Basti: परिवारवाद के सवाल पर बोले संजय निषाद- 'दूसरे का बेटा शहीद न हो इसलिए अपने बेटों को आगे लाए'

Basti News: अपने दो बेटों के सांसद और विधायक बनने के सवाल पर मंत्री ने कहा, 'हम अपने परिवार को कफन बांधकर आगे लाए हैं। निषाद पार्टी आंदोलन की पार्टी है। दूसरे का बेटा शहीद न हो इसलिए अपने बेटों को आगे लाए हैं।'

Report :  Amril Lal
Update:2023-12-12 19:25 IST

संजय निषाद (Social Media)

Basti News: उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय निषाद (Dr Sanjay Nishad) मंगलवार (12 दिसंबर) को बस्ती के अमहट घाट पहुंचे। यहां उन्होंने एक लाख मछलियों के बच्चों को नदी में छोड़ा। मीडिया से बातचीत में संजय निषाद ने सपा, बसपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने कहा, मैंने 100 पेज की किताब लिखकर पर्दाफाश किया है कि, पिछली सपा, बसपा और कांग्रेस की सरकार ने मछुआरों का कितना सत्यानाश किया। उन्होंने कहा, 1931 से 1991 तक जब हम अनुसूचित जाति में थे तो लेदर मैन, वॉशर मैन, क्राफ्ट मैन सूची में आ गए। लेकिन, फिशर मैन कहां फिसल गए उस का पता नहीं चला?

'जब हमने तलाश शुरू की तो...'

संजय निषाद ने कहा, 'जब हमने तलाश शुरू की और कोर्ट में गए तो दस्तावेज मांगा गया। दस्तावेज की तलाश शुरू की गई तो एससी की जो पब्लिक फाइल थी वह गृह मंत्रालय से गायब कर दी गई। उस समय के दो मंत्रियों के खिलाफ मैंने मुकदमा दर्ज कराया। आज हमारी सरकार है। मछुआ समाज के लिए हमारी सरकार पहल कर रही है। जिस तरह से धारा- 370 हटी, राम मंदिर बनी, महिला आरक्षण हुआ, समय आने पर मछुआ समाज को भी उनका हक मिलेगा।'

आकाश आनंद पर ये बोले संजय निषाद 

वहीं, मंत्री डॉ. संजय निषाद ने बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित करने के सवाल पर कहा कि, ये लोग घोर जातिवादी, परिवारवादी और कब्जावादी हैं। जब सपा आती है तो हमारी जमीनों और नौकरी पर कब्जा जमाती है। जब बसपा आती है तो एससी/एसटी लगाती है। सामाजिक न्याय रिपोर्ट कहती है कि, इनकी संख्या से 100 गुना ज्यादा नौकरियों पर कब्जा है।'

परिवारवाद पर ये बोले संजय निषाद 

वहीं, अपने दो बेटों के सांसद और विधायक बनने के सवाल पर मंत्री ने कहा, 'हम अपने परिवार को कफन बांधकर आगे लाए हैं। जब हम रेल आंदोलन कर रहे थे, तो हमारा एक भाई मारा गया था। निषाद पार्टी आंदोलन की पार्टी है। दूसरे का बेटा शहीद न हो इसलिए अपने बेटों को आगे लाए हैं।'

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