Barabanki News: विकास भवन लगी आग, आफत में पड़ी सबकी जान, एनडीआरएफ ने किया रेस्क्यू
Barabanki News: यह नजारा विकास भवन परिसर में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) 10वीं वाहिनी की तरफ से किसी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए आयोजित मॉकड्रिल का था।
Barabanki News: बाराबंकी कंट्रोल रूम पर अचानक एक सूचना आई कि विकास भवन में आग लग गई है। सूचना मिलते ही पूरे जिले में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में दमकल की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची। विकास भवन का नजारा काफी खौफनाक था, वहां पहली मंजिल से तेज धुआं उठ रहा था। जिसे देखते ही टीम ने फायर टेंडर की मदद से टीम ने आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू की। साथ ही भवन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई। जिसने लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया। यहां आपको बता दें कि इतना पढ़कर आप घबराइयेगा नहीं। क्योंकि यह नजारा विकास भवन परिसर में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) 10वीं वाहिनी की तरफ से किसी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए आयोजित मॉकड्रिल का था।
आपको बता दें कि एनडीआरएफ की टीम अपनी मॉकड्रिल शुरू की और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करते हुए पहले घटनास्थल को सुरक्षित किया। इसके बाद काल्पनिक तरीके से भवन के अंदर फंसे लोगों की स्थिति का पता लगाने के लिए आवाज लगाई। भवन में फंसे लोगों ने ठोस वस्तु से दीवार पर प्रहार कर अपनी स्थिति स्पष्ट की। इसके बाद टीम ने कागज पर नक्शा बनाया। इंस्पेक्शन टीम ने भवन की दीवार पर ड्रिल मशीन के सहारे होल कर लोकेटिंग कैमरे की मदद से पीड़ितों की तलाश की। फिर सभी को सुरक्षित निकाला।
एनडीआरएफ की इवोकेशन टीम एक व्यक्ति को स्ट्रेचर से और दूसरे घायल को गोद में उठाकर मेडिकल पोस्ट पर ले गई, जहां से एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल भेजा गया। तभी पता चला कि विकास भवन की चौथी मंजिल पर कुछ लोग फंसे हैं। टीम ने एक को स्ट्रेचर पर बांधकर रस्सी के सहारे नीचे पहुंचाया। इसके बाद एक घायल और एक मासूम को एनडीआरएफ टीम के सदस्य नीचे लेकर आए और प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल भिजवाया। रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म करने के बाद आखिर में जवान तिरंगे के साथ नीचे आये। इस दौरान जीआईसी बाराबंकी के स्काउट गाइड ने पीड़ितों का किरदार निभाया। साथ ही मौके पर एडीएम अरुण कुमार सिंह समेत कई आलाधिकारी और पुलिस मौजूद रही।
इस दौरान मौके पर मौजूद बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिंह ने बताया कि इस मॉकड्रिल को अपनी तैयारियों का स्तर जानने के लिये आयोजित किया गया था। जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। वहीं एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि हमने मॉकड्रिल से लोगों को जागरुक किया। जिससे एस तरह की आपात स्थिति में लोगों को सुरक्षित किया जा सके।