Banda News: चाक चौबंद व्यवस्था में मूर्ति विसर्जन, कौतूहल बनी ड्रोनों से निगरानी, SP और ASP घूम-घूम कर लेते रहे जायजा

Banda News: बांदा में विसर्जन स्थल पर पुलिसिया इंतजामात देखते ही बन रहा था, ड्रोनों से निगरानी लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी । SP अंकुर अग्रवाल और ASP शिवराज के निरंतर भ्रमण से जहां-तहां तैनात पुलिस दस्ते न केवल चौकन्ने नजर आए, बल्कि सख्ती और सहयोग का मिश्रण भी पेश करते दिखे।

Report :  Om Tiwari
Update:2024-10-12 22:35 IST

SP और ASP ने मूर्ति विसर्जन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था की ड्रोन से निगरानी की: Photo- Newstrack

Banda News: शारदीय नवरात्र महोत्सव के समापन पर शनिवार को मूर्ति विसर्जन की धूम रही। केन नदी में दोपहर से शुरू हुआ विसर्जन का सिलसिला खबर भेजते समय तक जारी है। देर रात तक यह सिलसिला चलने का अनुमान लगाकर प्रशासन ने चौकस व्यवस्थाएं की हैं। पुलिसिया इंतजामात देखते बनते हैं। ड्रोनों से निगरानी कौतूहल बनी है। SP अंकुर अग्रवाल और ASP शिवराज के निरंतर भ्रमण से जहां-तहां तैनात पुलिस दस्ते न केवल चौकन्ने नजर आए, बल्कि सख्ती और सहयोग का मिश्रण भी पेश करते दिखे।

बलखंडीनाका में 500 से ज्यादा देवी प्रतिमाओं का एकत्रीकरण, टोकन संग रवानगी

विसर्जन से पहले 500 से ज्यादा देवी प्रतिमाओं का बलखंडीनाका में एकत्रीकरण हुआ। केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति ने हर पांडाल का टोकन जारी किया। फिर जुलूस के साथ विसर्जन का सिलसिला चल निकला। माहेश्वरी देवी मंदिर से प्रकाश टाकीज, शंकर गुरु चौराहा, अमर टाकीज, जामा मस्जिद, जिला परिषद, खूंटी चौराहा, बाबूलाल चौराहा, पुराना ओवरब्रिज, रोडवेज और संकट मोचन होते हुए केन नदी पहुंच कर प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। विसर्जन में हाइड्रा मशीन का उपयोग किया गया।


सुरक्षित विसर्जन को लेकर चौकस इंतजाम, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर

विसर्जन को लेकर पुलिसिया इंतजामात ने सभी का ध्यान खींचा। ASP शिवराज ने बताया, विसर्जन स्थल में 6 CO, 11 SO, 15 इंस्पेक्टर, 59 सब इंस्पेक्टर, 276 आरक्षी और 72 महिला आरक्षी समेत 1 प्लाटून PAC, 4 QRT टीम, 3 फायर टेंडर और 4 टीजी स्क्वाड को तैनात किया गया है। यह तैनाती अराजकतत्वों को कड़ा संदेश देती रही। ड्रोन कैमरों से चप्पे की निगरानी जारी रही।


साधकों के दिखे विविध रंग, जमकर उड़ा अबीर-गुलाल

नवरात्र भर साधना में लीन रहे साधकों के भी विविध रंग दिखे। नम आंखों से माता को विदाई देने से पहले गाजे-बाजे का जोर रहा। ढोल-नगाड़ों और डीजे की धुनों कर्कश धुनों के बीच साधक भांगड़ा, कत्थक आदि नृत्य की तकरीबन हर विधा का मुजाहिरा पेश करते नजर आए। विभिन्न पांडालों के साधकों का अपना ड्रेस कोड भी आकर्षण का केंद्र रहा। जमकर अबीर-गुलाल उड़ा। जयकारों के बीच विसर्जन हुआ।

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