न्यूजट्रैक की खबर पर लगी मुहर, भूपेश बघेल ही बने छत्तीसगढ़ के सीएम

यहां आपको बता दें कि Newstrack.Com ने 11 दिसम्बर को ही बता दिया था कि छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही होंगे और आज न्यूजट्रैक की इस खबर पर मुहर लग गई।

Update:2018-12-16 14:23 IST

रायपुर: लंबे सस्पेंस के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया गया है। राज्य की कमान अभी तक रेस में सबसे आगे चल रहे भूपेश बघेल के हाथों में सौंपी गई है। यहां आपको बता दें कि Newstrack.Com ने 11 दिसम्बर को ही बता दिया था कि छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही होंगे और आज न्यूजट्रैक की इस खबर पर मुहर लग गई।

मध्य प्रदेश और राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ में भी एक नाम तय करने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को खूब मशक्कत करनी पड़ी।

उन दोनों राज्यों से छत्तीसगढ़ का फैसला काफी मुश्किल रहा क्योंकि यहां दो नहीं, चार-चार दावेदार थे। आखिर में बाजी भूपेश ने मारी। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है।

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भूपेश बघेल कांग्रेस प्रदेश कमिटी के प्रमुख हैं। किसान परिवार से ताल्‍लुक रखने वाले भूपेश बघेल राजनीतिक गलियारे में अपने आक्रामक तेवर के लिए जाने जाते हैं। 90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत हासिल की है।

इस जीत का सेहरा बघेल के सिर ही बांधा जा रहा है क्‍योंकि विधानसभा चुनाव से लेकर नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव की सारी रणनीति उन्‍होंने ही बनाई।

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जमीनी स्तर पर किया काम

भूपेश बघेल ने शुक्रवार सुबह कहा था कि विधायकों की सहमति से फैसला लिया गया है कि मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला पार्टी आलाकमान ले। 90 विधानसभा वाले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को 68 सीटें मिली हैं। भूपेश बघेल के नेतृत्व में ही कांग्रेस ने यह चुनाव लड़ा।

पार्टी के एक सूत्र ने कहा, 'बघेल ने जमीनी स्तर पर काम करने के साथ-साथ केंद्र और राज्य के नेताओं के साथ समन्वय किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में उन्होंने बहुत मेहनत की है।'

यूथ कांग्रेस से CM पद तक

मध्‍य प्रदेश (अब छत्तीसगढ़) के दुर्ग में 23 अगस्त, 1961 को जन्‍मे भूपेश बघेल ने 80 के दशक में कांग्रेस के साथ ही राजनीतिक पारी शुरू की थी। दुर्ग जिले में ही वह यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बने। वह 1990 से 94 तक जिला युवक कांग्रेस कमिटी, दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे। मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के 1993 से 2001 तक निदेशक भी रहे।

2000 में जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तो वह पाटन सीट से विधानसभा पहुंचे। इस दौरान वह कैबिनेट मंत्री भी बने। 2003 में कांग्रेस के सत्ता से बाहर होने पर भूपेश को विपक्ष का उपनेता बनाया गया। 2014 में उन्हें छत्तीसगढ़ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और तब से वह इस पद पर हैं।

कांग्रेस के लिए किया संघर्ष

भूपेश बघेल ने लंबे समय तक पार्टी के लिए सड़कों पर संघर्ष किया है। उन्होंने रमन सिंह सरकार के साथ-साथ पार्टी से अलग हुए अजीत जोगी से मिली चुनौती का भी सामना किया। कुर्मी क्षत्रिय परिवार से ताल्‍लुक रखने वाले बघेल राज्‍य में पार्टी की जीत पर कह चुके हैं कि राहुल गांधी ने उन्‍हें छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बहुमत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी और उन्‍होंने यह कर दिखाया।

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