Bareilly News: SIT को मिली बड़ी सफलता, करोड़ों रुपए की फर्जी डिग्री देने वाले प्रिंसिपल सहित तीन को भेजा जेल

Bareilly News: मामले की जांच शुरू हुई तो कुछ समय पहले कॉलेज के मालिक शेर अली जाफरी सहित डॉक्टर विजय शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।

Report :  Sunny Goswami
Update:2024-10-17 18:00 IST

Bareilly Police with accused (Photo: Social Media)

Bareilly News: बरेली -एसआईटी को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सैकड़ों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले डी फार्मा की अलग-अलग कॉलेज के नाम से फर्जी डिग्री देने वाले प्रिंसिपल सहित तीन फरार आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया है। बता दें कि इससे पहले कॉलेज के मालिक और फर्जी डॉक्टर को पुलिस पकड़कर जेल भेज चुकी है। एसपी साउथ के नेतृव में बनी एसआईटी टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है।

थाना सीबी गंज क्षेत्र में बने खुसरो कॉलेज मे डी फार्मा की फर्जी डिग्री देने का कार्य किया जा रहा था। जब छात्रों ने डिग्री लेने के बाद नौकरी के लिए अलग अलग जगह अप्लाई किया तो उनको बताया गया कि उनके पास जो डी फार्मा की डिग्री है वो फर्जी है। इसके बाद छात्रों के होश उड़ गए। कॉलेज के द्वारा करीब 400 छात्रों से तीन करोड़ 69 लाख 94 हजार फीस वसूली गई थी। मामले की जांच शुरू हुई तो कुछ समय पहले कॉलेज के मालिक शेर अली जाफरी सहित डॉक्टर विजय शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। कॉलेज के प्रिंसिपल सहित तीन आरोपी फरार चल रहे थे, जिनको पकड़ने के लिए एसएसपी ने एसपी साउथ के नेतृव में एसआईटी की टीम गठित की थी। एसआईटी की टीम ने गुरुवार को फरार चल रहे कॉलेज के प्रिंसिपल विश्वनाथ शर्मा पुत्र उमराय शर्मा निवासी सीबीगंज, कॉलेज के क्लर्क तारिक अल्वी पुत्र निजाम अली निवासी मीर खा बाबरनगर मीरगंज, जाकिर अली पुत्र कौसर अली निवासी अभयपुर थाना भोजीपुरा को जोहरपुर कट थाना सीबीगंज से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायलय में पेश करने के बाद उनको जेल भेज दिया।

आरोपियों में बंटता था कमीशन

एसआईटी द्वारा पकड़े गए तीनों आरोपियों ने बताया कि जाकिर अली और तारिक अल्वी खुसरो मेमोरियल पीजी कॉलेज में क्लर्क के पद पर कार्य करते थे। विश्वनाथ शर्मा खुसरो मेमोरियल पीजी कॉलेज में आईटीआई ब्रांच तथा मेडिकल ब्रांच में प्रधानाचार्य के पद पर थे। जाकिर अली और तारिक अल्वी के द्वारा कॉलेज में डी फार्मा का अन्य कोर्स में एडमिशन लेने वाले छात्रों से फीस लेकर रसीद दी गई तथा कुछ छात्रों से फीस के रूप में ऑनलाइन रुपए भी लिए गए तथा प्रत्येक छात्र से लिए गए फीस में दोनों लोग कमीशन भी प्राप्त करते थे।

Tags:    

Similar News