स्वस्थ समाज के लिए पोषण व महिला केंद्रित कार्यक्रमों पर बड़ा बजट
वर्ष 2020-21 के दौरान पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और महिला विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्री ने यह घोषणा महिलाओं के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए की।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने वर्ष 2020-21 के दौरान पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और महिला विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव दिया है। वित्त मंत्री ने यह घोषणा महिलाओं के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए की।
छात्राओं का नामांकन अनुपात छात्रों से अधिक
लोकसभा के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा, ‘मुझे सदन को यह बताते हुए बड़ी खुशी है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के आश्चर्यजनक रूप से सुखद नतीजे देखने को मिले है। शिक्षा के सभी स्तरों पर लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात लड़कों से अधिक है। प्राथमिक स्तर पर लड़कियों का नामांकन अनुपात 94.32 प्रतिशत है, जबकि लड़कों में यह अनुपात 89.28 प्रतिशत है। माध्यमिक और उच्च शिक्षा स्तर पर भी यहीं रूझान देखने को मिले है।’
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स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण घटक के रूप में पोषण को रेखांकित करते हुए सीतारमण ने वर्ष 2020-21 के लिए पोषण संबंधी कार्यक्रमों हेतु 35,600 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने पोषण अभियान का जिक्र किया, जिसे वर्ष 2017-18 में बच्चों (0-6 वर्ष), किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करने वाली माताओं की पोषणात्मक स्थिति में सुधार के लिए लांच किया गया था।
छह लाख से अधिक आंगनवाडि़यों को स्मार्ट फोन
वित्त मंत्री ने कहा कि 10 करोड़ से अधिक परिवारों की पोषणात्मक स्थिति को अपलोड करने के लिए 6 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए गए है। यह अभूतपूर्व है।
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सीतारमण ने कहा कि भारत की प्रगति से महिलाओं के लिए अवसर उपलब्ध हो रहे है। वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकती है और अपने कैरियर को संवार सकती है। इसलिए लड़कियों के मां बनने की उम्र संबंधी पूरे मामले को नए दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है। उन्होंने इस उद्देश्य के लिए एक कार्यबल के गठन का प्रस्ताव, जो 6 महीने की अवधि में अपनी सिफारिशें देगा।