खुद बीयर... रम यहां लाइन में, शराबियों का तो दूर दूर तक अता पता नहीं
बनारसी फक्कड़ मिजाजी की बात ही निराली है। और मोदी की इस संसदीय सीट से एक बार फिर सोशल डिस्टेंसिंग का बड़ा संदेश निकला है। यहां शराब की दुकान के बाहर बने गोल-चौकोर घेरों में बहुत खूबसूरती से शराब की खाली बोतलों-और केन ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। और कतार में लग गईं ताकि इंसान से इंसान की दूरी बनी रहे।
लखनऊ। कहते हैं शराब पीने वाले को पीने का बहाना चाहिए। लेकिन पिएगा तो तब जब शराब पास में होगी। और ऐसा शराबी शराब को हासिल करने के लिए क्या नहीं कर सकता है। कुछ ऐसा ही नजारा कई शहरों में देखने को मिला। पीने वाले को पीने के लिए चाहिए तो बेचने वाले को भी शराबियों का इंतजार था। चूंकि जब शराबी शराब ले जाएगा तभी तो पिएगा।
वैसे लंबे समय से लॉकडाउन झेल रहे शराबियों का दर्द दुकानों पर उमड़ी भीड़ से आप आसानी से समझ सकते हैं जिसमें लाठी डंडे खाने के बाद भी भीड़ बढ़ती ही जा रही थी। और इस डर से कि कहीं फिर से बिक्री बंद न हो जाए लोगों ने शराब का भारी स्टाक खरीदने की तैयारी कर ली थी। ऐसे में शराब की खाली बोतलों को देखकर कितना दर्द होता है कोई शौकीन ही बता सकता है, लेकिन वाराणसी में खुद बीयर, रम व्हिस्की और वाइन घूंघट काढ़ कर लग गईं लाइन में तो लोग चौंक गए। क्योंकि शराबियों का तो अता पता ही नहीं था। लोग कहने लगे ये कैसा सोशल डिस्टेंसिंग का संदेश।
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए बीयर रम व्हिस्की ने संभाली ड्यूटी
बनारसी फक्कड़ मिजाजी की बात ही निराली है। और मोदी की इस संसदीय सीट से एक बार फिर सोशल डिस्टेंसिंग का बड़ा संदेश निकला है। यहां शराब की दुकान के बाहर बने गोल-चौकोर घेरों में बहुत खूबसूरती से शराब की खाली बोतलों-और केन ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। और कतार में लग गईं ताकि इंसान से इंसान की दूरी बनी रहे।
जैसे ही दुकानदार का सेल्समैन एक नंबर पुकारता था, खरीदार अपनी शराब की खाली शीशी उठाकर काउंटर पर देकर शराब खरीद लेता था।
इस संबंध में पता चला है कि ये खाली शीशियां भी दुकानदार ऩे अपने कबाड़ से निकाल कर टोकन नंबर के साथ लोगों को दी थीं। वैसे भले ही यह पहल शराब के लिए हुई हो लेकिन इसकी तारीफ जमकर हो रही है। आखिर शराबी सरकार का खजाना तो भर ही रहे हैं सोशल डिस्टेंसिंग की जिम्मेदारी का निर्वहन भी कर रहे हैं।