Aligarh News: नरसिंहानंद सरस्वती ने मोहन भागवत पर दिया ऐसा बयान, जानकर आपको नहीं होगा विश्वास
Aligarh News: रसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि मोहन भागवत जैसे नेता अगर आरएसएस में और होते रहे तो संगठन खत्म होने में ज्यादा दिन नहीं लगेगा।
Aligarh News: अलीगढ़ में सोमवार को 'भारत में बढ़ता इस्लामिक जिहाद' विषय पर नौरंगाबाद स्थित सनातन भवन में आयोजित गोष्ठी में डासना मंदिर के पीठाधीश्वर और भारतीय संत परिषद के संजोयक स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने मोहन भागवत के डीएनए वाले बयान पर कहा कि मोहन भागवत जैसे नेता अगर आरएसएस में और होते रहे तो संगठन खत्म होने में ज्यादा दिन नहीं लगेगा।
उन्होंने कहा कि मोहन भागवत और औरंगजेब का डीएनए एक हो सकता है। वह अपने डीएनए की बात करें। हिंदू समाज के ठेकेदार नहीं हैं। आरएसएस अपने कार्यकर्ताओं की बात करे। आरएसएस जैसी संस्था पर बैन लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पब्लिक बैन लगा देगी। काठ की हांडी बहुत लंबे समय तक नहीं चलती।
वहीं फरहान अख्तर की फिल्म 'तूफान' पर बोलते हुए यति नरसिंहानंद ने कहा कि लव जिहाद को बढ़ाने के लिए यह फिल्म बनाई गई है और बॉलीवुड इसी काम में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड की सफाई बहुत जरूरी है जितने भी मुसलमान बॉलीवुड में हैं। वे सभी जेहादी हैं। ऐसे जिहादियों का घर जेल होना चाहिए। इसके लिए सरकार को सख्त कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार इस तरह की फिल्मों पर बैन लगाये।
यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि मुसलमानों में बच्चे हिंदुओं से ज्यादा हैं। जनसंख्या कानून बनाकर योगी सरकार एक कदम आगे बढ़ी है। ये शुरुआत है, लेकिन और सख्त कानून की अभी जरूरत है। उन्होंने कहा कि जितना कड़ा कानून चीन में है। वैसा ही कानून देश में बनना चाहिए। दंडात्मक प्रावधान होना चाहिए। तब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण मामले में भारत को चीन जैसी रणनीति बनानी चाहिए।
ओपेक देश द्वारा कश्मीर मसले को हल करने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने पर उन्होंने कहा कि ओपेक देश मुसलमानों का संगठन है और उन्हें के माध्यम से कश्मीर का मुद्दा हल नहीं हो पा रहा है। दुनिया में जहां भी जेहाद चलता है। उसका सबसे बड़ा फाइनेंसर सऊदी अरब है। वह चाहते हैं कि कश्मीर भारत से अलग हो। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को ओपेक देशों से कोई समझौता नहीं करना चाहिए, हम उनसे तेल खरीदते हैं और उनकी धमकी भी सहन करते हैं। अगर भारत तेल न खरीदें, तो वहां भुखमरी की नौबत आ जाएंगे। भारत सरकार को अपनी शर्तों पर काम करना चाहिए।