर, रक्सी, छतैनी बिरौना, आदि करीब 200 गांवों में ओलावृष्टि के कारण किसान पूरी तरह तबाह हो गए हैं। खेतों में लहलहाती हुई फसलें जमीदोज होकर खेत में ही गिर गई हैं। पौधों का एक भी बूटा साबुत नहीं बचा है।

ओलावृष्टि का कहर बताते सिहर उठे सढ़ा गांव के किसान

सढा गांव के किसान सूर्यप्रकाश, रामदीन, कल्लू, ब्रजमोहन, राकेश, दिनेश कुमार, संतोष, कृष्ण मोहन, लल्लू, छोटे आदि ने बताया- रात में हुई ओलावृष्टि बहुत भीषण थी। पूरा गांव नींद के आगोश में था। अचानक मकानों के खपरैल टूट टूटकर नीचे गिरने लगे। बाहर निकलकर देखा तो 50 ग्राम से लेकर 500 ग्राम के पत्थर आसमान से बरस रहे थे। पेडों  की डालियां ओलों की मार से टूट टूटकर गिर रही थीं। चारो तरफ ओले बिछे हुए थे। सुबह लोग खेतों की तरफ दौड़े तो कई किसान खेतों में बेहोश होकर गिर पड़े। फसलों की हालत देखी नहीं जा रही थी।

आसमान से बरसी आफत

मंगलवार की सुबह करीब आठ बजे पानी के साथ फिर से ओलावृष्टि हुई। रात की रही-सही कसर इस बार पूरी हो गई। खेत में साबुत फसलें नहीं बची। सढ़ा जैसा हाल रक्सी, कहला, गोरेमऊ आदि गांवों का भी है।

चित्रकूट-महोबा जिलों में ओलावृष्टि से भारी क्षति का अनुमान

चित्रकूट जिले में मानिकपुर तहसील के गांवों में ओलावृष्टि का कहर बरपा है। किसानों में हाहाकार मचा है। भरतकूप से मानिकपुर के मारकुंडी तक फसलें ओलावृष्टि की भेंट चढ़ गई हैं। किसानों ने तबाही से जिला प्रशासन को अवगत कराया है। महोबा जिले में भी ओलावृष्टि से फसलों की व्यापक क्षति हुई है।

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