UP News: अखिलेश पर गरम और मायावती पर नरम, बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के बयानों से मिल रहे बड़े सियासी संकेत
UP News: बुधवार को पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा के प्रत्याशियों की सूची पर जमकर हमला बोला।
UP News: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछनी लगी है। वर्तमान सियासी परिदृश्य के मुताबिक, प्रदेश में मुख्य लड़ाई एनडीए, इंडिया और बसपा के बीच नजर आ रही है। हालांकि, कांग्रेस को अभी भी उम्मीद है कि देर-सवेर मायावती की अगुवाई वाली बसपा को इंडिया ब्लॉक में एडजस्ट कर लिया जाएगा। लेकिन समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर उसे जोर का झटका दे दिया है। इन सबके बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की एक नई रणनीति दिख रही है।
बुधवार को पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा के प्रत्याशियों की सूची पर जमकर हमला बोला। लिस्ट में यादव परिवार के तीन सदस्यों का नाम होने का जिक्र कर उन्होंने परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगाया। चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की पहली ही सूची में परिवार के तीन लोग हैं, इसी से समझ लेना चाहिए यह परिवारवादी पार्टी है।
सपा के नेता अपनी विरासत और परिवार को बचाने के लिए काम करते हैं। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह अपने परिवार को बचाने के लिए गठबंधन है। ये लोग पिछले 10 साल से गठबंधन में ही चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन चुनाव के बाद गठबंधन कहां चला जाता है, किसी को नहीं पता। वहीं, जब बसपा प्रमुख को लेकर बीजेपी नेता से सवाल किया गया तो उनके तेवर पूरी तरह से बदल गए।
यूपी बीजेपी प्रमुख ने मायावती को देश की बड़ी नेता बताते हुए कहा कि वह प्रदेश की तीन बार मुख्यमंत्री रही हैं। वह किस गठबंधन में रहेंगी उन्हें अपने बारे में निर्णय लेना चाहिए। अखिलेश पर गरम और मायावती पर भूपेंद्र चौधरी के नरम रूख से साफ जाहिर है कि बीजेपी बसपा सुप्रीमो के सहारे दलित मतदाताओं को संदेश देना चाह रही है। वेस्ट यूपी में जाट-मुस्लिम के संभावित गठजोड़ को देखते हुए दलित वोट पार्टी के लिए काफी अहम हो जाता है।
ज्ञानवापी पर क्या बोले बीजेपी प्रमुख
वाराणसी के ज्ञानवापी मामले पर भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि हमारे देश के 140 करोड़ लोगों को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। कोर्ट जो निर्णय लेगा, उसका स्वागत किया जाएगा। बता दें कि बुधवार को वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार दे दिया था, जिसके बाद देर रात डीएम और कमिश्नर की मौजूदगी में 31 वर्षों बाद पूजा-अर्चना हुई।