Banda News: चिंगारी मे सुलगा विद्याधाम, दो पीड़िता बोली राजाभैया का नाम....

Banda News: शिकायतकर्ता की मानें तो उन्होंने आला अफसरों सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री, देश के प्रधानमंत्री, महामहिम राष्ट्रपति व अन्य को अपने शिकायत पत्र प्रेषण करते हुए राजाभैया यादव पर बड़े संगीन आरोप लगाए है।

Report :  Anwar Raza
Update:2024-12-14 14:43 IST

चिंगारी मे सुलगा विद्याधाम, दो पीड़िता बोली राजाभैया का नाम.  (photo: social media )

Banda News: बाँदा के अतर्रा क्षेत्र की एनजीओ विद्याधाम समिति और चिंगारी संगठन से जुड़ी दो महिलाओं ने राजाभैया यादव के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। चित्रकूट के मानिकपुर से ग्राम बगदरी की अनुसूचित जाति से जुड़ी महिला ने जहां विद्याधाम समिति और चिंगारी संगठन के संचालक पर लगातार दो साल तक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। वहीं उक्त महिला ने स्वयं के हरिजन होने के कारण राजाभैया द्वारा पूरा लाभ लेने के भी आरोप लगाए है।

बकौल पीड़िता ने बताया कि राजाभैया यादव दूसरे लोगों पर मुझसे फर्जी मुकदमे लिखवाता था। जब मुझे समाज कल्याण से अनुसूचित जाति कल्याण योजना से आर्थिक प्रोत्साहन राशि मिलती थी तो उसमें हिस्सेदारी मांगता था। ऐसा ही एक उदाहरण बाँदा के पत्रकार / सामाजिक कार्यकर्त्ता आशीष सागर दीक्षित का है। राजाभैया ने मुझसे उन पर 31 मई 2022 को झूठा छेड़छाड़ व हरिजन एक्ट का मुकदमा लिखाया था। मुझे जब डेढ़ लाख रुपया आर्थिक सहायता प्राप्त हुई तो राजाभैया यादव ने इसमे हिस्सेदारी मांगी थी। मेरे मना करने पर मुझे लांक्षित और जातिगत अपमानित करते हुए गालियां दी गई, फिर बिना कारण बताओ नोटिस दिए ही नौकरी से निकाल दिया गया। पीड़िता अपने प्रार्थना पत्र मे स्पष्ट लिखती है कि मैने जनवरी 2020 से अगस्त 2022 तक विद्याधाम समिति मे सामुदायिक कार्यकर्ता के पद पर काम किया था। मै इस संस्था के चिंगारी संगठन से भी जुड़ी रहीं हूं।

राजाभैया यादव पर बड़े संगीन आरोप 

शिकायतकर्ता की मानें तो उन्होंने आला अफसरों सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री, देश के प्रधानमंत्री, महामहिम राष्ट्रपति व अन्य को अपने शिकायत पत्र प्रेषण करते हुए राजाभैया यादव पर बड़े संगीन आरोप लगाए है। पीड़िता के मुताबिक संस्था के अतर्रा, नरैनी मार्ग पर बने कार्यालय व देवरती समाधान केंद्र मे उसके साथ अक्सर राजाभैया यादव दुष्कर्म करते थे। पीड़िता को सामंती व्यवस्था, विचार से परिपूर्ण परिवेश मे कपड़े धोने, साफ-सफाई करने, बाहरी डोनर को रात मे दूध भेजने, उनकी सेवा मे तैनात किया जाता था।

पीड़िता ने तीन पेज के प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने वास्ते पुलिसिया अफसरों को सौंपे पत्र मे लिखा है कि इस संस्था के एफसीआरए नम्बर 136280028,आयकर से बचने को 80जी,12ए नम्बर, बचत खाता नम्बर 11705364795 व राजाभैया के व्यक्तिगत खाता संख्या 11705368279 की सीबीआई या थर्ड पार्टी जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बेहद गरीब घर मे जन्मे व्यक्ति ने आज काले धन से करोड़ों रुपया आयकर बचाकर व कृषि भूमि मे निवेश करके बनाया है। इनकी पत्नी के खाते की जांच होनी चाहिए। वहीं वे लिखती है कि गांव की अशिक्षित, गरीब महिलाओं को धन का लालच देकर लोगों पर फर्जी हरिजन एक्ट केस लिखवाने का यह काम करता है। बाद मे हिस्सेदारी मांगता है। पीड़िता ने ग्राम सचिव मुकेश तिवारी, बब्लू खेरवा आदि का नाम भी पत्र मे खोला है।

पीड़िता ने राजाभैया यादव पर बाँदा के पत्रकार,पर्यावरण पैरोकार आशीष सागर दीक्षित पर साल 2016 व साल 2022 मे दो फर्जी मुकदमे हरिजन महिला से लिखवाने का खुलासा किया है। वहीं अतर्रा रहवासी गुलाबी गैंग से जुड़ी महिला ने वीडियो व शिकायत पत्र मे बताया है कि यह राजाभैया यादव उन्हें उड़ीसा लेकर गया था। जहां होटल मे उनसे जबरजस्ती शारीरिक संबंध बनाने का प्रयास किया गया। उन्होंने जब विरोध किया तो उन्हें अकेला उड़ीसा छोड़कर राजाभैया मुंबई चला गया। पांच मार्च 2023 को संस्था मे विवाद हुआ तो संस्था सचिव ने 28 फरवरी की डेट रिकार्ड मे मेंटेन करके बिना नोटिस दिए नौकरी से निकाल दिया। उन्हें मिलने वाले 25,200 रुपया फैलोशिप (लोकमंच) से 14,200 रुपया यह वापस ले लेते थे। फर्जी तरीके से कार्यकर्ता को धन देकर उन्ही से वापस दान रशीद संस्था के नाम काट दी जाती है ताकि काले धन को सफेद किया जाता रहे और आयकर से बच सकें। उन्होंने साक्ष्य के रूप मे एक दान रसीद दी है। उड़ीसा के फोटोग्राफ और अन्य गोपनीय जानकारी भी दी है। उन्होंने पूर्व मे राजाभैया यादव द्वारा ग्राम अनथुआ की एक संस्था कार्यकर्ता से वर्ष 2016 मे दुष्कर्म मुकदमे का पत्र मे ज़िक्र किया है।

बीते 13 दिसंबर को पुनः अनुस्मारक पत्र देते हुए दोनों पीड़िताओं ने राजाभैया परएफआईआर दर्ज करने की शासन, प्रशासन व देश के प्रधानमंत्री जी से मांग की है।

विद्याधाम की चिंगारी का विवादों से तानाबाना-

बाँदा मे आमजन पर सुनियोजित सडयंत्र रचकर मुकदमे लिखवाने का चलन हो या छद्म समाजसेवा का काम यह राजाभैया हमेशा विवादों मे रहे है। गौरतलब है राजाभैया यादव की संस्था का विवादों से पुराना नाता है। वो सुलखान के पुरवा मे कथित घास की रोटी हो या बिल्हरका मे तत्कालीन डीएम के वक्त गहरार नाले का ड्रामा। अथवा सरकार के खिलाफ माहौल बनाकर विदेशी फ़ंडरो से बजट लेने का खेल। इस बार उन्ही की चिंगारी ने विद्याधाम को सुलगा दिया है। यह चिंगारी राजाभैया को खाक करती है या आबाद फिलहाल यह वक्त के गलियारे मे सवालों के निरुत्तर गर्त मे बन्द है। माहौल बनाने को खुद की फेसबुक प्रोफाइल पर कद्दावर नेताओं के साथ फोटोशूट हो या दिल्ली की पत्रकार से घनिष्ठता के फोटो अथवा गांवों मे कंबल, अनाज, कपड़े वितरण की तस्वीरों का सोपान यह राजाभैया को उन आरोपों से बचाते है जो उनकी ही संस्था और चिंगारी की महिलाओं ने सिलसिलेवार उन पर लगाएं है। सवाल यह कि आखिर यही संस्था बुंदेलखंड व बाँदा मे महिला उत्पीड़न का गढ़ क्यों बनती जा रही है ? तब जब विद्याधाम महिला और वंचित समाज के उत्थान का दम्भ भरता रहता है। मानिकपुर के ग्राम बगदरी की पीड़िता ने कहा कि जिसका कोर्ट से एक परिवाद मे वारंट जारी है वो राजाभैया खुलेआम अफसरों से मिल रहा है। पुलिस उसको अतर्रा थाने मे पूछताछ को बुलाती है फिर छोड़ती है। महिला की पीड़ा है अतर्रा व नरैनी थाने राजाभैया ने सेट कर रखें है।

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