Lucknow News: वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ पसमांदा समाज का बड़ा विरोध-प्रदर्शन: कानून वापस लेने की मांग, वक्फ संपत्तियां पसमांदा मुसलमानों की धरोहर: मंसूरी

पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी के नेतृत्व में मंगलवार को देशभर में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध जताया गया।;

Update:2025-03-11 17:27 IST

Lucknow News: Photo-Social Media

Lucknow News: पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी के नेतृत्व में मंगलवार को देशभर में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध जताया गया। इस कानून के खिलाफ लाखों लोगों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराया। गौरतलब है कि अनीस मंसूरी लंबे समय से इस अधिनियम का विरोध करने के साथ इस कानून को पसमांदा मुसलमानों के अधिकारों पर हमला बता चुके हैं।

अनीस मंसूरी ने कहा कि वक्फ संपत्तियां पसमांदा मुसलमानों की धरोहर हैं और इस पर किसी भी तरह की सरकारी दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंसूरी ने आरोप लगाया कि यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों के जबरन अधिग्रहण की साजिश है, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। सरकार का यह कदम पसमांदा मुसलमानों के हक और उनकी जमीन छीनने की कोशिश है।

देशभर में हुआ विरोध प्रदर्शन

इस विरोध प्रदर्शन के तहत उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटका, तेलंगाना सहित अन्य राज्यों में लाखों लोगों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। अनीस मंसूरी ने कहा कि यह विरोध सिर्फ एक शुरुआत है और अगर सरकार ने इस अधिनियम को वापस नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

वहीं पसमांदा मुस्लिम समाज ने सरकार से मांग किया कि वह इस संशोधन को तत्काल वापस लिया जाए। अन्यथा इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पसमांदा मुसलमानों को उनके अधिकारों से वंचित करने की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

आंदोलन होगा और तेज

पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने बताया कि इस कानून के खिलाफ समाज में असंतोष लगातार बढ़ रहा है। कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने भी इस अधिनियम का विरोध किया है और इसे पसमांदा मुसलमानों के हक पर कुठाराघात है। मंसूरी ने स्पष्ट किया कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो विरोध प्रदर्शन को और व्यापक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हर लोकतांत्रिक और संवैधानिक उपाय अपनाएंगे।

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