Agra News: गर्मी से बेहाल होकर सांप ले रहे शहरों में शरण, वाइल्डलाइफ एसओएस कर रही रेस्क्यू
Agra News: उत्तर प्रदेश के कुछ जिले लू और गर्मी के चपेट में है। इस भंयकर लू और गर्म में सांप और अन्य जंगली जानवरों आश्रय के लिए ठंडे स्थानों की खोज में जंगल के बाहर निकल रहे हैं
Agra News: उत्तर प्रदेश के कुछ जिले लू और गर्मी के चपेट में है। इस भंयकर लू और गर्म में सांप और अन्य जंगली जानवरों आश्रय के लिए ठंडे स्थानों की खोज में जंगल के बाहर निकल रहे हैं। यहीं काऱण है कि आगरा और मथुरा जैसे शहरों में वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट को काफी व्यस्त रखा हुआ है। अकेले पिछले एक सप्ताह में, टीम ने 18 से अधिक साँपों से जुड़ी रेस्क्यू कॉल्स का जवाब दिया है, जिसमें 5 फुट लंबे रैट स्नेक की कॉल भी शामिल है, जिसे आगरा के दयालबाग स्थित पुष्पा फार्म के अंदर मैरिज हॉल से रेस्क्यू किया गया था।
उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से लू की चपेट में हैं जिसके कारण सांप और अन्य जंगली जानवरों को आश्रय के लिए ठंडे स्थानों की तलाश में जंगल से बाहर निकलने को मजबूर होना पड़ रहा है। यही वजह है की आगरा और मथुरा में वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट काफी व्यस्त है।
ठंडे स्थानों की तलाश में सांप जंगल से निकल रहे
आगरा के दयालबाग स्थित पुष्पा फार्म के मैरिज हॉल से पांच फुट लंबे रैट स्नेक को बचाया गया। गर्मी से राहत की तलाश में सांप ने एयर कूलर में शरण ली थी। वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने सावधानी से सांप को बाहर निकाला और कपड़े के बैग में स्थानांतरित कर दिया गया।
एक परिवार के घर में पांच फुट लंबे कोबरा मिलने से हड़कंप
इसी बीच, मथुरा के रायपुरा जाट स्थित पिपरोथ गांव में रहने वाले परिवार को पांच फुट लंबे कोबरा और वुल्फ स्नेक ने झकझोर कर रख दिया. दोनों सांप ईंट की चारदीवारी के खांचे के बीच दिखाई दिए, जिसके तुरंत बाद वाइल्डलाइफ एसओएस टीम ने दोनों साँपों को सुरक्षित रूप से बचाया। इसके बाद पुलिस लाइन, आगरा में एक घर के बगीचे से टीम ने वुल्फ स्नेक भी रेस्क्यू किया। वहीं एनजीओ ने आगरा के राजपुर चुंगी स्थित प्रेम नगर में एक घर के किचन सिंक से मॉनिटर लिजार्ड को भी बचाया। बचाए गए इन सभी सांप एवं मॉनिटर लिजार्ड को कुछ घंटों के लिए निगरानी में रखने के बाद वापस जंगल में छोड़ दिया गया।
अधिक गर्मी सांपों की संख्या बढ़ जाती है
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि ऐसी घटनाएं वाइल्डलाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट की स्थापना के पीछे प्रेरक शक्ति रही हैं। हमारा लक्ष्य लोगों में जंगली जानवरों के प्रति शिक्षा और जागरूकता फैला कर गलतफहमियों को दूर करना है जिससे वे इन अविश्वसनीय जानवरों के प्रति संवेदनशील बने और हमारे संरक्षण के प्रयासों का समर्थन करें। उन्होंने आगे कहा कि अधिक गर्मी के साथ ही साँपों से जुड़ी रेस्क्यू कॉल्स बढ़ जाती है, इसलिए हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे हमारी हेल्पलाइन पर ऐसी किसी भी घटना को रिपोर्ट करें। पिछले एक हफ्ते में ही, हमने ऐसी 18 से अधिक कॉल्स का जवाब दिया है।