बीआरडी में बच्चों की मौत का मामला, निलंबित किए गए तीन डाक्टर हुए बहाल

वर्ष 2017 के अगस्त माह में गोरखपुर के बीआरडी मेड़िकल कालेज में आक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के कारण 60 बच्चों की हुई मौत के मामले में निलंबित चल रहे बीआरडी...

Update: 2020-03-06 10:32 GMT

लखनऊ। वर्ष 2017 के अगस्त माह में गोरखपुर के बीआरडी मेड़िकल कालेज में आक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के कारण 60 बच्चों की हुई मौत के मामले में निलंबित चल रहे बीआरडी मेडिकल कालेज के तत्कालीन कार्यवाहक प्रधानाचार्य डा. राजीव मिश्रा और डा. सतीश कुमार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बहाल कर दिया है।

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बहाली के बाद डा. राजीव मिश्रा को आचार्य पैथोलॉजिस्ट के पद पर और डा. सतीश कुमार को एनेस्थीसिया लॉजिस्ट के पद पर तैनाती की गई है। इसके साथ ही इसी मामले में निलंबित हुई डा.पूर्णिमा शुक्ला को भी बहाल किया गया है लेकिन वह सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। बहाली आदेश में यह भी कहा गया है कि डा. राजीव मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्यवाही जारी रहेगी।

केंद्र व प्रदेश सरकार सकते में आ गई थी

गौरतलब है कि वर्ष 2017 में 10 और 11 अगस्त को ऑक्सीजन सप्लाई बाधित होने की वजह से दर्जनों मासूमों की मौत हो गई थी। इस मामले ने पूरे देश को दहला दिया था। केंद्र व प्रदेश सरकार सकते में आ गई थी। काफी किरकिरी होने व बढ़ते दबाव को देखते हुए 23 अगस्त को 9 आरोपियों के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

इसके बाद इस केस को गोरखपुर के गुलरिहा थाने में ट्रांसफर कर दिया गया था। सीओ कैंट को इस मामले में विवेचना अधिकारी बनाया गया है। इन नौ आरोपियों में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ.राजीव मिश्र, उनकी पत्नी डा.पूर्णिमा शुक्ला, डा. सतीश, डा. कफील खान सहित मेडिकल कॉलेज के कई कर्मी व ऑक्सीजन गैस सप्लायर मनीष भंडारी का नाम शामिल था।

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आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 308, 120 बी, 420, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 8, इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 के सेक्शन 15, आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 66 के तहत केस दर्ज है।

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