SP Singh baghel: दारोगा से कानून मंत्री तक, बेहद दिलचस्प है बघेल का राजनीतिक सफर
एसपी बघेल की पिछड़ों के बड़े नेता के तौर पर पहचान है, सबसे खास ये कि सपा के गढ़ वाले क्षेत्रों में उनकी भूमिका काफी प्रभावी है। बघेल समाज की हर सीट पर उनकी पकड़ काफी मजबूत है।
आगरा: उत्तर प्रदेश में सात महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, बीजेपी इसकी तैयारियों में लग गई है। इसका असर मोदी मंत्रिमंडल में भी दिखाई दिया है। बुधवार को हुए केंद्रीय कैबिनेट विस्तार में यूपी के सात सांसदों को मंत्री बनाया गया है। इसमें आगरा से बीजेपी सांसद प्रो. सत्यपाल सिंह बघेल (एसपी बघेल) का भी नाम शामिल है। एसपी बघेल 5 बार के सांसद हैं और योगी मंत्रिमंडल में भी कैबिनेट मंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें आगरा से प्रत्याशी बनाया और वह जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे।
एसपी बघेल की पिछड़ों के बड़े नेता के तौर पर पहचान है, सबसे खास बात ये कि समाजवादी पार्टी के गढ़ वाले क्षेत्रों में उनका भूमिका काफी प्रभावी है। पिछड़ा वर्ग में खासकर बघेल समाज की हर सीट पर उनकी पकड़ काफी मजबूत मानी जाती है। इसी को ध्यान में रखकर उन्हें पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट में शामिल किया है। प्रो. एसपी बघेल का अनुभव उनके काम आया और वह अब केंद्र में कानून राज्य मंत्री के रूप में अपने तजुर्बे का इस्तेमाल करेंगे। एसपी बघेल के राजनीतिक सफर की कहानी रोचक और दिलचस्प है।
कौन हैं एसपी सिंह बघेल?
प्रो. एसपी सिंह बघेल का जन्म 1960 में यूपी के औरैया जिले के भटपुरा में हुआ था। इनके पिता रामभरोसे सिंह मध्य प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात थे। एसपी सिंह बघेल का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित यशवंतराव होल्कर अस्पताल में हुआ। पिता रामभरोसे खरगौन से रिटायर हुए। इसलिए प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा सभी मध्यप्रदेश में ही हुई। उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में सब इंस्पेक्टर के तौर पर भर्ती होने के बाद एसपी सिंह बघेल को पहली अहम जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का सुरक्षागार्ड बनने की मिली।
मुलायम सिंह ने सुरक्षा गार्ड बनाया सांसद
1989 में मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद एसपी बघेल मुलायम सिंह यादव के सुरक्षा में शामिल हो गए और उनके नजदीक आने का मौका मिला तो उन्होंने मुलायम सिंह यादव का भी दिल जीत लिया। मुलायम सिंह यादव ने उनको जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर 1998 में पहली बार उतारा और वह जीते। उसके बाद दो बार सांसद चुने गए। 2010 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा। साथ ही राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी दी।
रामगोपाल यादव के बेटे के खिलाफ लड़े चुनाव
प्रो. एसपी सिंह बघेल 2014 में फिरोजाबाद लोकसभा से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के सामने चुनाव लड़े। हालांकि वह यह चुनाव हार गए। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बना गए। बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचार के रूप में भूमिका निभाई। जिससे तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उनसे काफी प्रभावित हुए और वह शाह के काफी करीबी बन गए।
2017 में टूंडला सुरक्षित सीट से बने विधायक
2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी ने एसपी बघेल को 2017 के विधानसभा चुनाव टूंडला सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीत गए। इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में शामिल किया गया। कैबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने पशुधन, लघु सिंचाई एवं मत्स्य विभाग संभाला।
2019 में कठेरिया का टिकट कटा, बघेल को मिला
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर एसपी बघेल पर विश्वास जताते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया जैसे बड़े नेता का टिकट काटकर उन्हें आगरा से लोकसभा सीट से उन्हें चुनाव लड़ाया। बघेल ये चुनाव जीते और योगी मंत्रीमंडल से इस्तीफा देकर फिर से संसद पहुंच गए। अब लंबे इंतजार के बाद पीएम मोदी ने उन पर भरोसा जताया है और उन्हें कानून राज्य मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है।
एसपी बघेल की शिक्षा
प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से मिलिट्री साइंस में पीएचडी की है। इससे पहले उन्होंने एलएलबी, एमए और एएमसी की डिग्री भी हासिल की है। अब उनकी एलएलबी की डिग्री केंद्र सरकार के कानून में काम आएगी।
दिलचस्प है लव स्टोरी
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल राजनीति में तो माहिर है ही, साथ ही प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल की प्रेम कहानी भी बेहद दिलचस्प और फिल्मी है। खुद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल की धर्मपत्नी मधु बघेल ने खुशी के मौके पर मीठी यादों के झरोखे से कुछ पन्ने पलटे और लव स्टोरी की बात न्यूजट्रैक के साथ साझा की । एक समय था जब मधु बघेल प्रोफेसर, एसपी सिंह बघेल के राजनीति में आने के फैसले से बेहद खफा थी। मधु बघेल ने बताया कि प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल से उनकी पहली मुलाकात वर्ष 1985 में करधना मेरठ में हुई थी । उस समय प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर हुआ करते थे।
मधु पुरी बन गईं मधु बघेल
उस दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का करधना के स्कूल में कार्यक्रम था, प्रो. बघेल के राउडी अंदाज उन्हें बेहद पसंद आया था। करधना मेरठ में हुई मधुपुरी और दरोगा सत्यपाल सिंह बघेल की मुलाकात 4 साल तक परिवारों की उधेड़बुन के बाद वर्ष 1989 में विवाह के बंधन में बंध गई। मधुपुरी अब मधु बघेल हो गई हैं, मधु बघेल ने बताया कि उनका परिवार दोनों के विवाह के लिए तैयार था, लेकिन प्रोफ़ेसर बघेल के परिवार के सभी सदस्य उस समय शादी के लिए तैयार नहीं हो रहे थे, लेकिन जब परिवार के लोगों की मुलाकात मधु बघेल से हुई तो उन्होंने शादी के रिश्ते के लिए हां कर दी और दोनों की शादी हो गई