Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी की गवाही से माफिया बृजेश सिंह को सजा थी निश्चित, जानें पूरा मामला?

Mukhtar Ansari: दरअसल, गाजीपुर में 23 साल पहले 15 जुलाई सन 2001 को हुए उसरी चट्टी कांड मामले में मुख्तार अंसारी के काफिले पर माफिया बृजेश सिंह और उसके साथी त्रिभुवन सिंह द्वारा जानलेवा हमला कराए जाने का आरोप है।

Report :  Sarfaraz Warsi
Update: 2024-03-29 05:31 GMT

Mukhtar Ansari (Pic: Social Media)

Mukhtar Ansari: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। दरअसल, मुख्तार और उसका परिवार बार-बार गाजीपुर में 23 साल पहले हुए उसरी चट्टी कांड का जिक्र करता रहा है। उनका दावा था कि इस मामले में मुख्तार अंसारी की गवाही को रोकने के लिए जेल में उसकी हत्या की साजिश रची जा रही है। क्योंकि, इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी खुद वादी और गवाह दोनों था। उसकी गवाही पर माफिया बृजेश सिंह को उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती थी। बाराबंकी की कोर्ट में चल रहे चर्चित फर्जी एंबुलेंस और गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने भी इसी ओर इशारा किया है। उनका कहना है कि इस मामले में मुख्तार की गवाही के बाद बृजेश सिंह को सजा निश्चित थी। इसलिये उन्हें साजिश के तहत मरवाया गया है। क्योंकि, इस मामले में गवाह होने के चलते मुख्तार अंसारी ने जीवित रहते हुए जेल में जहर देकर खुद की हत्या किए जाने का शक भी जताया था।

दरअसल, गाजीपुर में 23 साल पहले 15 जुलाई सन 2001 को हुए उसरी चट्टी कांड मामले में मुख्तार अंसारी के काफिले पर माफिया बृजेश सिंह और उसके साथी त्रिभुवन सिंह द्वारा जानलेवा हमला कराए जाने का आरोप है। इस हमले में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि मुख्तार समेत आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गये थे। मुख्तार अंसारी ने इस मामले में माफिया बृजेश सिंह और उसके साथी त्रिभुवन सिंह को नामजद कराते हुए कुल 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी वादी और चश्मदीद गवाह दोनों ही था। मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन का कहना है कि मुख्तार अंसारी की गवाही के बाद बृजेश सिंह और बाकी लोगों को सजा होनी निश्चित थी। इसलिये इस एंगल से भी मुख्तार अंसारी की मौत की जांच की जानी जरूरी है।

वकील रणधीर सिंह सुमन का कहना है कि उनके परिवार में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का नेशनल प्रेसीडेंट रहा। उनके नाना उस्मान नौसेना में ब्रिगेडियर रहते हुए पाकिस्तान से लड़ते हुए शहीद हुए थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी उनके परिवार से हैं। अफजाल अंसारी समेत मुख्तार अंसारी और उनके पूरे परिवार का भी राजनीतिक प्रभाव है। ऐसे में मुख्तार अंसारी ने जब अपने इलाके में गरीबों को न्याय दिलाने की कोशिश की। तब सरकार और पूंजीपतियों की तरफ से उनके ऊपर मुकदमे कायम करवाये गये। इसलिये बृजेश सिंह मामले से जोड़कर भी मुख्तार अंसारी की मौत जांच की जानी चाहिये। क्योंकि इस मामले में गवाह होने के चलते मुख्तार अंसारी ने जीवित रहते हुए जेल में जहर देकर खुद की हत्या किए जाने का शक भी जताया था। 

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