UP Politics: अखिलेश यादव की हमदर्दी के बाद मायावती का बड़ा बयान,सपा और कांग्रेस के साथ अब कभी नहीं होगा गठबंधन

UP Politics: सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामअचल राजभर ने भी भविष्य में दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावना जताई थी मगर मायावती ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-08-25 05:12 GMT

 Akhilesh Yadav or Mayawati Alliance 

UP Politics: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने साफ कर दिया है कि अब किसी भी चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साथ बसपा का गठबंधन नहीं होगा। मायावती के खिलाफ भाजपा के एक विधायक की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव की ओर से मायावती के प्रति हमदर्दी जताई गई थी। इसके बाद सपा और बसपा के बीच गठबंधन को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामअचल राजभर ने भी भविष्य में दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावना जताई थी मगर मायावती ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है।

कांग्रेस ने नहीं किया अंबेडकर का सम्मान

बसपा मुखिया मायावती ने प्रयागराज में शनिवार को कांग्रेस की ओर से आयोजित संविधान सम्मान समारोह को लेकर भी सवाल उठाया। इस कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संबोधित किया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया मैं कांग्रेस को दोगले चरित्र वाली पार्टी बताया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के अनुयायी कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेंगे। कांग्रेस ने संविधान के मुख्य निर्माता अंबेडकर को जीते जी या मरणोपरांत कभी भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया। अंबेडकर के मूवमेंट को आगे बढ़ाने वाले मान्यवर काशीराम का देहांत होने पर कांग्रेस की ओर से एक दिन का राष्ट्रीय शोक भी नहीं घोषित किया गया। केंद्र में कांग्रेस सरकार और उत्तर प्रदेश में सपा सरकार ने काशीराम के निधन पर राजकीय शोक नहीं घोषित किया। इनकी ऐसी दोगली सोच,चाल और चरित्र से सजग रहने की आवश्यकता है।

कांग्रेस ने क्यों नहीं कराई जातीय जनगणना

मायावती ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस की ओर से अब लगातार राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराने की मांग की जा रही है। केंद्र में भाजपा के सत्ता में आने से पहले कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए की सरकार थी। कांग्रेस को इस बात का जवाब देना चाहिए कि उस समय जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई गई? अपनी सरकार के समय कांग्रेस ने जातीय जनगणना के मुद्दे पर लगातार चुप्पी साधे रखी। मायावती ने कहा कि संविधान के तहत एससी और एसटी को आरक्षण मिला हुआ है मगर अब वर्गीकरण और क्रीमीलेयर के जरिए इसे निष्प्रभावी बनाने की साजिश रची जा रही है। कांग्रेस, सपा और भाजपा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। क्या इन दलों का यही प्रेम है? ऐसे में इन सभी दलों से सतर्क रहने की जरूरत है।

सपा और कांग्रेस के साथ नहीं होगा गठबंधन

उत्तर प्रदेश की सियासत में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन की अटकलों को भी मायावती ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब भविष्य में सपा और कांग्रेस के साथ उनकी पार्टी का किसी भी प्रकार का गठबंधन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस जैसी आरक्षण विरोधी पार्टियों के साथ अब किसी भी चुनाव में गठबंधन करना क्या एससी-एसटी और ओबीसी वर्गों के हित में होगा? यह इन वर्गों के हित में कतई नहीं होगा। ऐसे में इन वर्गों को अपने दम पर खड़े होना चाहिए।

अखिलेश की हमदर्दी के बाद उड़ी थीं अटकलें

दरअसल शुक्रवार को एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने बसपा मुखिया मायावती को भ्रष्टतम मुख्यमंत्री बताया था। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस बयान की तीखी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि यूपी की पूर्व महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ भाजपा विधायक का बयान दर्शाता है कि भाजपाइयों के मन में महिलाओं के प्रति कितनी कटुता भरी हुई है। उन्होंने भाजपा विधायक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की भी मांग की थी। अखिलेश के इस बयान के बाद मायावती ने भी शुक्रिया अदा किया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश की सियासत में दोनों दलों के करीब आने की अटकलें लगाई जा रही थीं मगर अब मायावती ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है।

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