Banda News: केन नदी ने धारण किया खतरनाक रूप, लोगों की उड़ी नींदे

Banda News: नदी किनारे आबाद बांदा और हमीरपुर जिलों के गांवों में अलर्ट जारी कर ग्रामीणों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।

Report :  Anwar Raza
Update:2024-08-09 11:36 IST

Ken river overflowed   (फोटो: सोशल मीडिया )

Banda News: मध्य प्रदेश की घाटियों में हो रही मूसलाधार बारिश से बुंदेलखंड के दो महत्वपूर्ण बांध गंगऊ और बरियारपुर उफना गए हैं। बरियारपुर से चार लाख 61 हजार 551 क्यूसेक पानी क्रस्टवाल से केन नदी में गिर रहा है। उधर, बरियारपुर के ऊपरी इलाके में बने गंगऊ बांध से चार लाख 15 हजार क्यूसेक पानी उफनाकर केन नदी में गिर रहा है ।इस कारण केन नदी में बाढ़ आ गई है।

नदी खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर जा पहुंची है। अभी इसमें बढ़ोत्तरी का अनुमान है। नदी किनारे आबाद बांदा और हमीरपुर जिलों के गांवों में अलर्ट जारी कर ग्रामीणों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। प्रशासन का अमला बाढ़ क्षेत्रों में पहुंचकर राहत कार्यों की कवायद में जुटा हुआ है।

केन के बढ़ने से सदर तहसील में अछरौड़, दर्दा, कनवारा सहित गांवों के रास्ते बंद हो गए। वहीं पैलानी क्षेत्र में शंकरपुरवा, नांदादेव पड़ोहरा के साथ सिंधनकला के मजरा हरबंस पुरवा,पंडवन डेरा, सिंधन खुर्द, गुरगवां, बसधरी ,लसड़ा, अदरी सहित खप्टिहाकलां के मजरा शिवपाल डेरा, छनिहन डेरा, सिमरन डेरा, बरेहटा ,गौरीकला, अमारा तथा तारा खजूरी (चिल्ला) में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यहां के ग्रामीणों की नींद उड़ी है।

चंद्रावल नदी के गांव का मुख्य रास्ता ब्लाक

वहीं हमने पडोहरा गांव जाकर ग्राउंड जीरो की रिपोर्ट तैयार की जहां चंद्रावल नदी के गांव का मुख्य रास्ता ब्लाक कर दिया है । लोगों को नाव के सहारे आना जाना पड़ रहा है । सुरक्षा व्यवस्था का कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है । कभी भी हादसा हो सकता है । उफनाई नदी ने में छोटे छोटे बच्चे नहाते नजर आए।

लोगों ने कहा लगभग हर वर्ष यही स्थिति होती है । लगभग 10 हजार की आबादी घरों में कैद हो जाती है । सालों से पुल की मांग की जा रही है पर पुल नहीं बनवाया जा रहा। सबसे ज्यादा तव दिक्कत तब होती है जब ऐसी स्थिति में कोई बीमार हो जाए या महिला की डिलीवरी हो।

हमने पैलानी एसडीएम शशि भूषण से बात की तो उन्होंने बताया की चौकियां बना दी गई है। बाढ़ प्रभावित लोगों के रुकने खाने पीने के इंतजाम किए गए है। अभी तक गावों के अंदर पानी नहीं घुसा है, फिर भी लोगों को गांव छोड़ने के लिए कह दिया गया है। नावे लगा दी गई हैं। नावों में गाडियां ले जाने पर रोक लगाई गई है। सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं।

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