Basti News: फर्जी कॉलेज के मामले में थम नहीं रहा गुस्सा, एफआइआर दर्ज, छात्रों में जगी न्याय की आस
Basti News: आरोप है कि फर्जी ढंग से बिल्डिंग बनाई गई, फर्जी टीचर लाए गए और फर्जी डिग्री बांट दी गई। यहां तक इस कॉलेज के संचालक भी फर्जी रहे और सबने मिलकर छात्र-छात्राओं को ठगी का शिकार बना लिया।
Basti News: बस्ती में कॉलेज से दी गई फर्जी डिग्री के खिलाफ सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने ठगी करने वाले नटवरलालों के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। फर्जी कॉलेज खोलकर नर्सिंग कोर्स के नाम पर करीब 500 से अधिक बेरोजगार युवाओं के सपने को चकनाचूर कर दिया गया। आरोप है कि फर्जी ढंग से बिल्डिंग बनाई गई, फर्जी टीचर लाए गए और फर्जी डिग्री बांट दी गई। यहां तक इस कॉलेज के संचालक भी फर्जी रहे और सबने मिलकर छात्र-छात्राओं को ठगी का शिकार बना लिया। उनका अलग-अलग नर्सिंग कोर्स में एडमिशन लिया। उनसे एक लाख से दो लाख तक की वसूली की और कई विद्यार्थियों को फर्जी डिग्री थमा दी।
कार्रवाई की मांग पर अड़े छात्र-छात्राएं
जब इस मामले में पर्दा उठा तो हड़कंप मच गया। सैंकड़ो छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतर गए, डीएम कार्यालय का घेराव किया गया, उसके बाद यह सभी छात्र-छात्राएं फर्जी नर्सिंग कॉलेज भी पहुंचे। वो कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं। खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। छात्र-छात्राओं की मांग है कि सबसे पहले उनकी जमा की गई फीस वापस की जाए। उसके बाद फ्रॉड करने वाले फर्जी कॉलेज के संचालकों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।
डीएम की तीन सदस्यीय टीम कर रही जांच
फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी है। जो पूरे प्रकरण की जांच करेगी। उसके अलावा पीड़ित छात्र-छात्राओं के परिजनों की तरफ से कोतवाली में तहरीर भी दी गई है, जिस पर अभी पुलिस जांच कर रही है।
सरदार पटेल पैरामेडिकल कॉलेज नाम से हुई धोखाधड़ी, कम फीस की लालच में फंसे छात्र
गौरतलब है कि सरदार पटेल पैरामेडिकल कॉलेज नाम से कोतवाली थाना क्षेत्र के हरदिया चौराहे पर एक नर्सिंग कॉलेज चलाया जा रहा था। यह कॉलेज लगभग चार साल से यहां संचालित हो रहा था। इस कॉलेज में नर्सिंग के अलग-अलग कोर्स करवाए जा रहे थे, छात्र-छात्राओं का कहना है कि अन्य नर्सिंग कॉलेज की अपेक्षा इस कॉलेज के संचालक बच्चों से कम फीस लेते थे। इस वजह से इस कॉलेज की तरफ अधिक से अधिक बच्चे आकर्षित होने लगे और अपने माता-पिता की गाढ़ी कमाई यहां जमा कर दी। छात्रों का कहना है कि कोर्स के नाम पर 80000 से लेकर ₹200000 तक वसूले जाते थे। जब बच्चों का कोर्स पूरा हो जाता था तो उन्हें फर्जी मोहर लगाकर डिग्री दे दी जाती थी।