Bareilly News: लाखों के गबन के आरोपों में फंसे स्थानांतरित सचिव, एफआईआर दर्ज

Bareilly News: डीपीआरओ के आदेश पर सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) मीरगंज महेश कुमार द्वारा थाने में दी गई तहरीर में बताया गया है कि दूसरे विकास क्षेत्र में स्थानांतरित होने के बाद भी ग्राम पंचायत अधिकारी/सचिव नरेशपाल द्वारा मसीहाबाद में विकास कार्यों के नाम पर तीन पत्रावलियां प्रस्तुत कर 189492 की धनराशि अवैध रूप से निकाल लिया।

Report :  Sunny Goswami
Update: 2024-04-10 12:38 GMT

Bareilly News (Pic:Newstrack)

Bareilly News: विकास खंड मीरगंज के ग्राम पंचायत मसीहाबाद और तिलमास में तैनाती के दौरान और स्थानांतरण के बाद भी ग्राम पंचायत अधिकारी नरेशपाल द्वारा बगैर वैध बिल-वाउचर लगाए और संबंधित अधिकारियों से वित्तीय, प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति लिए बगैर ही अवैध रूप से लाखों रुपये की धनराशि निकालकर उन्हें दस्तावेजों में नहीं दर्शाने पर मीरगंज थाने में गबन और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है।

डीपीआरओ के आदेश पर सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) मीरगंज महेश कुमार द्वारा थाने में दी गई तहरीर में बताया गया है कि दूसरे विकास क्षेत्र में स्थानांतरित होने के बाद भी ग्राम पंचायत अधिकारी/सचिव नरेशपाल द्वारा मसीहाबाद में विकास कार्यों के नाम पर तीन पत्रावलियां प्रस्तुत कर 189492 की धनराशि अवैध रूप से निकाल लिया। नेत्रपाल के घर के पास हैण्डपम्प रिबोर के लिए 47254 रुपये ग्राम पंचायत के खाते से निकाल लिए गए। पत्रावली में एम0बी0, स्टीमेट तो दर्शाया गया है, दानिश रजा खां पाइप स्टोर के नाम से 38500 रुपये का एक बिल वाउचर भी प्रस्तुत किया गया है लेकिन स्टीमेट पर ग्राम प्रधान के हस्ताक्षर ही नहीं है। कार्य की कोई भी वित्तीय, प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति नहीं ली गयी है। बिना कोटेशन प्राप्त किये भुगतान किया गया है। पत्रावली में कराये गये कार्यो की कोई भी फोटो संलग्न नही है।

इसी तरह पंचायत मसीहाबाद में स्थानान्तरण उपरान्त आरोप मसीहाबाद पंचायत घर में इण्टरलाकिंग एवं मरम्मत कार्य पर 361880 रुपये का स्टीमेट बनाकर 349375 रुपये का मूल्यांकन किया गया है। 17031 रुपये फौजी बिल्डिंग मैटेरियल, 231486 रुपये सम्राट इण्टरलाकिंग और 19458 रुपये का भुगतान ज्ञानी ब्रिक इण्डस्ट्रीज को दर्शाया गया है। यानी कुल 249975 रुपये के ही व्यय बिल वाउचर पत्रावली में संलग्न हैं जबकि ई-ग्राम स्वराज बैंक स्टेटमेन्ट के अनुसार सचिव नरेशपाल द्वारा कुल धनराशि 349375 रुपये आहरित की गयी है। अवशेष धनराशि रू0 99400 का कोई बिल वाउचर पत्रावली में नहीं लगा है। साथ ही यह पूरी रकम तकनीकी, प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त किए बगैर एवं टेण्डर/कुटेशन प्रक्रिया पूर्ण किये बगैर ही नियमविरुद्ध निकाल ली गई है।

सचिव नरेशपाल का यह कार्य अनियमितता की श्रेणी में आता है। सचिव पर तीसरा गंभीर आरोप यह है कि उन्होंने ग्राम पंचायत मसीहाबाद में विभिन्न स्थानों पर नाली पर डिप निर्माण कार्य हेतु धनराशि रू0 51290 का स्टीमेट बनवाया, जिस पर 48882 का मापांकन किया गया है। फौजी विल्डिंग मैटेरियल को रू0 34831 ज्ञानी ब्रिक इण्डस्ट्रीज को रू0 5158 का भुगतान किया गया है। इस वाउचर पर भी सचिव एवं प्रधान के हस्ताक्षर नहीं हैं। उक्त कार्य भी बिना तकनीकी, प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्राप्त किए एवं निर्धारित टेण्डर/ कुटेशन प्रक्रिया अपनाए बगैर ही कराए गए हैं। मीरगंज ब्लाक की ही ग्राम पंचायत तिलमास में सचिव नरेशपाल द्वारा रू0 125000 मीरगंज ब्लाक से तबादले के बाद नियमविरुद्ध आहरित किए गए। इस रकम से गांव में बाबूराम के घर से मन्दिर तक नाला निर्माण कार्य का लागत 176914 का स्टीमेट बनवाकर रू0 171125 का मूल्यांकन कराया गया है। लेकिन पत्रावली में वाउचर के साथ जो फोटो संलग्न की गयी है वह नाले की न होकर किसी अन्य कार्य की है।

पत्रावली में न्यू शिवा ब्रिक फील्ड इण्डस्ट्रीज के नाम से 02 बिल वाउचर रू0 57318 के और शिवा इण्टरप्राईजेज और न्यू शिवा ब्रिक इण्डस्ट्रीज के नाम से एक-एक खाली वाउचर और बिल लगाए गए हैं। पत्रावली के किसी भी प्रपत्र पर सचिव के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। इस पूरे कार्य के लिए 171125 रुपये की रकम आहरित की गई थी। यानी प्रथम दृष्टया यह सरकारी रकम के गबन का गंभीर मामला लग रहा है। तिलमास गौशाला में मिट्टी भराव कार्य पत्रावली में मात्र स्टीमेंट, एम0बी0 हैं। कोई व्यय बिल- वाउचर नहीं है। गौशाला दीवार के निर्माण के लिए आहरित रू0 485965 के सापेक्ष भी कोई बिल-वाउचर पत्रावली में नहीं लगा है। ई-ग्राम स्वराज स्टेटमेन्ट के अनुसार उक्त कार्य हेतु रू0 49149 आहरित की गई है। यह भी पूर्ण रूप से गबन प्रतीत होता है। तिलमास में मेन रोड पर सियाराम के घर के सामने, शरीफ की दुकान के सामने नाला निर्माण के नाम पर भी 294184 का आहरण भी किसी भी व्यय-बिल वाउचर पर सचिव-प्रधान के हस्ताक्षरों के बगैर और टेण्डर प्रक्रिया अपनाए बगैर किया गया है जो सरकारी रकम के गबन को ही दर्शाता है।

 तिलमास में पंचायत घर के पास सोकपिट, सेफ्टी टैंक, कूड़ेदान के निर्माण के नाम पर भी रू0 189334 का आहरण बिना टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण किये तथा तकनीकी, वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति लिए किया गया है। पत्रावली के किसी भी प्रपत्र पर सचिव के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। आरोप यह भी है कि सचिव नरेशपाल द्वारा अपनी तैनाती की ग्राम पंचायतों में बिना अभिलेख तैयार किये, बिना टेण्डर व कुटेशन प्रक्रिया अपनाये तथा विना वित्तीय, प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति के धनराशि आहरित की जाती है, जो घोर अनियमितता है। इससे सिद्ध होता है कि सचिव नरेश पाल का आचरण कर्मचारी आचरण सेवा नियमावली के विपरीत है। एडीओ पंचायत की तहरीर के आधार पर मंगलवार को थाना मीरगंज में संबंधित धाराओं में स्थानांतरित सचिव नरेशपाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

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