Happy friendship day: 17 सालों से निभा रहे दिवंगत डॉक्टर की दोस्ती

डॉ. रमाशंकर सिंह और शिकोहाबाद के डॉ. रवि सिंघल की दोस्ती बनी मिशाल...

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Published By :  Ragini Sinha
Update: 2021-08-01 10:36 GMT

पारिवारिक समारोह में डॉ. रमाशंकर सिंह पत्नी संग (फाइल फोटो)

आज के समय में भी कुछ लोग कृष्ण-सुदामा की तरह अपने रिश्ते को मजबूत बनाए हुए हैं। एक-दूसरे का ख्याल तो रखते ही हैं। साथ ही एक-दूसरे के परिवार की रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार होते हैं। ऐसी ही एक दोस्ती फिरोजाबाद में भी देखने को मिली। यह दोस्ती दो चिकित्सकों की है। शहर के नामचीन नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रमाशंकर सिंह और शिकोहाबाद के डॉ. रवि सिंघल की आगरा में 1977 में एसएन कॉलेज में पढ़ाई के दौरान मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों जल्द ही अच्छे दोस्त बन गए।

 दोनों दोस्तों ने एक ही स्ट्रीम में की पढ़ाई

 पहले रमाशंकर सिंह ने नेत्र रोग में एमएस किया। एक। साल उनसे जूनियर रवि सिंघल ने भी इसी स्ट्रीम से एमएस किया। 26 जुलाई 1987 को डॉक्टर सिंह ने अपना आंख का अस्पताल शुरू किया, तो वहीं रवि सिंघल ने 12 अगस्त को अपना अस्पताल खोला।

2003–04 में डॉक्टर सिंघल के पेट में कैंसर हो गया था

2003–04 में डॉक्टर सिंघल के पेट में कैंसर का पता चला, तो उसके दोस्त डॉक्टर सिंह ने महाराष्ट्र के टाटा मेडिकल में उनका इलाज करवाया। तीन महीने बाद फिर से उनकी तबियत बिगड़ गई। डॉक्टर सिंह ने बताया कि दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उन्होंने रवि से वादा किया था की वह उनका साथ कभी भी नहीं छोड़ेंगे। अब डॉक्टर रवि के निधन के बाद उनके दोस्त के सामने आर्थिक संकट आ गया है। परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं। ऐसे में डॉक्टर रविशंकर सिंह ने एक तरीका ढूंढ निकाला है। पहले वे प्रतिदिन दोपहर तक और अब वह प्रत्येक गुरुवार को अपने दोस्त डॉक्टर रवि के क्लिनिक पर बैठते है। यहां से ने वाली फीस वह अपने दिवंगत दोस्त की पत्नी को सौंप देते हैं।

डॉक्टर रमाशंकर सिंह की फाइल फोटो

17 सालों से कर रहे अपने दोस्त की मदद

डॉक्टर सिंह को बताते हैं की, वह 17 साल से हर गुरुवार को अपने दिवंगत दोस्त रविशंकर के क्लिनिक में काम कर रहे हैं और वहां से आने वाली फीस को वह अपने दिवंगत दोस्त के परिवार की मदद कर रहे हैं।

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