Bhadohi news: गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा, कई इलाकों में बाढ़ का खतरा गहराया

गंगा नदी का लगातार जलस्तर बढ़ने से व रूक-रूक कर बारिश होने से आसपास के लोगों के घरों में पानी घुस गया है।

Report :  Umesh Singh
Published By :  Deepak Raj
Update: 2021-08-11 13:58 GMT
फाइल फोटो (सोर्स- सोशल मीडिया)

Koiraun Bhadohi News: लगातार जलवृद्धि के कारण गंगा नदी उफान पर हैं। डीघ के तटीय इलाकों की हजारों बीघे फसल बर्बाद कर पानी अब बस्तियों में घुसने लगा है। पखवाड़े भर से बढ़ रहे जलस्तर में वर्षा ने भी आग में घी डालने का काम किया है। उधर जलबोर्ड कर्मचारियों के अनुसार पीछे से आ रहे कोइरौना भदोही। लगातार जलवृद्धि के कारण गंगा नदी उफान पर है। डीघ के तटीय इलाकों की हजारों बीघे फसल बर्बाद कर पानी अब बस्तियों में घुसने लगा है।


फाइल फोटो (सोर्स-सोशल मीडिया)

पखवाड़े भर से बढ़ रहे जलस्तर में वर्षा ने भी आग में घी डालने का काम किया है। उधर जलबोर्ड कर्मचारियों के अनुसार पीछे से आ रहे पानी के भारी दबाव के कारण कानपुर के बैराज के सभी 3० गेट पूरी तरह खोल दिए गए हैं। यहां से अभी तक करीब 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अभी वह पानी यहां नही पहुंचा है। जिससे जलस्तर में घटाव के आसार फिलहाल नही हैं। बस्तियों में घुसते गंगा के पानी ने खतरे की घण्टी बजा दी है।

2 सेमी प्रति घण्टे की गति से जलवृद्धि हो रहा था


सीतामढ़ी स्थित केंद्रीय जल बोर्ड के कर्मचारी दिनेश के अनुसार बुधवार को 2 सेमी प्रति घण्टे की गति से जलवृद्धि हो रहा था। दोपहर 2 बजे गंगा का जलस्तर जहां 8०.74० मीटर पर पहुंच गया था। वही शाम 6 बजे 80.820 मीटर के आंकड़े को पार कर गया। बता दें कि पिछले दशक भर के रिकॉर्ड में वर्ष 2013 में गंगा नदी का जलस्तर 81.200 मीटर के आंकड़े पर पहुंचा था। जिसका रिकॉर्ड फिलहाल अभी टूट नहीं पाया है।


फाइल फोटो (फोटो- सोशल मीडिया)


कर्मचारी बताते हैं कि जनपद में खतरे के निशान का स्तर प्रशासनिक पहल ना होने की वजह से निर्धारित नहीं हो सका है। वस्तुत: 2013 को ही साधारणतया खतरे का निशान माना जाता है। वास्तव में त्रिपथगामिनी अब रौद्र रूप धारण करती दिख रही हैं। उफनती गंगा के पानी व पानी के तेज बहाव वाली धारा देख गंगा तटवासियों में हलचल मच गई है। गंगा का पानी बुधवार को पर्यटन स्थली सीतामढ़ी घाट की तीन सीढियां नीचे था।

सीतामढ़ी घाट पर स्थित उडिय़ा बाबा आश्रम दीर्घ ऊंचाई तक गंगा की जलधारा से बुरी तरह जहां घिर गया है। बसगोती मवैया कलिक मवैया हरिरामपुर तुलसीकला धनतुलसी भभौरी छेछुआ भुर्रा इटहरा गजाधरपुर कुड़ी खुर्द मवैयाथान सिंह दुगुना गांव की तराई इलाके की हजारों बीघे अरहर व बाजरे की फसल नष्ट हो गई है। छेछुआ में कटान तेज है तो बस्तियों के समीप पानी पहुंच गया है। गांव में बने सामुदायिक शौचालय के चहुंओर पानी लग गया है।

धनतुलसी के मुस्लिम बस्ती में पानी पहुंचा

धनतुलसी के मुस्लिम बस्ती में पानी पहुंच गया है। डीघ तलवां में फसलें बर्बाद हुईं हैं। कलिक मवैया गांव के लोहार बस्ती धोबी बस्ती व कुर्मी बस्ती में पानी घुसने लगा है। गंगा के पानी से गांव निवासी राममिलन देवी प्रसाद लोहार राजेश व गोल्हई का घर गिर गया है। हरिरामपुर के मल्लाह बस्ती में पानी पहुंच गया है तो बसगोती मवैया के ठाकुर बस्ती में पानी घुस गया है। बस्ती के शेर बहादुर सिंह प्रेम बहादुर सिंह के मकान में पानी घुसने लगा है।

कुड़ीखुर्द में पाल बस्ती में पानी घुस गया है। कोनिया इलाके छेछुआ भुर्रा गजाधरपुर हरिरामपुर सहित अन्य तराई गांवों में कटान बेहद तीव्र हो गई है। बड़ी तेजी से मिट्टी के टुकड़े कटकर गंगा की गोद मे समाहित हो रहे हैं। उधर बारिस से रंगनाथ तिवारी का दालान व चिंतामणि तिवारी के जर्जर मकान का बारजा ढ़ह गया। वहीं बारीपुर व नारेपार गांव के मल्लाह बस्तियों में भी गंगा ने खतरे की घंटी बजा दी है तो अन्य उफनती गंगा के जलजले व तबाही आने की सोच अन्य तटवासियों की भी नींदे उड़ गई हैं।

कई एकड़ भूमि गंगा में समाहित हो चुकी है। उग्र होती जलधारा व कटान को देख गंगा किनारे बसे लोग भयभीत हो गए हैं। जलप्लावन का खतरा बढ़ गया है। क्षेत्र के नारेपार मठहां नाले में गंगा का पानी प्लावित हो गया है। तो नारेपार बारीपुर बॉर्डर तटीय इलाके की बस्तियों में पानी घुसने लगा है। नारेपार निवासी मंगला माझी बेन मांझी खोखा माझी मालट माझी तो बारीपुर के हरिशंकर माझी राघवराम माझी जमुना माझी आदि का कच्चा घर गंगा के पानी से घिर गया है। गंगा का पानी सेमराध नाथ धाम में गंगा घाट की चार सीढिय़ों के नीचे है।

भदोही में बाढ़ की चपेट में कई गांव, गंगा किनारे के लोग परेशान

Bhadohi News: जिले में लगातार गंगा का जलस्तर में वृद्धि होने से गंगा व उसके किनारे के लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग बाढ़ को लेकर भी काफी आशंकित हैं। कहीं-कहीं पर लेखपाल ने जाकर जायजा लिया तो किसी स्थान पर नहीं पहुंच पाए। हालांकि लोगो को इस समय काफी समस्या हो रही है। कई लोगो की फसले जलमग्न हो गई है तो कई लोगों के झोपड़ी और शौचालय में गंगा का पानी घुस गया है। जिसके कारण सांप, बिच्छू समेत कई तरह के जन्तु घरों में पहुंच रहे हैं।


 फाइल फोटो (सोर्स-सोशल मीडिया)


डीघ ब्लाक के बेरासपुर, केदारपुर और बदरी गांव में कुछ लोगों के झोपडी और घरों में पानी पहुंच गया है। बदरी गांव में राजकमल हरिजन, सोहित राम समेत कई लोगो के घर में पानी घुस गया जिससे उन्हे अपने परिवार सहित अन्यत्र रहना पड रहा है। और उनके घर में रखा सारा सामान पानी से भीगकर खराब हो गया। बदरी में स्थित विद्यालय और सार्वजनिक शौचालय भी गंगा के पानी से डूब गया है।

घर छोड़कर परिवार सहित आंगनबाड़ी में रहने पर विवश हैं लोग

इसी तरह केदारपुर निवासी झल्लर हरिजन के घर में में भी गंगा का पानी एक फीट से अधिक तक चला गया है। जिससे वे भी अपना घर छोड़कर परिवार सहित आंगनबाड़ी में रहने पर विवश हैं। पानी की अधिकता से झल्लर का घर गिर सकता है, क्योकि पानी के बहाव से दीवार कट रही है। बेरासपुर में निषाद बस्ती और धइकार बस्ती के घरों के पास गंगा का पानी पहुंच गया है। जिससे पशुओं को बांधने और रहने में लोगों को काफी मुश्किल हो रही है।

बारिश से पुरवां निवासी चिंतामणि गौड़ का घर भी बारिश की वजह से गिर गया जिससे उनके परिवार समेत राधेश्याम, शेषमणि गौड, इन्द्रभणि और गोपाल गौड़ के परिवार को भी रहने में दिक्कत हो रही है। इसी तरह क्षेत्र के विभिन्न गांवों में बारिश और बाढ़ से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रशासन के लोग केवल खानापूर्ति में जुटे है जिससे गंगा के किनारे रहने वाले लोग परेशान है। कहीं कहीं तो ऐसे भी मामले देखने को मिल रहे हैं कि खुद गांव के ग्राम प्रधान भी अपने गांव के लोगो का हाल लेने नहीं पहुचें। 


  बारिश से ढहा मकान, गली में खेल रहे बच्चे की दबकर मौत


Sonbhadra News: जनपद में दो दिन से रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी रहने से कच्चे मकानों के ढहने का सिलसिला शुरू हो गया है। बुधवार को चुर्क चौकी क्षेत्र के हरहुआ बिजरी गांव में एक ऐसा ही मकान पर ढह गया। उसी समय घर से सटी गली में खेल रहा 10 वर्षीय बालक मलबे में दब गया। यह देख मौके पर हड़कंप मच गया। आसपास के ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत कर मलबे से बच्चे को बाहर निकाला और उपचार के लिए जिला अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


घटनास्थल पर पहुंची पुलिस


इसके बाद गांव में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया। राजस्व विभाग को भी घटना की जानकारी दे दी गई है। हालांकि समाचार दिए जाने तक किसी राजस्व कर्मी के न पहुंचने के कारण ग्रामीणों में नाराजगी की स्थिति बनी हुई थी। ग्रामीणों ने बताया कि दस दिन पूर्व हुई बारिश के समय गांव में कई घरों के इर्द-गिर्द पानी जमा हो गया था। उसी समय लोगों को डर लगने लगा था कि मकान गिर सकता है।

10 वर्षीय पुत्र बच्चा राम मलबे में दब गया

10 दिन बाद बारिश थम गई तो हालात सामान्य हो गए, लेकिन मंगलवार और बुधवार को रुक-रुक कर हुई बारिश में फिर से गांव में जगह-जगह पानी जमा होने की स्थिति पैदा कर दी है। ग्रामीणों के मुताबिक पानी के चलते कमजोर हुए सिद्धनाथ मिश्रा के मकान का एक हिस्सा बुधवार की दोपहर के करीब गली की तरफ भरभराकर गिर गया। जिस समय मकान का हिस्सा गिरा उस समय गांव के कई लड़के पास में ही खेल रहे थे। अचानक मकान गिरता देख शेष बच्चे तो वहां से भाग लिए लेकिन राजकुमार विश्वकर्मा का 10 वर्षीय पुत्र बच्चा राम मलबे में दब गया।


गांव पहुंचकर हालात का जायजा लेती पुलिस


ग्रामीणों ने किसी तरफ से मलबे से बच्चे को बाहर निकाला

यह देख मौके पर हाय-तौबा की स्थिति बन गई। परिवार वालों और आसपास के ग्रामीणों ने किसी तरफ से मलबे से बाहर निकाला। तब तक वह अचेत हो चुका था। उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिवार के लोग उसे वापस लेकर घर आए। पुलिस को सूचना दी गई। पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी ली और पंचनामा की प्रक्रिया पूरी कर शव को कब्जे में लिया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।



ग्रामीणों का कहना था कि इस घटना की जानकारी राजस्व विभाग के लोगों को भी दी गई है लेकिन कोई भी राजस्व कर्मी शाम तक उनके यहां नहीं पहुंच सका था। बता दें कि बारिश को देखते हुए राजस्व कर्मियों को जर्जर मकानों को चिन्हित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इसके बावजूद अधिकांश राजस्व कर्मी तहसील मुख्यालयों पर ही बैठ कर अपना काम निपटा रहे हैं।



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