रामकृष्ण वाजपेयी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति के तहत भारतीय जनता पार्टी ने 109 बिन्दुओं पर एक वृहद् जनसंपर्क कार्यक्रम तैयार किया है। इसके तहत बूथवार मतदाताओं की पहचान के लिए सभी जिला सामुदायिक नेताओं के साथ बैठकें और सरकारी योजनाओं के तीन करोड़ लाभार्थियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए 13 हजार पांच सौ व्हाट्सएप ग्रुपों का गठन शामिल है।
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गठबंधन से बनने वाले समीकरण की संभावना को देखते हुए सचेत भाजपा ने अपने कार्यक्रमों को 28 फरवरी से शुरू करने का फैसला किया है। इसमें नारा रहेगा फिर एक बार, मोदी सरकार। पार्टी ने यह विस्तृत कार्यक्रम चुनावी झटके को देखते हुए तैयार किया है। खासकर गोरखपुर, फूलपुर और कैराना उपचुनाव में मिले झटकों के बाद ये तैयारियां की जा रही हैं। इन उपचुनावों में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने हाथ मिलाए थे। भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। 2014 के चुनाव में भाजपा को यूपी से 71 सीटें मिली थीं जबकि दो उसके सहयोगी दल को मिली थीं। उस समय मुख्य विपक्षी दल सपास बसपा और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़े थे।
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विशेष कार्यक्रम और लक्ष्य निर्धारित
उत्तर प्रदेश के लिए तैयार की गई विस्तृत कार्ययोजना के तहत भाजपा के महिला, युवा, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, किसान और अल्पसंख्यक समेत सात फ्रंटल संगठनों की राज्य, जिला, विधानसभा क्षेत्र, सेक्टर व प्रत्येक बूथ इकाई के लिए विशेष कार्यक्रम और लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा 17 अन्य प्रकोष्ठों के लिए अलग से जिम्मेदारियां तय की गई हैं। इस योजना पर काम अगस्त से शुरू हुआ था। संभावना है कि इसे फरवरी के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसलिए पार्टी की योजना प्रशिक्षण और सांगठनिक ढांचे को तैयार करने की है। इसके साथ ही जमीनी स्तर पर बूथ कमेटियों की बैठकों के साथ कार्यक्रम दिवाली के बाद शुरू हो जाएगा।
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कमजोर बूथों की पहचान
सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने सपा-बसपा गठबंधन की ताकत का आकलन उन बूथों की पहचान करके पहले ही कर लिया है जहां पिछले दो लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सपा-बसपा को सामूहिक रूप से भाजपा से अधिक वोट मिले हैं। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों के एक लाख 63 हजार बूथ चार श्रेणियों में विभाजित किए गए हैं। पार्टी पहली श्रेणी के बूथों को सुरक्षित मानकर चल रही है क्योंकि यहां पार्टी हमेशा जीतती रही है। दूसरी श्रेणी में वे बूथ हैं जहां भाजपा ज्यादा बार जीती है। तीसरी श्रेणी में वे बूथ हैं जहां पार्टी कभी कभार जीती है और चौथी श्रेणी में वे बूथ हैं जहां पार्टी कभी नहीं जीती है। पार्टी की योजना में विकास दूतों की नियुक्ति भी शामिल है। योजना के अनुसार पार्टी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की सूची प्राप्त करेगी और एक पार्टी कार्यकर्ता,जो लाभार्थियों में शामिल होगा, को विकास दूत बनाएगी।
नवंबर में समन्वय समितियों की बैठक
नवंबर में भाजपा 403 विधानसभा क्षेत्रों में समन्वय समितियों की बैठक करेगी। 17 नवंबर को कमल संदेश मोटरसाइकिल रैली 80 लोकसभा क्षेत्रों में निकाली जाएगी जिसमें यह नारा गूंजेगा कि 2019 में फिर एक बार मोदी सरकार। फसलों पर अधिकतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के साथ चौपाल और सम्मेलन कराए जाएंगे। दिवाली के बाद पार्टी की युवा शाखा दो अभियान शुरू करेगी। पहला एक देश, एक चुनाव और दूसरा सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ सेल्फी। यह फोटो पार्टी की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर जारी किए जाएंगे।
दिसंबर में निकलेगी पदयात्राएं
दिसंबर में एक से 15 दिसंबर तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में पदयात्रा निकाली जाएंगी जिसमें नेता तिरंगा लेकर चलेंगे। 23 दिसंबर को किसान दिवस पर सरकारी योजना के एक-एक लाभार्थी से जनसंपर्क के तहत कार्यक्रम होगा। महिला सुशासन दिवस 25 दिसंबर को मनाया जाएगा। जनवरी में 360 ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में संवाद किसान जागरुकता अभियान चलाया जाएगा। कमल विकास ज्योति महाअभियान में सरकारी योजनाओं के लाभार्थी 26 फरवरी को अपने घरों में दिये जलाएंगे। कुंभ मेला में किसानों से बातचीत की जाएगी।
संघ से समन्वय पर जोर
बूथ कमेटियों और लोकसभा क्षेत्रों के प्रभारी नेताओं से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से समन्वय स्थापित करने को कहा जाएगा। वे मठों, मंदिरों और आश्रमों के पुजारियों-महंतों से समन्वय भी स्थापित करेंगे। अनुसूचित जाति की शाखा के नेतृत्व में एक अभियान बुद्ध विहार, कबीर मठ, रविदास मंदिर और अन्य मठों में जनसंपर्क का भी चलाया जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच के वकीलों के सम्मेलन कराए जाएंगे।
सरकारी उपलब्धियों के बखान के लिए नुक्कड़ नाटक कराए जाएंगे। मेडिकल सेल फ्री मेडिकल चेकअप कैंप लगाएगी और पूर्वांचल में जल जनित बीमारियों के प्रति जागरुकता कार्यक्रम चलाएगी।