Banda News: अनोखा विवाह, बारात में दिखा बैलगाड़ियों का काफिला, धार्मिक संगीत की धुन में रस्में

Banda News: पुरानी संस्कृति और परंपराओं से परिपूर्ण इस वैवाहिक समारोह में जहां बैलगाड़ी से बारात पुराने संगीत के उपकरणों की धुन में वधू पक्ष के द्वार पहुंची तो वहीं विवाह की सभी रस्में धार्मिक भजन की मध्यम धुन के बीच पूरी की गई।

Update:2023-05-30 17:58 IST

Banda News: आधुनिकता की अंधी दौड़ में भी पुरानी परंपराओं के प्रेमियों की आज भी कमी नहीं है, आधुनिकता से परे हटकर पुरानी परंपराओं को जीवंत करते हुए यूपी के बांदा में एक वैवाहिक समारोह देखने को मिला है। शादी के समारोह में वर पक्ष पूरी तरह से 100 साल पीछे छूट चुकी परंपराओं को निभाते दिखाई दिया तो वहीं वधू पक्ष ने भी उन्हीं परंपराओं पर चलते हुए शादी का पूरा आयोजन किया। पुरानी संस्कृति और परंपराओं से परिपूर्ण इस वैवाहिक समारोह में जहां बैलगाड़ी से बारात पुराने संगीत के उपकरणों की धुन में वधू पक्ष के द्वार पहुंची तो वहीं विवाह की सभी रस्में धार्मिक भजन की मध्यम धुन के बीच पूरी की गई।

बारात में सजी-धजी बैल गाड़ियों की लंबी कतारें किसी रेस प्रतियोगिता के लिए नहीं है बल्कि यह भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष विजय विक्रम सिंह के भांजे की बारात है। तकरीबन आधा सैकड़ा बैल गाड़ियों से दूल्हे और बारातियों को लेकर वधू पक्ष के द्वार जा रहे हैं। सजी-धजी बैल गाड़ियों से जा रही इस बारात को देखकर 100 साल पहले की झलक देखने को मिलती है। बबेरू कस्बे के रहने वाले भाजपा नेता और किसान विजय विक्रम सिंह के भांजे आलोक सिंह की बरात फतेहपुर से बबेरू आई है। बारात में वाहन पारंपरिक हैं सजावट पारंपरिक हैं बस बाराती आधुनिक है जो पहली बार बैलगाड़ी से बारात का सफर कर रहे हैं। महंगी कारों बाइकों पर चलने वाले यह सभी बाराती बेहद खुश हैं और खुद को किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं समझ रहे हैं।

बारात के आगे आगे संगीत

बारात के आगे आगे संगीत के धुन बजाते पारंपरिक वाद्य यंत्र भी हैं तो वही वधू पक्ष के द्वार पहुंचने के बाद विवाह की सारी रस्में फूहड़ कानफोड़ू डीजे के गानों के बजाए भजनगीत की सुरीली मध्यम धुन में निभाई जा रही हैं। बरात में शामिल लोगों का कहना है कि यह उनका पहला अनुभव है पहली बार बैलगाड़ी में बैठे हैं और बेहद खुशी हो रही है। अजीब सा रोमांच हो रहा है तो वहीं दूल्हेराजा आलोक सिंह का कहना है कि उनके मामा विजय विक्रम सिंह ने ही शादी कराई है और पुरानी परंपराओं को जीवित करने का प्रयास किया है, जो आधुनिकता की अंधी दौड़ में कहीं गुम हो गई हैं। पुराने बुंदेली कल्चर में अपने भांजे की बरात देखकर बेहद खुश भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष विजय विक्रम सिंह ने खुद को भाग्यशाली बताते हुए कहा कि यह उनका एक प्रयास है कि आधुनिकता की अंधी दौड़ से हटकर वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इससे किसानों की पहचान और पुरानी परंपरा का निर्वहन हो सके और इस तरह के आयोजन के पीछे नहीं पीढ़ी में न सिर्फ पुरानी परंपराओं के प्रति मोह बढ़ेगा बल्कि अंधी आधुनिकता के दुष्प्रभाव से भी आने वाली नस्लों को बचाया जा सकेगा।

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