Barabanki News: रैली से मेहंदी हसन का खास रिश्ता, ऐसे बनाते हैं रोजी-रोटी का जरिया

Barabanki News: रैली में बोतल से लोग पानी जरूर पीते हैं। लेकिन पानी पीने के बाद जो बोतलें उनके लिये बेकार हो जाती हैं, वह बाद में किसी की रोजी-रोटी का जरिया बन जाती है।

Report :  Sarfaraz Warsi
Update: 2024-04-30 11:49 GMT
मेहंदी हसन। (Pic: Newstrack)

Barabanki News: पूरे देश के साथ उत्तर प्रदेश में भी इन दिनों चुनावी मौसम चल रहा है। बड़े-बड़े नेता अपनी बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं। रैलियों में लोगों का हुजूम भी उमड़ रहा है। रैली में नेता हो या आम इंसान, भाषण देने और सुनने के बाद सभी वहां से चलते बनते हैं। लेकिन जितनी देर यह सब रैली स्थल पर रहते हैं। बोतल में पानी जरूर पीते हैं। लेकिन पानी पीने के बाद जो बोतलें उनके लिये बेकार हो जाती हैं, वह बाद में किसी की रोजी-रोटी का जरिया बन जाती हैं। उन बोतलों को बीनकर बाराबंकी में भी एक शख्स उससे अपनी रोजी-रोटी चला रहा है।

रैली में मिलती हैं प्लास्टिक की बोतलें

मामला बाराबंकी शहर में रहने वाले मेंहदी हसन से जुड़ा है। जिनकी रोजी-रोटी कबाड़ में बटोरी बोतलों और दूसरी चीजों को बेचकर चलती है। इनका कहना है कि बाराबंकी शहर में जब कोई रैली या सरकारी कार्यक्रम होता है, तो मानो इनकी चांदी हो जाती है। क्योंकि तब इन्हें बोतलें काफी ज्यादा मिल जाती हैं। जिन्हें इकट्ठा करकर वह कबाड़ में 10 रुपये प्रति किलो में बेच देते हैं। जिससे उन्हें उतना पैसा मिल जाता है कि उनकी रोजी-रोटी किसी तरह चल सके।

कबाड़ बेचकर चलाते हैं घर

मेंहदी हसन ने बताया कि जब कोई रैली या सरकारी कार्यक्रम होता है तो वह चले आते हैं। क्योंकि उन्हें पता रहता है कि कार्यक्रम के बाद उनीक रोजी-रोटी का अच्छा जुगाड़ होने वाला है। वह कार्यक्रम के बाद मौके पर पड़ी बोतलों को बटोरते हैं। उन्हें इकट्ठा करके कबाड़ में बेचते हैं। जिससे उनके घर में इस दिन का चूल्हा आसानी से जल जाता है। क्योंकि जब ऐसे कार्यक्रम नहीं होते, तो उन्हें कबाड़ इकट्ठा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इसलिये नेताओं की इस तरह से होने वाली रैली उनके लिये रोजी-रोटी का इंतजाम कर देती है।

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