कासगंज विवाद: बरेली डीएम के विवादित पोस्ट से मचा बवाल, जानें ऐसा क्या कह डाला
कासगंज उपद्रव के बाद बरेली डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह के फेसबुक पर के पोस्ट ने प्रदेश सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। सगंज जिले में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा पर जहां सोशल मीडिया में गर्मा-गर्मी जारी थी वहीँ इसी बीच घटना का बिना उल्लेख किए बरेली के जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पूरे वाकये पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लखनऊ: कासगंज उपद्रव के बाद बरेली डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह के फेसबुक पर के पोस्ट ने प्रदेश सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। कासगंज जिले में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा पर जहां सोशल मीडिया में गर्मा-गर्मी जारी थी वहीँ इसी बीच घटना का बिना उल्लेख किए बरेली के जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पूरे वाकये पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उन्होंने लिखा:
- 'अजब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मोहल्लों में जबर्दस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई, वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए...''
दरअसल पिछली जुलाई में कांवड़ यात्रा के दौरान जब मुस्लिम बहुल खैलम से यात्रा निकालने की कोशिश की गई तो उसके बाद मचे बवाल में कांवडि़ए और आईटीबीपी के 15 जवान घायल हो गए थे उसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई और करीब ढाई सौ लोगों को पकड़ा गया।
डीएम अपनी पोस्ट में इसी घटना का जिक्र कर रहे थे। एक दूसरी पोस्ट में डीएम राघवेंद्र बिक्रम सिंह ने सवालिया लहजे में पूछा, ''चीन तो कहीं ज्यादा बड़ा दुश्मन है, उसके खिलाफ नारे क्यों नहीं लगाए जाते? चीन तो बड़ा दुश्मन है, तिरंगा लेकर चीन मुर्दाबाद क्यों नहीं?''
सोमवार रात तक साढ़े तीन सौ से अधिक लोगों ने इसे लाइक किया तो 422 लोगों ने उनके पोस्ट के बाद अपने कमेंट लिखे।
डिप्टी सीएम बोले- ऐसे बयानों से बचें अधिकारी
- बरेली डीएम के इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि ये नेताओं जैसा बयान है। किसी सरकारी अधिकारी पर ये शोभा नहीं देता, इसीलिए वो ऐसी टिप्पणियों से बचें और दूरी बनाएं।
कासगंज जिले में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसा की वजहों को लेकर सोशल मीडिया के अपने-अपने दावे हैं। इसी बीच घटना का बिना उल्लेख किए बरेली के जिलाधिकारी राघवेंद्र विक्रम सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पूरे वाकये पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने लिखा है कि मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाने और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे का अजीब रिवाज बन गया है।