Etah News: सरकारी आंकड़ेबाजी में उलझी स्वास्थ्य व्यवस्था, वैक्सीन को लेकर भटक रहे लोग

कोरोनावायरस कि वैक्सीन को लेकर एटा के लोग को भटकना पड़ रहा है, लोग अस्पताल जाते हैं लेकिन वैक्सीन नहीं होने के कारण उन्हें लौटना पड़ रहा है

Report :  Sunil Mishra
Published By :  Deepak Raj
Update:2021-07-31 19:21 IST

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-सोशल मीडिया)

Etah News: देश मे तबाही मचा चुके कोरोना से जहां आम आदमी आज भी डरा हुआ है वहीं सरकारी आंकड़ों में सरकारी कर्मचारियों की बाजीगरी सर्व विदित है जो आज भी जारी है। एटा जनपद कोरोना के प्रारंभ काल से आजतक कागजी आंकडेबाजी के लिये प्रसिद्ध रहा है एटा ने आज तक सिर्फ फर्जी कागजी आंकड़ेबाजी से अपनी पीठ हमेशा थपकवाई हैं। जैसा कि सरकारी आंकड़ों में केंद्र सरकार बता चुकी है कि देश मे ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नही हुई है। जबकि वास्तविकता सभी के सामने है।

कोरोना टीका का पर्चा दिखाता व्यक्ति


आपको बताते चलें कि सरकार ने देश मे वैक्सीन की कमी न होने की लगातार घोषणाओं के बाद भी एटा मुख्यालय पर लगायी जा रही वैक्सीन की भारी कमी है जिस कारण सप्ताह में दो या तीन दिन ही वैक्सीन लगती है। शेष दिनों में वैक्सीन लगवाने आने वाले लोगो को वैक्सीन न होने के कारण वापस जाना पड़ता है। जिससे सरकारी सूचना(मैसेज) के बाद अपने निजी व ज़रूरी कार्यों को छोड़कर वैक्सीन लगवाने के लिए आने वाले लोगो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

दोनो डोज लगवाने के बाद प्राप्त हो रहे मैसेज


साथ ही उन्हें आने के बाद वापस जाने में आर्थिक व मानसिक परेशानी भी होती है। ऐसा ही एक वाक्या एटा जनपद निवासी 62 वर्षीय राम खिलाड़ी निवासी लालगडी नंदगांव ने बताया कि मैंने कोविड़ वैक्सीन कि पहली डोज़ 18 मार्च 2021 को लालगड़ी स्वास्थ्य केंद्र पर लगवाई थी। उसके बाद दूसरी डोज़ मैंने 30 अप्रैल 2021 को जिला महिला चिकित्सालय एटा में लगवाई। किन्तु दोनो डोज़ लगने के बाद भी मेरे फ़ोन पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा पुनः कोविड़ वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगवाने के लिए मैसेज लगातार प्राप्त हो रहे हैं।

साथ ही मेरे द्वारा कोविड़ वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगवाने के बाद भी आज तक मेरा ऑनलाइन आने वाला वैक्सीन प्रमाण पत्र नही आया है। उन्होंने कहा की मैने कई बार ऑनलाइन चेक कराया लेकिन मेरी दूसरे डोज़ शेष दर्शा रहा है। उक्त सम्बन्ध में जिला मलेरिया अधिकारी लोकमन ने बताया कि यह कोई बड़ी समस्या नही है वह अपना आई डी और वैक्सीन कार्ड लेकर आ जाये ये टेक्निकल कमी है हम इसे सही कर देंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कई बार फोन मिलाने के बाद भी वार्ता नहीं हो सकी।

जानकारी के अभाव में दर-दर की ठोकरे खा रहे लोग

वहीं आज के इस आधुनिक युग में भी ऐसे बहुत से गरीब लोग ऐसे हैं जिनपर आज भी मोबाइल नहीं है जबकि सरकार द्वारा आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। वह जानकारी के अभाव में दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। जबकि सरकार द्वारा जनसेवा केन्द्र से वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन की मुफ्त सुविधा आम आदमी को उपलब्ध करा दी है। युवा छात्र कल्याण परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने सरकार से बिना रजिस्ट्रेशन कराये लोगो के वैक्सीन सेंटर पहुंच जाने पर तुरंत वही रजिस्ट्रेशन कर वैक्सीनेशन कराने की मांग की है।

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