नोएडा: बिसाहड़ा के अखलाक परिवार के खिलाफ पशु क्रूरता कानून के तहत मुकदमा दर्ज होगा या नहीं, इसका फैसला 14 जुलाई
को होगा। सीजेएम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोमवार को ग्रामीणों ने अपना पक्ष रखा और सुबूत प्रस्तुत किए।कोर्ट ने अपना
फैसला सुरक्षित रख लिया है।
मुकदमे के लिए याचिका
-बिसाहड़ा के लोगों ने मथुरा लैब की रिपोर्ट आने के बाद अखलाक के परिवार के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मांग की थी।
-कोर्ट ने छह जुलाई को सुनवाई में ग्रामीणों से साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा था।
-मथुरा लैब की फोरेंसिक रिपोर्ट में मांस का सैंपल गौ वंश के होने की पुष्टि हुई थी।
-रिपोर्ट के बाद याची सूरजपाल ने जारचा थाने में तहरीर दी थी।
-एसएसपी ने सीओ को इसकी जांच सौंपी थी, लेकिन जांच जारी होने के हवाला से मामला लटका हुआ था।
-ऐसे में सूरजपाल की ओर से कोर्ट में याचिका दायर की गई।
-याचिका में अखलाक के परिवार के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी।
पेश किए सुबूत
-पांच पेज की याचिका में 25 से 28 सितंबर तक की पूरी बात कही गई है।
-याचिका के अनुसार अखलाक ने खुद कबूल किया था, कि उससे गलती हो गई।
-सोमवार को सूरजपाल की ओर से कोर्ट में फोटो और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, जिस पर फैसला कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया।