Banda News: शहीद की याद में पत्नी ने स्वयं बनवाया स्मारक, रोड भी नहीं बनवा सका प्रशासन
Banda News: शहीद विकास कुमार की पत्नी नंदिनी ने बताया कि उन्होंने स्वयं स्मारक बनवाया है और करीब 4 साल से सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं
Banda News: उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा की निवासी शौर्य चक्र प्राप्त शहीद की पत्नी ने अपने शहीद पति का स्मारक स्वयं बनवाया है। नक्सली हमले में शहीद हुए बांदा के कमांडो की पत्नी पिछले चार साल से प्रशासन के चक्कर लगा रही हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। 4 साल में अभी तक प्रशासन ने गांव में बने शहीद स्मारक तक रोड नहीं बनवाई है। आज फौजी भाइयों के साथ पत्नी ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर शिकायत की है।
नक्सली हमले में शहीद हो गए थे कमांडो विकास कुमार
बता दें कि बांदा के लामा गांव के रहने वाले कमांडो विकास कुमार 10 फरवरी 2020 में नक्सली हमले में शहीद हो गए थे। इसके बाद सरकार ने उन्हें शौर्य चक्र भी प्रदान किया था साथ ही घोषणा की गई थी कि उनके गांव में एक शहीद स्मारक बनवाया जाएगा।
कोतवाली देहात के लामा गांव निवासी विकास ने 2020 में पाई थी शहादत
कोतवाली देहात के लामा गांव के सपूत विकास कुमार 2009 में CRPF में आरक्षी बने थे। जुलाई 2014 में उन्हें छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जगदलपुर की 204 कोबरा वाहिनी में तैनाती मिली थी। बतौर कमांडो अनेक मौकों पर उन्होंने बेमिसाल बहादुरी दिखाई। फ़रवरी 2020 में नक्सलियों का सफाया करते हुए उन्होंने वीरगति पाई थी। मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र सम्मान से नवाजा गया।
शहीद की पत्नी ने पति की याद में स्वयं बनवाया स्मारक
शहीद विकास कुमार की पत्नी नंदिनी ने बताया कि उन्होंने स्वयं स्मारक बनवाया है और करीब 4 साल से सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों के चक्कर काट रही हैं लेकिन अभी तक स्मारक तक जाने के लिए रोड नहीं बन पाई है।
शहीद की पत्नी ने सड़क बनवाए जाने की मांग की
साथ ही उनके घर के ऊपर से 11000 की हाई टेंशन विद्दयुत लाइन निकली हुई है, जिसकी वजह से जान का खतरा भी बना रहता है। आज बाकी फौजी साथियों के साथ शाहिद की पत्नी ने जिलाधिकारी से सड़क बनवाए जाने की मांग की है।
शहीद की विधवा बोलीं, आश्वासनों का झुनझुना थमाने से बाज आए प्रशासन
वहीं शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद कोबरा कमांडो विकास कुमार की प्रतिमा के रविवार को अनावरण की सुर्खियों के बीच शहीद की विधवा नंदिनी ने सोमवार को जिला मुख्यालय आकर जिला प्रशासन से आश्वासनों का झुनझुना थमाने से बाज आने और कहे पर अमल सुनिश्चित करने की मांग बुलंद की। शहीद के साथी जवानों के साथ DM नगेंद्र प्रताप से मुलाकात कर एक बार फिर मांगें दोहराई। कहा, बीते चार सालों से शहीद स्मारक तक सड़क बनाने और घर के ऊपर से 11 हजार केवी लाइन हटाने के लिए उन्हें कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। लेकिन हर बार आश्वासनों का झुनझुना ही हाथ लगा है। उन्होंने बताया, DM ने इस बार ठोस कदम उठाने का भरोसा दिया है।
DM ने दिया भरोसा, बनेगी सड़क और हटेगी घर के ऊपर से विद्युत लाइन
शहीद की पत्नी नंदिनी ने बताया, उनने अपने पैसों से शहीद स्मारक बनवाया है। कल ASP शिवराज के हाथों प्रतिमा का अनावरण भी हुआ है। स्मारक का निर्माण शहादत के कुछ समय बाद ही शुरू हो गया था। और तभी से वह घर से शहीद स्मारक तक सड़क बनाने के लिए जिला प्रशासन की ड्योढ़ी पर लगातार नाक रगड़ रही हैं। घर के ऊपर से निकली 11 केवी विद्युत लाइन से पूरे परिवार की जान सांसत में होती है। सड़क बनाने और विद्युत लाइन हटाने की मांग पर अधिकारियों ने आश्वासन ही थमाए हैं। आश्वासनों पर अमल की जरूरत नहीं समझी। इस बार भी आश्वासन ही मिला है। लेकिन DM प्रताप ने जिस संजीदगी से भरोसा दिया है उस पर भरोसा न करना फिलहाल ठीक न होगा। उन्हें उम्मीद है कि DM अपने आश्वासन पर खरे उतरेंगे।