Amit Shah Kairana: शाह ने कैराना में दी पलायन के मुद्दे को हवा, जय श्री राम के नारों से पश्चिमी यूपी में बढ़ी सियासी तपिश
Amit Shah Kairana: अमित शाह के इस दौरे का सबसे उल्लेखनीय पहलू उन परिवारों से मुलाकात करना था जो कैराना कस्बे से पलायन कर गए थे मगर 2017 में राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद वापस लौट आए।
Amit Shah Kairana: केंद्रीय गृह मंत्री (Home Minister Amit Shah Kairana) और भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने शनिवार को अपने दौरे से सर्द मौसम में कैराना की सियासी तपिश बढ़ा दी। जनवरी 2014 के आठ साल बाद कैराना के दौरे पर पहुंचे शाह ने घर-घर जाकर पर्चे बांटने के साथ ही लोगों से समर्थन देने की अपील भी की। शाह के इस दौरे का सबसे उल्लेखनीय पहलू उन परिवारों से मुलाकात करना था जो कैराना कस्बे से पलायन कर गए थे मगर 2017 में राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद वापस लौट आए। शाह के इस दौरे के समय कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे गूंजते रहे। शाह के इस दौरे से साफ हो गया कि भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर कानून व्यवस्था और 2017 से पहले हिंदू परिवारों के पलायन के मुद्दे को हवा देने में जुटी हुई है।
किसान आंदोलन की वजह से इस बार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा को अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शाह ने अपने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे की शुरुआत कैराना कस्बे से करके भाजपा का सियासी एजेंडा तय कर दिया है। रैलियों और रोड शो पर आयोग के प्रतिबंध के कारण शाह ने घर-घर संपर्क करने का तरीका अपनाया। जानकारों का मानना है कि शाह के इस दौरे से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रचार को नई गरमाहट मिली है।
लोगों से फिर मांगा भाजपा के लिए समर्थन
शनिवार को कैराना में शाह के दौरे के समय मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ था और हल्की बूंदाबांदी भी हो रही थी। इसके बावजूद शाह के इर्द-गिर्द कार्यकर्ताओं का हुजूम इकट्ठा हो गया। शाह ने घर-घर लोगों से संपर्क करने के साथ भाजपा के पर्चे बांटे और लोगों से एक बार फिर पार्टी को समर्थन देने की अपील की। शाह के साथ चल रहे कार्यकर्ताओं की ओर से लगातार जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाए जा रहे थे और इन नारों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासी तपिश को और बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद शाह अभी तक दिल्ली में पार्टी की चुनावी रणनीति और उम्मीदवारों का नाम तय करने में ही जुटे हुए थे।
शाह के दौरे से गरमाया पलायन का मुद्दा
तारीखों के ऐलान के बाद उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत के लिए कैराना कस्बे का चुनाव भी सोची समझी रणनीति के तहत किया। कैराना हमेशा से भाजपा के टॉप एजेंडे में रहा है और पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी हिंदू परिवारों के पलायन के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया था। शाह ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के अपने पहले दौरे में भी उन हिंदू परिवारों से मुलाकात की जो पलायन कर गए थे। हालांकि बाद में 2017 में प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद इन परिवारों ने वापस लौटने का फैसला किया था। इन परिवारों से मुलाकात करके शाह ने बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की कि भाजपा के राज में किसी को भी डरने या घबराने की जरूरत नहीं है।
प्रदेश में स्थापित हुआ कानून का राज
भाजपा नेताओं की ओर से इलाके में जोर-शोर से यह बात कही जा रही है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद हिंदुओं का पलायन रुक गया। इसलिए प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने के लिए भाजपा सरकार को एक बार फिर समर्थन देना जरूरी है। पलायन करने वाले परिवारों से मुलाकात के बाद शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यहां बदले हुए हालात देखकर मुझे मानसिक तौर पर काफी सुकून मिला है।
उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हुई है। इसलिए कानून का राज स्थापित करने के लिए लोगों को भाजपा को समर्थन देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी कैराना से काफी संख्या में हिंदुओं ने पलायन किया था मगर आज जब मैं लोगों से मिला तो लोगों ने कहा कि अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। प्रदेश में योगी सरकार का गठन होने के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।