तारिक कासमी पर बोले बृजलाल, आतंकी को बचाने में जुटे थे अखिलेश यादव
भाजपा सांसद व पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश बृजलाल ने एक बयान जारी कर तारिक कासमी को ‘हूजी’ आतंकवादी बताया है। उन्होंने कहा कि तारिक को बाराबंकी से 2008 में मेरे निर्देशन में गिरफ़्तार किया गया था।
लखनऊ: गोरखपुर के सनसनीखेज सीरियल बम ब्लास्ट मामले में सजा पाने वाले तारिक कासमी को हूजी आतंकवादी बताते हुए यूपी के पूर्व डीजीपी व भाजपा सांसद बृजलाल ने कहा कि तारिक को बचाने में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। उन्होंने कहा कि आतंकी ताकतों के इशारे पर मेरे खिलाफ भी पुलिस में मुकदमा कराया गया।
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तारिक को बाराबंकी से 2008 में मेरे निर्देशन में गिरफ़्तार किया गया था
भाजपा सांसद व पूर्व पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश बृजलाल ने एक बयान जारी कर तारिक कासमी को ‘हूजी’ आतंकवादी बताया है। उन्होंने कहा कि तारिक को बाराबंकी से 2008 में मेरे निर्देशन में गिरफ़्तार किया गया था। बसपा सुप्रीमो बहन मायावती ने तुष्टिकरण के तहत निमेष आयोग बनाया और सपा नेता अखिलेश यादव ने बाराबंकी में गिरफ़्तारी का मुक़दमा वापस लिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों मुख्यमंत्रियों के शासन में आतंकवादियों को खुला संरक्षण दिया गया। तारिक को लखनऊ, अयोध्या कचहरी धमाके में पहले ही आजन्म कारावास की सजा मिल चुकी है ।
इसके बावजूद इसे बचाने की कोशिशें दोनों सरकार में जारी रहीं। मायावती ने 2009 संसदीय चुनाव में तुष्टिकरण की राजनीति के तहत आरडी निमेष आयोग का गठन किया था।
अखिलेश यादव ने एक कदम आगे बढ़ते हुए बाराबंकी में तारिक क़ासमी और आतंकी ख़ालिद मुजाहिद की गिरफ़्तारी का मुक़दमा वापस ले लिया। अदालत ने सहमति नहीं दी और तारिक को आजन्म कारावास की सजा दे दी। इसी दौरान 18 मई 2013 को जब दोनों आतंकी अयोध्या कचहरी में सुनवाई के बाद वज्र वाहन से लौट रहे थे। रास्ते में लू लगने से मडिय़ांहू जौनपुर निवासी आतंकी ख़ालिद मुजाहिद की मृत्यु हो गयी। अखिलेश सरकार ने इस घटना के बाद तुष्टिकरण की हद कर दी। मेरे व तत्कालीन डीजीपी विक्रम सिंह सहित 42 पुलिसकर्मियों पर बाराबंकी कोतवाली में हत्या का मुक़दमा क़ायम करवा दिया।
अखिलेश यादव तो विशेषकर मेरे पीछे पड़े रहे
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव तो विशेषकर मेरे पीछे पड़े रहे। उन्हें बताया गया कि यदि मुझे जेल भेज दिया जाय तो 2014 संसदीय चुनाव में पूरा अल्पसंख्यक वोट समाजवादी पार्टी को मिल जाएगा। अखिलेश ने मुझे जेल भेजने का प्रयास किया लेकिन मामला झूठा होने के बावजूद केवल अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश कर डाली। सीबीआई ने मामला आधारहीन होने के कारण जाँच नहीं की। तब अखिलेश यादव ने इसे यूपी सीबीसीआईडी के हवाले कर दिया। सीबीसीआईडी ने मेरे विरुद्ध फर्ज़ी साक्ष्य गढऩे का प्रयास किया परंतु तब तक योगी आदित्यनाथ की सरकार आ गयी।
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योगी सरकार आने के बाद मुक़दमे से मुक्ति मिली।
उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के मुक़दमे की पैरवी और निमेष आयोग की पैरवी वकील मोहम्मद शोएब करता रहा जिसने रिहाई मंच बनाकर कई महीने तक आतंकवादियों को छोडऩे के लिए धरना दिया। वह मेरी गिरफ़्तारी की माँग करता रहा। इस मंच में ‘ टुकड़े - टुकड़े गैंग’ के लोग सक्रिय रहे। शोएब के साथ सेवनिवृत्ति आईजी एसआर दारापूरी , राजीव यादव , संदीप पांडेय ने मुख्य भूमिका निभायी । इन्हीं लोगों ने सीएएस के विरोध में तोड- फोड़ करवाई जिसमें मोहम्मद शोएब , दारापूरी सहित कई लोग जेल भेजे गये। पूर्व डीजीपी ने कहा कि आज मुझे बेहद खुशी है कि हूजी के ख़तरनाक आतंकी तारिक को गोरखपुर गोल घर धमाके में आजन्म कारावास की सजा मिल गयी।
रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी
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