RO-ARO Paper Leak: पेपर लीक रोकने के लिए बड़ा फैसला, वित्त विहीन स्कूलों में नहीं होगी परीक्षा
पेपर को सुचारु रुप से संचालित कराने के लिए अब हर सेंटर पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी अनिवार्य होगी। बता दें कि पहले एक सेक्टर मजिस्ट्रेट चार से पांच एग्जाम सेंटर पर प्रश्न पत्र पहुंचाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कोषागार से प्रश्न पत्र लेकर आने की जिम्मेदारी भी सेक्टर मजिस्ट्रेट की होगी।
RO-ARO Paper Leak: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से पेपर लीक रोकने के लिए कुछ अहम फैसले लिए गए हैं। प्रदेश में होने वाली भर्ती परीक्षाओं में लगातार हो रहा गड़बड़ी के कारण आयोग ने छह बड़े बदलाव करने का निर्णय लिया है। जिसके अनुसार अब किसी भी वित्त विहीन स्कूलों में परीक्षा नहीं आयोजित की जाएंगी। पेपर लीक मामले में जांच के दौरान कई बातों का खुलासा हुआ। जांच में वित्त विहीन स्कूलों के लीक प्रकरण में शामिल होने की जानकारी मिली है।
आयोग ने किए छह बड़े बदलाव
पेपर लीक को रोकने के लिए आयोग ने छह बदलाव किए हैं। बाहर से पेपर देने आने वाले अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए एग्जाम सेंटर्स को जिला मुख्यालय से पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर रखा जाएगा। इसके साथ प्रश्न पत्र को सेक्टर मजिस्ट्रेट के सामने खोला जाएगा। पेपर को सुचारु रुप से संचालित कराने के लिए अब हर सेंटर पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी अनिवार्य होगी। बता दें कि पहले एक सेक्टर मजिस्ट्रेट चार से पांच एग्जाम सेंटर पर प्रश्न पत्र पहुंचाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कोषागार से प्रश्न पत्र लेकर आने की जिम्मेदारी भी सेक्टर मजिस्ट्रेट की होगी। वह अपनी उपस्थिति में ही प्रश्न पत्र को वितरित कराएंगे।
आरओ-एआरओ का पेपर हुआ था लीक
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से 11 फरवरी को समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (RO-ARO) परीक्षा आयोजित कराई गई थी। लेकिन इस परीक्षा में पेपर लीक होने का मामला सामने आया था। करीब 10 लाख 76 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा में प्रतिभाग किया था। प्रदेश के 58 जिलों के लगभग 2400 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित कराई गई थी। पेपर लीक का मामला सामने आने पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद आयोग ने लीक मामले की जांच कराई। जांच के बाद अब आयोग ने भर्ती परीक्षा में कई अहम बदलाव करने का फैसला लिया है।