UP Politics: सपा-रालोद गठबंधन से बसपा सांसद की सियासी राह हुई मुश्किल, दानिश अली के अमरोहा से चुनाव लड़ने पर संकट

UP Politics: उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे पर बातचीत फाइनल नहीं हो चुकी है मगर इसके पहले ही दोनों दलों ने एकजुटता का इजहार करते हुए आपसी गठबंधन को मजबूत को बनाने की घोषणा कर दी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-01-20 10:32 IST

Danish Ali  (photo: social media )

UP Politics: समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में गठबंधन का ऐलान कर दिया है। हालांकि अभी उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे पर बातचीत फाइनल नहीं हो चुकी है मगर इसके पहले ही दोनों दलों ने एकजुटता का इजहार करते हुए आपसी गठबंधन को मजबूत को बनाने की घोषणा कर दी है।

दोनों दलों के बीच हुए इस गठबंधन से बसपा के निलंबित सांसद दानिश अली की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि दानिश अली ने जिस सीट अमरोहा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का मन बनाया था, वह सीट भी राष्ट्रीय लोकदल के कोटे में जाने वाली है। ऐसी स्थिति में दानिश अली की आगे की सियासी राह मुश्किल हो सकती है।

सपा-कांग्रेस के बीच अभी तक सीट बंटवारा नहीं

इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच अभी तक उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर आखिरी फैसला नहीं हो सका है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तीन दौर की बातचीत के बावजूद अभी तक सीट बंटवारे को आखिरी रूप नहीं दिया जा सका है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव का कहना है कि हमने आधा सफर तय कर लिया है जबकि आधा रास्ता बाकी है।

दूसरी ओर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का कहना है कि दोनों दलों के बीच सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है और यदि अगले दौर की बातचीत में मामला नहीं सुलझा तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी इस बाबत सपा मुखिया अखिलेश यादव से बातचीत करेंगे।

अमरोहा सीट रालोद के कोटे में

इस बीच सपा और रालोद के बीच गठबंधन से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि सपा की ओर से कुछ ऐसी सीटें राष्ट्रीय लोकदल को दी जा रहे हैं जिनकी डिमांड कांग्रेस की ओर से की गई थी।

जानकार सूत्रों का कहना है कि सपा के साथ गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को सात सीटें मिली हैं। इन सीटों में ज्यादातर पश्चिमी यूपी की सीटें हैं। सूत्रों के मुताबिक गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को मेरठ, मथुरा, बागपत, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, अमरोहा और कैराना सीट मिली है। इस स्थिति में कांग्रेस और खास तौर पर अमरोहा के बीएसपी सांसद दानिश अली की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।

अब दानिश का चुनाव लड़ना मुश्किल

दरअसल पिछले दिनों बसपा मुखिया मायावती ने कांग्रेस से बढ़ती नजदीकी के कारण अपनी पार्टी के सांसद दानिश अली को निलंबित कर दिया था। इसके बाद दानिश अली ने कांग्रेस का हाथ थामने का मन बना लिया है। लोकसभा में भाजपा सांसद की ओर से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी दानिश से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे थे।

हाल में दानिश अली ने राहुल गांधी की अगुवाई में निकलने वाली कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी हिस्सा लिया था। इसके बाद उनका कांग्रेस के टिकट पर अमरोहा से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था। अब अगर सपा की ओर से अमरोहा सीट राष्ट्रीय लोकदल को दी जाती है तो दानिश अली के आगे की सियासी रहा मुश्किल हो जाएगी।

उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान खाली हाथ रहना पड़ सकता है क्योंकि दानिश अली ने पहले ही अमरोहा से एक बार फिर चुनाव लड़ने की बात कही थी।

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