Banda News: हिलोरें मारती रही आस्था, शिवालयों में उमड़ा सैलाब

Banda News Today: बांदा शहर स्थित वामदेवेश्वर मंदिर में तड़के से देर रात तक भक्तों की आवाजाही रही। पहाड़ की गुफा में स्थापित शिवलिंग महर्षि वामदेव की देन माना जाता है।

Report :  Om Tiwari
Update:2024-03-08 19:02 IST

Banda News Today Maha Shivaratri 2024 

Banda News: महाशिवरात्रि पर्व में लोगों की आस्था हिलोरें मारती रही। शिवालयों में तड़के से ही जलाभिषेक की होड़ रही। दूसरे पहर मंदिरों में सजे-धजे भगवान भोलेनाथ का दर्शन आनंद लूटा गया। प्रमुख मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ा। सुरक्षा इंतजामों को लेकर पुलिस महकमा चौकस रहा।

श्रद्धा का प्रमुख केंद्र रहा कालिंजर किला स्थित नीलकंठ मंदिर

कालिंजर दुर्ग स्थित नीलकंठ मंदिर में महादेव के पूजन अर्चन के लिए भारी भीड़ जुटी। जिले के अलावा सीमावर्ती मध्यप्रदेश के सतना और पन्ना जिलों से भी पहुंचे लोगों ने माथा टेका। नीलकंठ मंदिर का पौराणिक महत्व है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन में निकले विष को गले में धारण करने के बाद भगवान शिव ने कालिंजर की इसी पहाड़ी में विश्राम किया था। कालिंजर की तरह मड़फा स्थित प्राचीन मंदिर में भी बड़ी तादाद में शिवभक्तों ने जलाभिषेक किया।

वामदेवेश्वर मंदिर में बाबा की झलक के लिए लाइन में लगे रहे लोग

बांदा शहर स्थित वामदेवेश्वर मंदिर में तड़के से देर रात तक भक्तों की आवाजाही रही। पहाड़ की गुफा में स्थापित शिवलिंग महर्षि वामदेव की देन माना जाता है। यहां नांदिया की अनुपस्थिति चौंकाती है और इसे लेकर रोचक कथाएं कही जाती हैं। तड़के से दोपहर तक जलाभिषेक के बाद भगवान शिव के भव्य ऋंगार की झलक पाने के लिए लोग लंबी लाइनों में लगे रहे।

सुरक्षा को लेकर पुलिस के साथ मंदिर कमेटी भी रही चौकस

सुरक्षा के मद्देनजर कोतवाली पुलिस लगातार मुस्तैद रही। वामदेवेश्वर मंदिर कमेटी भी डटी रही। नवल त्रिपाठी, आशुतोष दीक्षित, शशिशेखर श्रीवास्तव, प्रदीप निगम लाला, आनन्द वाजपेयी, लल्ला वाजपेयी, नरेन्द्र सिंह नन्ना, कमलेश दुबे, राजेन्द्र कछवाह, अशोक ओमर, विधु त्रिपाठी, पुनीत गोस्वामी, सुरेश साहू, प्रकाश यादव और आशीष आदि जिम्मेदारी संभाले रहे।

ग्रामीण अंचलों में गूंजते रहे 'हर हर महादेव' के जयकारे

खपटिहाकला के महाकालेश्वर आदि मंदिरों में महाशिवरात्रि पर्व की धूम रही। ग्रामीणों ने पूरे उल्लास से पर्व मनाया। लोगों ने पैदल दूरी नापकर भी भगवान शिव का जलाभिषेक किया। बेलपत्र, धतूरे के फल और फूलों से पूजन किया। इस दौरान हर हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे

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