Barabanki News: पुलिस की ज्यादती, निलंबन के बावजूद नहीं रुकी प्रताड़ना, व्यक्ति की आत्महत्या से मचा हड़कंप
Barabanki News: रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र में पुलिस की दबंगई और ज्यादती एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है।;
Police excesses not harassment despite suspension person suicide stirred (Social Media)
Barabanki News: बाराबंकी जिले के रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र में पुलिस की दबंगई और ज्यादती एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। हथौंधा चौकी क्षेत्र के कोटवा सड़क गांव निवासी दिवाकर ने रविवार सुबह अपने ही घर के के सामने बंद पड़े मकान में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार का आरोप है कि पुलिस लगातार उन पर दबाव बना रही थी और एनडीपीएस के झूठे मुकदमे में फंसाकर परेशान कर रही थी। पहले ही पुलिसकर्मियों के निलंबन और लाइन हाजिर होने के बावजूद प्रताड़ना नहीं रुकी, जिससे मानसिक रूप से टूट चुके दिवाकर ने यह कठोर कदम उठाया।
मृतक दिवाकर के भतीजे शिशु मिश्रा ने बताया कि बीते दिन उनके घर से जेवर चोरी हो गए थे, जो घर के ही एक युवक ने अपने दोस्तों को दे दिए थे। जब परिवार को इस बारे में पता चला तो उन्होंने उन लड़कों पर दबाव बनाया और पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने रात में युवकों के घर से एक बैग बरामद किया, लेकिन इसके बाद न तो परिवार को जेवर लौटाए गए और न ही कोई स्पष्ट जानकारी दी गई।
जब दिवाकर और परिवार ने इस मामले में उच्च अधिकारियों और आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की तो पुलिस ने उल्टा उन पर एनडीपीएस का मुकदमा दर्ज कर दिया और असली आरोपियों को ही पार्टी बना दिया। बाराबंकी पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए रामसनेहीघाट कोतवाली प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया और हथौंधा चौकी प्रभारी व एक सिपाही को निलंबित करती हुई अन्य चौकी पुलिस कर्मचारियों को भी लाइन हाजिर कर दिया। इसके बाद भी पुलिस की प्रताड़ना नहीं रुकी।
परिवार में कोहराम मच हुआ
इसी केस को लेकर पुलिस लगातार दिवाकर के घर दबिश दे रही थी और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही थी। पुलिसिया दबाव से बचने के लिए दिवाकर गांव से बाहर चले गए थे, लेकिन जब रविवार सुबह वे अपने घर लौटे, तो उन्हें फिर से गिरफ्तारी का डर सताने लगा। इसी मानसिक तनाव में उन्होंने रस्सी से अपने घर के सामने एक पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दिवाकर की आत्महत्या के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच हुआ है। उनका कहना है कि पुलिस की ज्यादतियों और झूठे मुकदमे के कारण ही दिवाकर ने यह आत्मघाती कदम उठाया।
न्याय की गुहार लगा रहा है
इस पूरे मामले की जड़ एक बैग बना, जिसे दिवाकर के बेटे ने अपने दोस्तों को दिया था। पुलिस ने इस बैग को संदिग्ध मानकर बरामद किया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि उसमें मादक पदार्थ था या फिर जेवर। इसी कारण रामसनेहीघाट कोतवाली प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया था और हथौंधा चौकी प्रभारी व एक सिपाही को निलंबित किया गया था। लेकिन इसके बावजूद दिवाकर को लगातार परेशान किया गया। दिवाकर का परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है। स्थानीय लोग भी इस घटना को लेकर आक्रोशित हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।